अलवर. देश भर की निगाहें अलवर की प्याज पर टिकी हुई है. इस समय प्याज की सबसे ज्यादा डिमांड है. प्याज के भाव थोक मंडी में 45 से 50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से चल रहे हैं. वहीं डिटेल में प्याज 50 से 100 रुपए किलो के बीच बिक रहा है. दिल्ली में सौ रुपए किलो प्याज बिक रहा है. ऐसे में लगातार प्याज के बढ़ते दामों ने आम आदमी को परेशान कर दिया है.
देश में राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में सबसे अधिक प्याज होता है. नासिक के बाद प्याज की सबसे बड़ी मंडी अलवर है. अभी देश भर में मध्य प्रदेश का प्याज सप्लाई हो रहा है. देश में अन्य जगह पर बारिश में बाढ़ होने के कारण प्याज खराब हो चुकी है, इसलिए लगातार प्याज की डिमांड बढ़ रही है. आवक कम है, इसलिए दामों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. अलवर की प्याज अक्टूबर माह के अंत में नवंबर माह की शुरुआत में बाजार में आएगी.
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प्याज के लगातार बढ़ रहे दामों से अलवर में किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. हर साल प्याज ने किसानों को खासा नुकसान पहुंचता है, लेकिन इस बार किसान राहत की सांस ले रहे हैं. व्यापारियों की माने अलवर की प्याज 40 तक बिकने की उम्मीद है. ऐसे में किसान को थोड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि इस बार प्याज का बीज अन्य सालों की तुलना में महंगा आया था. प्याज की बुवाई में किसान का खासा खर्चा होता है, इसलिए हर साल प्याज में किसान को नुकसान पहुंचता है.
मंडी व्यापारी सौरभ कालरा ने बताया की देशभर में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में सभी की निगाहें अलवर की प्याज पर टिकी हुई है. अक्टूबर और नवंबर माह में अलवर की प्याज की आवक शुरू होगी. यहां की प्याज पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश सहित आसपास के कई देशों में सप्लाई होती है. इस बार प्याज के दाम ज्यादा होने के कारण अलवर के किसानों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि हर बार प्याज में किसानों को खासा नुकसान पहुंचता है.
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सरचार्ज लगने से आ रही थी दिक्कत
सरकार की तरफ से प्याज पर 2 प्रतिशत सरचार्ज लगाया गया था. इसके विरोध में गुजरात महाराष्ट्र मध्य प्रदेश सहित देश की सभी मंडिया बंद थी. सरकार के यह फैसले वापस लेने पर मंडियों में कामकाज शुरू हुआ और उसके बाद अचानक बारिश व बाढ़ के चलते प्याज की शॉर्टेज आ गई.