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देश का जायका बढ़ा रही अलवर की हरी मिर्च, 30 करोड़ पहुंचा सालाना कारोबार

अलवर की हरी मिर्च की मांग तेजी से (Alwar green chillies in demand) बढ़ी है. जिसका असर यह है कि किसान से लेकर व्यापारी तक खासा खुश नजर आ रहे हैं. वहीं, सालाना कारोबार 30 करोड़ के पार पहुंच चुका है...

Alwar green chillies demand increased
Alwar green chillies demand increased
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Published : Dec 18, 2022, 1:12 PM IST

जायका बना रही अलवर की हरी मिर्च

अलवर. प्याज के बाद अब अलवर की हरी मिर्च पूरे देश में (Alwar green chillies demand increased) अपनी विशेष पहचान बनाने लगी है. यहां की हरी मिर्च की डिमांड दिल्ली-मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में अधिक है. ये मिर्च स्वाद में तीखी होने के साथ ही किसान के लिए फायदे का सौदा भी साबित हो रही है. लिहाजा आज आलम यह है कि इसकी खेती करने वाले किसानों की नित्य संख्या बढ़ रही है. वहीं, सालाना यहां 30 करोड़ से अधिक का कारोबार हो रहा है. दरअसल, अलवर राजधानी दिल्ली के नजदीक है. इसलिए प्रतिदिन बड़ी मात्रा में सब्जियां अलवर से दिल्ली के आजादपुर मंडी को जाती हैं. अलवर मंडी देश की बड़ी मंडियों में शामिल है. वहीं, बीते कुछ सालों से यहां की हरी मिर्च भी लोगों के जायके में शामिल होने लगी है.

व्यापारियों ने बताया कि इस साल करीब 1600 हेक्टेयर में किसानों ने हरी मिर्च की खेती की. इसकी खेती मार्च से नवंबर और दिसंबर के बीच अधिक होती है, क्योंकि इस समयावधि में पैदावार अधिक (Annual turnover reaches 30 crores) होने से किसानों को ज्यादा फायदा होता है. सबसे अच्छी बात यह है कि मिर्च का पौधा एक बार लगाने पर सात से आठ बार उसमें मिर्च आती है.

इसे भी पढ़ें - Jaipur Mandi Rate: अनाज और सब्जी मंडियों में यह रहे सामग्रियों के आज के दाम, जानिए भाव...

साथ ही बाजार में मिर्च के भाव आम सब्जियों की तुलना में (Alwar farmers happy) अधिक रहते हैं. इसलिए किसान को इससे अधिक मुनाफा होता है. होलसेल बाजार में इस समय हरी मिर्च 30 से 50 रुपए किलो तक बिक रही है. जबकि रिटेल मार्केट में 60 रुपए किलो की दर से. ऐसे भी सर्दियों में इसकी डिमांड बढ़ जाती है.

व्यापारी सौरभ कालरा ने कहा कि अलवर की हरी मिर्च तीखी होती है. इसलिए इसकी डिमांड दिल्ली-मुंबई, गुड़गांव और नोएडा जैसे मेट्रो शहरों में हमेशा बनी रहती है. नॉनवेज खाने वाले लोग इस मिर्च को ज्यादा पसंद करते हैं. कृषि विभाग की तरफ से लगातार किसानों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इसलिए किसान भी अब हरी मिर्च की खेती में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

30 करोड़ से ज्यादा का व्यापार: व्यापारियों ने बताया कि हर साल अलवर में हरी मिर्च का व्यापार बढ़ रहा है. जो 25 से 30 करोड़ तक जा पहुंचा है. प्रतिदिन जिले के विभिन्न हिस्सों से हरी मिर्च दिल्ली के आजादपुर मंडी में बिकने के लिए जाती है. जिससे किसानों और व्यापारी दोनों को ही लाभ हो रहा है.

जायका बना रही अलवर की हरी मिर्च

अलवर. प्याज के बाद अब अलवर की हरी मिर्च पूरे देश में (Alwar green chillies demand increased) अपनी विशेष पहचान बनाने लगी है. यहां की हरी मिर्च की डिमांड दिल्ली-मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में अधिक है. ये मिर्च स्वाद में तीखी होने के साथ ही किसान के लिए फायदे का सौदा भी साबित हो रही है. लिहाजा आज आलम यह है कि इसकी खेती करने वाले किसानों की नित्य संख्या बढ़ रही है. वहीं, सालाना यहां 30 करोड़ से अधिक का कारोबार हो रहा है. दरअसल, अलवर राजधानी दिल्ली के नजदीक है. इसलिए प्रतिदिन बड़ी मात्रा में सब्जियां अलवर से दिल्ली के आजादपुर मंडी को जाती हैं. अलवर मंडी देश की बड़ी मंडियों में शामिल है. वहीं, बीते कुछ सालों से यहां की हरी मिर्च भी लोगों के जायके में शामिल होने लगी है.

व्यापारियों ने बताया कि इस साल करीब 1600 हेक्टेयर में किसानों ने हरी मिर्च की खेती की. इसकी खेती मार्च से नवंबर और दिसंबर के बीच अधिक होती है, क्योंकि इस समयावधि में पैदावार अधिक (Annual turnover reaches 30 crores) होने से किसानों को ज्यादा फायदा होता है. सबसे अच्छी बात यह है कि मिर्च का पौधा एक बार लगाने पर सात से आठ बार उसमें मिर्च आती है.

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साथ ही बाजार में मिर्च के भाव आम सब्जियों की तुलना में (Alwar farmers happy) अधिक रहते हैं. इसलिए किसान को इससे अधिक मुनाफा होता है. होलसेल बाजार में इस समय हरी मिर्च 30 से 50 रुपए किलो तक बिक रही है. जबकि रिटेल मार्केट में 60 रुपए किलो की दर से. ऐसे भी सर्दियों में इसकी डिमांड बढ़ जाती है.

व्यापारी सौरभ कालरा ने कहा कि अलवर की हरी मिर्च तीखी होती है. इसलिए इसकी डिमांड दिल्ली-मुंबई, गुड़गांव और नोएडा जैसे मेट्रो शहरों में हमेशा बनी रहती है. नॉनवेज खाने वाले लोग इस मिर्च को ज्यादा पसंद करते हैं. कृषि विभाग की तरफ से लगातार किसानों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इसलिए किसान भी अब हरी मिर्च की खेती में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

30 करोड़ से ज्यादा का व्यापार: व्यापारियों ने बताया कि हर साल अलवर में हरी मिर्च का व्यापार बढ़ रहा है. जो 25 से 30 करोड़ तक जा पहुंचा है. प्रतिदिन जिले के विभिन्न हिस्सों से हरी मिर्च दिल्ली के आजादपुर मंडी में बिकने के लिए जाती है. जिससे किसानों और व्यापारी दोनों को ही लाभ हो रहा है.

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