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अलवर के बहरोड़ में गंदे पानी और कीचड़ से निकली शव यात्रा

बहरोड़ में गंदे पानी व कीचड़ के बीच अंतिम यात्रा निकाली गई. नजारा देख हर किसी की आंखें नम थी. बहरोड़ से बानसूर की और जाने वाली 11 कि.मी सड़क बनाने में सवा दो साल बीत गए. ग्रामीणों के मकान तोड़कर रास्ता तो खोद दिया लेकिन आज तक सीसी सड़क का निर्माण नहीं हो पाने से रास्ते में पानी भर जाता है, जिससे हर जगह गाद और कीचड़ नजर आता है.

Last journey dirty water, कीचड़ में अंतिम यात्रा
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Published : Sep 11, 2019, 12:37 PM IST

बहरोड़ (अलवर). प्रशासन की अनदेखी के चलते गंदे पानी और कीचड़ के बीच से अंतिम यात्रा निकाली गई. यह मार्मिक नजारा देख हर किसी की आंखों में आसूं आ गए. यह पूरा घटनाक्रम बहरोड के गोकुलपुर गांव में देखने को मिला. यहां पर गांव के बुजुर्ग महिला की मौत हो जाने के बाद उसकी अंतिम यात्रा को गांव के मुख्य मार्ग से कीचड़ और गंदे पानी के बीच से निकालना पड़ा.

बहरोड़ में गंदे पानी और कीचड़ के बीच निकली अंतिम यात्रा

बता दें कि बहरोड़ से बानसूर की और जाने वाली 11 कि.मी सड़क बनाने में सवा दो साल बीत गए. ग्रामीणों के मकान तोड़कर रास्ता तो खोद दिया. लेकिन आज तक सीसी रोड का निर्माण नहीं हो पाने से रास्ते में पानी भर जाता है. साथ ही जीवन नारकीय हो गया है. इस मामले में ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन देकर अवगत भी कराया. लेकिन न तो ग्रामीणों की ठेकेदार ने सुनी और न ही स्थानीय प्रशासन ने. इसका नजारा बुधवार को दिखाई पड़ा. इससे तो यह साफ हो गया कि यहां का सरकारी सिस्टम खराब हो गया है.

पढ़ें- अलवर: ट्रेन की चपेट में आने से पूर्व सैनिक घायल

बहरोड़ उपखंड़ मुख्यालय से मात्र पांच किमी दूर गांव गोकुलपुर के ग्रामीण नरकीस जिंदगी जीने को मजबूर हैं. दरअसल, एनएच 8 से गांव पहाड़ी तक 11 किमी सड़क एनसीआरपीबी के तहत करीब 11.58 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही थी. गांव में कुछ दूरी पर सीसी सड़क बना दी. लेकिन फिर काम बंद कर दिया गया.

बहरोड़ (अलवर). प्रशासन की अनदेखी के चलते गंदे पानी और कीचड़ के बीच से अंतिम यात्रा निकाली गई. यह मार्मिक नजारा देख हर किसी की आंखों में आसूं आ गए. यह पूरा घटनाक्रम बहरोड के गोकुलपुर गांव में देखने को मिला. यहां पर गांव के बुजुर्ग महिला की मौत हो जाने के बाद उसकी अंतिम यात्रा को गांव के मुख्य मार्ग से कीचड़ और गंदे पानी के बीच से निकालना पड़ा.

बहरोड़ में गंदे पानी और कीचड़ के बीच निकली अंतिम यात्रा

बता दें कि बहरोड़ से बानसूर की और जाने वाली 11 कि.मी सड़क बनाने में सवा दो साल बीत गए. ग्रामीणों के मकान तोड़कर रास्ता तो खोद दिया. लेकिन आज तक सीसी रोड का निर्माण नहीं हो पाने से रास्ते में पानी भर जाता है. साथ ही जीवन नारकीय हो गया है. इस मामले में ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन देकर अवगत भी कराया. लेकिन न तो ग्रामीणों की ठेकेदार ने सुनी और न ही स्थानीय प्रशासन ने. इसका नजारा बुधवार को दिखाई पड़ा. इससे तो यह साफ हो गया कि यहां का सरकारी सिस्टम खराब हो गया है.

