अलवर. जिला कलेक्टर कार्यालय में फर्जी आर्म्स लाइसेंस जारी किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस मामले में अतिरिक्त जिला कलेक्टर उत्तम सिंह शेखावत की ओर से कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया है. फिलहाल, फर्जी आर्म्स लाइसेंस के तीन मामले पकड़ में आए हैं. जिनका कार्यालय में कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है और यह लाइसेंस सीधे पोर्टल पर जारी कर दिए गए हैं.
इस मामले में जिला कलेक्टर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित लिपिक दुर्गेश चोला को निलंबित कर दिया है. साथ ही जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं. इस मामले में सुनील अरोड़ा नामक एक संविदा कर्मी भी शामिल बताया गया है, जो कंप्यूटर से यह लाइसेंस तैयार करता था. इन लाइसेंस पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर की मुहर भी फर्जी लगाई गई है और उनके दस्तखत भी फर्जी हैं. अतिरिक्त जिला कलेक्टर उत्तम सिंह शेखावत ने बताया कि वह रूटीन कार्य के तहत उत्सुकतावश पोर्टल चेक कर रहे थे तो एक मामला उन्हें संदिग्ध लगा. जब संबंधित व्यक्ति को कार्यालय बुलाकर जांच की तो इसके कोई दस्तावेज कार्यालय में नहीं मिले. जबकि थानों से रिपोर्ट भी लाइसेंस जारी करने से पहले ली जाती है.
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एडीएम शेखावत ने बताया कि इस मामले की जांच की तो तीन लाइसेंस फर्जी पाए गए. जिनमें उनके खुद के फर्जी दस्तखत ही किए गए थे. प्रकरण के बारे में तुरंत जिला कलेक्टर को बताया गया और हाथों-हाथ कोतवाली में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई भी शुरू कर दी है.
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वहीं कोतवाली थाना प्रभारी अध्यात्म गौतम ने बताया कि एडीएम सिटी ने फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने का मामला दर्ज करवाया गया है. इसमें तीन फर्जी लाइसेंस बनाने का उल्लेख किया गया है. इसमें आर्म्स शाखा के लिपिक दुर्गेश चोला व संविदा कर्मी सुनील अरोड़ा के खिलाफ फर्जी तरीके से आर्म्स लाइसेंस बनाने का मामला दर्ज करवाया है. पुलिस द्वारा मामले में दस्तावेजों का संकलन कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.