बहरोड़ (अलवर). 2019 बहरोड़ को बदनाम कर गया है. 2017 में पहलू हत्या कांड हो या पपला फरारी मामला हो या फिर बसपा नेता और बदमाश जसराम पटेल हत्याकांड हो ये सभी वारदातें बहरोड़ को बदनाम कर गई. इन चार घटनाओं के अलावा छोटी मोटी वारदातें तो अलग ही है.
वहीं, कांग्रेस की सरकार बनते ही गौतस्कर पहलू कांड को दोबारा से खुलवाकर जांच शुरु करना और जिला कोर्ट की ओर से पहलू मामले में बरी हुए 6 नामजद लोगों को आरोपी बना दिया गया. जिसकी जांच अभी भी चल रही है.
वहीं, जसराम पटेल की जुलाई में उसी के गांव जेनपुरबास में आपसी रंजिश के चलते गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके बाद क्षेत्र में दहशत फैल गई थी. अक्टूबर को बहरोड़ के गोकलपुर गांव में अवैध वसूली को लेकर दूध डेयरी पर फायरिंग कर चार गाड़ियों में लगा दी थी. जिस पर खुद जयपुर रेंज आईजी एस सेंगाथिर ने मौके पर पहुंच कर मामले में जल्द से जल्द आरोपी को पकड़ने की बात कही थी.
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बता दें कि इन घटनाओं के अलावा अन्य सैकड़ों घटनाएं क्षेत्र में घटी है. इस चारों घटनाओं से बहरोड़ की पूरे देश मे बदनामी तो हुई, इसके साथ ही अपराध में बहरोड़ का नाम भी रहा. अब देखना होगा कि आने वाला साल बहरोड़ के लिए कैसा होगा.