अलवर. जिले में गौ तस्करों का आतंक दिनों दिन बढ़ रहा है. एक्सप्रेस वे से खुलेआम तस्कर गायों की तस्करी कर रही है. अभी तक 10 से ज्यादा वाहन पकड़े जा चुके हैं. सोमवार की रात को गौ तस्कर गांव से गाय चोरी करके ले जा रहे हैं. मालाखेड़ा क्षेत्र से गाय को गाड़ी में भरकर ले जा रहे थे इसकी गौ रक्षकों को सूचना मिली. इस पर उन्होंने तस्करों का पीछा किया. दो गाड़ियों को पकड़ा गया. दोनों गाड़ियों में गोवंश भरा हुआ था. गौ तस्कर गाड़ी छोड़कर फरार हो गए. गौ रक्षकों को डराने के लिए तस्करों ने हथियार निकाले, लेकिन फायरिंग नहीं की. पुलिस की मदद से सभी गायों को मुक्त कराया गया और गौशाला में भेजा गया. अलवर में गौ रक्षकों द्वारा गाया पकड़ने का यह पहला मामला नहीं है. गौ तस्कर प्रतिदिन गायों की तस्करी कर रही हैं. हर गांव या कस्बे में गौ रक्षक गायों को बचाने में लगे हैं. ऐसे में किसी भी समय आपस में इन लोगों में संघर्ष हो सकता है और मॉब लिंचिंग जैसी घटना हो सकती है.
अलवर जिले में 6 से ज्यादा मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो चुकी हैं. पहलू खां मॉब लिंचिंग मामला, अकबर और रकबर मॉब लिंचिंग मामला समेत कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें गौरक्षकों ने गाय ले जाते हुए लोगों को पकड़ा और उनकी पिटाई की. हाल ही में रकबर मॉब लिंचिंग मामले में अलवर न्यायालय ने फैसला सुनाया एक आरोपी को बरी किया. 4 आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई.
अलवर शहर के बीचों-बीच से गौ तस्कर गायों को गाड़ियों में भरकर ले जाते हैं. कई बार गायों को चोरी करते हुए गौ तस्करों का वीडियो भी सामने आ चुका है. बीते दिनों गौ तस्करों ने शहर में कई जगहों पर तस्करों का विरोध करने वाले लोगों पर फायरिंग की. पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की, लेकिन अभी तक तस्कर फरार है. वहीं, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का तस्करों ने फायदा उठाया और तस्कर आसानी से एक राज्य से दूसरे राज्य में एक्सप्रेस वे की मदद से गायों की तस्करी करने लगे. मामले की जानकारी पुलिस को मिली. अलवर पुलिस द्वारा एक्सप्रेस वे पर पुलिस की गश्त शुरू की गई और रात दिन पुलिसकर्मी वाहनों की जांच पड़ताल करते हैं. इस दौरान कई गाड़ियां गौ तस्करों की पकड़ी जा चुकी है.
गौरक्षक ने कहा बिना संसाधन के तस्करों का सामना करते हैं. हर गांव में उनके लोग सक्रिय हैं. जैसे ही गांव में तस्कर गायों की चोरी करते हैं और किसी कस्बे से तस्करों का वाहन गुजरता है. उसकी सूचना तुरंत गोरक्षा को मिलती है. गौ रक्षक इसकी जानकारी पुलिस को देते हैं. पुलिस की मदद से तस्करों का पीछा करके उनको पकड़ा जाता है. प्रतिदिन रात के अंधेरे में यह खेल चलता है.
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सीमावर्ती जिला है अलवर : अलवर राजस्थान का सीमावर्ती जिला है. हरियाणा में उत्तर प्रदेश से अलवर जिले की सीमा सटी हुई है. ऐसे में तस्कर आसानी से गांव के कच्चे रास्तों से गायों की तस्करी करते हैं. एक राज्य से दूसरे राज्य में चले जाते हैं. हरियाणा के मेवात क्षेत्र में गाय का बीफ बिकता है और गायों के कट्टी घर बने हुए हैं.
अलवर में बनी हुई है गोरक्षा चौकी : अलवर में भर्ती गौ तस्करी की घटनाओं को देखते हुए जिले में अलग-अलग जगहों पर गौ रक्षक चौकी खोली गई. यहां पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं. लेकिन चौकी खुलने के बाद गौ तस्करों ने अपना रास्ता बदल लिया है. उसका दूसरे रास्तों से आते जाते हैं. हालांकि शहर के प्रवेश द्वार जिले की एंट्री पॉइंट पर भी पुलिस द्वारा अस्थाई चौकियां लगाई गई है.
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पुलिस अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से किया मना : इस पूरे मुद्दे पर अलवर जिले के पुलिस अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया है. दरअसल हाल ही में मॉब लिंचिंग मामले में फैसला आया. दोनों पक्ष इस फैसले से नाखुश हैं. हाईकोर्ट जाने की बात कह रहे हैं. अलवर में मॉब लिंचिंग का मुद्दा सबसे विवादित मुद्दा है.