अलवर. केंद्रीय कारागार की ओपन जेल के एक बंदी की सोमवार को मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बंदी सुरेंद (50) कैंसर बीमारी से पीड़ित था. बीते लंबे समय से उसका इलाज चल रहा था. बीमारी के चलते बंदी ज्यादातर समय घर पर रहता था. शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से कराया गया. उसके बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया गया.
सुरेंद हत्या के मामले में पिछले 10 साल से जेल की सजा काट रहा था. वह 3 साल से कैंसर की बीमारी से पीड़ित था. परिजनों ने कहा कि सुरेंद्र ओपन जेल में सजा काटने के कारण घर आया हुआ था. कैंसर बीमारी के चलते बंदी को जेल प्रशासन से छूट मिली हुई थी. ज्यादातर दिन के समय सुरेंद्र घर पर रहता था. घर पर ही सुरेंद्र की तबीयत बिगड़ गई, जिससे उसकी मौत हो गई.
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परिजनों ने मामले की सूचना जेल प्रशासन और पुलिस को दी. संबंधित थाना पुलिस ने मृतक सुरेंद्र के शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सुपुर्द किया है. पुलिस ने कहा कि मामले की जांच चल रही है. परिजनों की तरफ से अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है. पुलिस के अनुसार, इस संबंध में जेल प्रशासन से भी बातचीत की गई है. बंदी के साथ रहने वाले अन्य बंदियों से भी पूछताछ की गई है और उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं.
जेल प्रशासन ने दी थी राहत जेल: अधिकारियों ने कहा कि गंभीर बीमारी के मरीजों को जेल प्रशासन की तरफ से राहत दी जाती है. सुरेंद्र कैंसर से पीड़ित था. साथ ही उसका व्यवहार भी बेहतर था. इसलिए सुरेंद्र को खुले जेल में शिफ्ट किया गया था. अधिकारी ने कहा कि बंदी की मौत उसके घर पर हुई है. इसलिए मामले की जांच की जा रही है.
क्या होती है ओपेन जेल जानिए: ओपन जेल में रहने वाले बंदी दिन में अपना कामकाज कर सकते हैं. रात को उनको जेल में आकर आमद करवानी पड़ती है. ओपन जेल में वे कैदी रहते हैं जो खुद जेल नियमों का अच्छे से पालन करते हैं. इस जेल में रहने वाले कैदी सामान्य कैदियों की तुलना में अलग होते हैं.