अलवर. एसीबी न्यायालय ने शुक्रवार को एक मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए रिश्वत लेने वाले आरोपी को सजा सुनाई है. न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में राजस्थान वित्त निगम के भिवाड़ी शाखा के तत्कालीन उप प्रबंधक प्रदीप कुमार गोयल को 3 साल की सजा और 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. लगातार न्यायालय में सुनवाई हुई, जिसके बाद यह फैसला सुनाया गया.
एसीबी के विशेष न्यायालय के विशिष्ट लोक अभियोजक अशोक भारद्वाज ने बताया कि राजस्थान वित्त निगम के तत्कालीन उप प्रबंधक प्रदीप कुमार गोयल को 21 मई, 2008 को 7 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इस संबंध में परिवादी सुखबीर ने एसीबी में रिपोर्ट दी थी कि प्रदीप कुमार गोयल ऋण स्वीकृति का चेक देने के लिए 37 हजार रुपए की डिमांड कर रहा है. इस पर 7000 एडवांस और 30 हजार रुपए काम होने के बाद देने तय हुआ. इस शिकायत के बाद एसीबी ने आरोपों का सत्यापन कराया. इस दौरान यह पूरा मामला सही पाया गया.
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इसके बाद एसीबी ने 21 मई, 2008 को परिवादी सुखबीर से 7 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए प्रदीप कुमार गोयल को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त हुआ. एसीबी की तरफ से चार्जशीट पेश की गई. एसीबी के अधिकारी व सरकारी वकील ने गवाह और सबूत न्यायालय के सामने रखे. उसके बाद लगातार बचाव में आरोपी पक्ष की तरफ से न्यायालय में अपनी दलीलें पेश की गईं. न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुना.
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शुक्रवार को इस संबंध में अलवर की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट ने आरोपी को 3 साल की सजा और 20 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है. वर्तमान में उप प्रबंधक सेवानिवृत्त हो चुके हैं. सरकारी वकील ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी को सजा मिलने से समाज में सकारात्मक संदेश जाता है. रिश्वत लेने वाले लोगों को सावधान रहना चाहिए. आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले, इसके लिए लगातार कानून अपना काम कर रहा है.