अलवर. सोशल मीडिया व उस से जुड़े हुए अपराधों पर अब पुलिस की सीधी नजर रहेगी. अलवर सहित पूरे प्रदेश में एक विशेष सेल का गठन किया जा रहा है. इस सेल में बाहर के आईटी एक्सपर्ट व इंजीनियर भी पुलिस की मदद कर सकेंगे.
अलवर में क्राइम दिनोंदिन बढ़ रहा है. जिले में हर साल 17 से 18 हजार मामले दर्ज होते हैं. टटलूबाजी के साथ अलवर में अब व्हाट्सएप, फेसबुक और ओएलएक्स सहित कई साइटों की मदद से ऑनलाइन ठगी की वारदातों में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. आए दिन एटीएम, बैंक व ऑनलाइन से फ्रॉड होने की घटनाएं भी सामने आती है लेकिन इन मामलों में जांच पड़ताल के लिए पुलिस में पर्याप्त संसाधन नहीं है. प्रदेश में केवल एक साइबर थाना जयपुर में है. ऐसे में लोग खासे परेशान होते हैं.
पुलिस आरोपियों तक समय पर नहीं पहुंच पाती है. इसलिए लगातार ठगों के हौसले भी बुलंद हो रहे हैं. अलवर सहित पूरे प्रदेश में लगातार सोशल मीडिया से जुड़े हुए अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इन घटनाओं को देखते हुए पुलिस में अब एक नई सेल का गठन किया जा रहा है. यह सेल पूरी तरह से सोशल मीडिया पर काम करेगी. इस दौरान अश्लील वीडियो वायरल करने, गलत पोस्ट वायरल करने सहित सोशल मीडिया पर होने वाले अपराध अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सीधी नजर रहेगी.
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पुलिस डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि समय के साथ क्राइम के तरीके में बदलाव हो रहा है. इसलिए समय की डिमांड को देखते हुए पुलिस में एक नई सेल का गठन किया जा रहा है. इसके लिए सभी तैयारी पूरी हो चुकी है. जल्द ही यह सेल काम करने लगेगी. इस सेल में बाहर के आईटी एक्सपर्ट इंजीनियर भी पुलिस की मदद कर सकेंगे. अभी तक इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है.
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पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन नहीं होने के कारण लगातार घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ऐसे में देखना होगा कि पुलिस के इस फैसले से आम लोगों को कितनी राहत मिलती है. क्योंकि ऑनलाइन ठगी की घटनाओं के बाद पीड़ित लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है. रिपोर्ट दर्ज कराने सहित विभिन्न काम के लिए एक जगह से दूसरी जगह पर धक्के खाने पड़ते हैं.