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बहरोड़ उपखंड़ मुख्यालय से मात्र पांच किमी दूर गांव गोकुलपुर के ग्रामीण नरकीस जिंदगी जीने को मजबूर हैं. दरअसल, एनएच 8 से गांव पहाड़ी तक 11 किमी सड़क एनसीआरपीबी के तहत करीब 11.58 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही थी. गांव में कुछ दूरी पर सीसी सड़क बना दी. लेकिन फिर काम बंद कर दिया गया.

Intro:सरकार की अनदेखी के चलते गंदे पानी व कीचड़ से अंतिम यात्रा निकाली गई । यह मार्मिक नजारा देख हर किसी की आंखों में आसूं आ गए । यह पूरा घटनाक्रम बहरोड के गोकुलपुर गांव में देखने को मिला । जहां पर एक बुजुर्ग महिला के शव की अंतिम यात्रा गांव के मुख्य मार्ग से कीचड़ गंदे पानी से निकालना पड़ा ।Body:बहरोड - एंकर- सरकार की अनदेखी के चलते गंदे पानी व कीचड़ से अंतिम यात्रा निकाली गई । यह मार्मिक नजारा देख हर किसी की आंखों में आसूं आ गए । यह पूरा घटनाक्रम बहरोड के गोकुलपुर गांव में देखने को मिला । जहां पर गांव के बुजुर्ग महिला की मौत हो जाने के बाद उसकी अंतिम यात्रा गांव के मुख्य मार्ग से कीचड़ गंदे पानी से निकालना पड़ा । आपको बता दे कि बहरोड से बानसूर की और जाने वाली 11 किमी सड़क बनाने में सवा दो साल बीत गए । ग्रामीणों के मकान तोड़कर रास्ता खोदकर डाला लेकिन आज तक सीसी सड़क का निर्माण नही हो पाने से रास्ते में पानी भर जाने से जीवन नरकीय हो गया है। इस मामले में ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन देकर अवगत भी करा दिया लेकिन न तो ग्रामीणों की ठेकेदार ने सुनी और ना ही स्थानीय प्रशासन ने । जिसका नजारा आज देखने को मिला ।।इससे तो यह साफ हो गया कि यहां का सरकारी सिस्टम खराब हो गया है ।
आपको बता दे कि बहरोड़ उपखंड़ मुख्यालय से मात्र पांच किमी दूर गांव गोकुलपुर के ग्रामीण नरकीस जींदगी जीने को मजबूर हैं। दरअसल एनएच 8 से गांव पहाड़ी तक 11 किमी सड़क एनसीआरपीबी के तहत करीब 11 .58 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही थी। गांव में कुछ दूरी पर सीसी सड़क बना दी। लेकिन फिर काम बंद कर दिया गया। byte_ gramin mahilaConclusion:सरकार की अनदेखी के चलते गंदे पानी व कीचड़ से अंतिम यात्रा निकाली गई । यह मार्मिक नजारा देख हर किसी की आंखों में आसूं आ गए । यह पूरा घटनाक्रम बहरोड के गोकुलपुर गांव में देखने को मिला । जहां पर गांव के बुजुर्ग महिला की मौत हो जाने के बाद उसकी अंतिम यात्रा गांव के मुख्य मार्ग से कीचड़ गंदे पानी से निकालना पड़ा । आपको बता दे कि बहरोड से बानसूर की और जाने वाली 11 किमी सड़क बनाने में सवा दो साल बीत गए । ग्रामीणों के मकान तोड़कर रास्ता खोदकर डाला लेकिन आज तक सीसी सड़क का निर्माण नही हो पाने से रास्ते में पानी भर जाने से जीवन नरकीय हो गया है।
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