नसीराबाद (अजमेर). केन्द्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन स्थानीय निकाय छावनी परिषद को पहली बार राज्य सरकार ने छावनी के नागरिक क्षेत्र में मूलभूत आवश्कता को लेकर 1 करोड़ 51 लाख रुपये राजस्व अनुदान राशि दी.
दरअसल, कोटा रोड स्थित छावनी परिषद के निकट निर्मित दो टंकिया जिनसे कस्बे को पेयजल आपूर्ति होती है. दोनों पानी की टंकिया जिनकी भराव क्षमता पौने तीन लाख गैलन है. दोनों टंकी करीब 35 वर्ष पुरानी है. जिनकी गत 4 साल से सफाई नहीं हुई है और कस्बेवासी दूषित पानी पीने को मजबूर है. वहीं परिषद के वाटर पंप हाउस पर लगी मोटरें भी काफी पुरानी है. उनमें जंग लगने से पानी की स्पीड कम हो गई है.
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जानकारी के अनुसार छावनी परिषद ने साल 1995 में कस्बे की पेयजल व्यवस्था को लेकर वाटर पंप हाउस स्थापित करवाया था. इसके साथ ही छावनी परिषद ने जलदाय विभाग से पानी सप्लाई को लेकर कस्बे को अपने पंप हाउस में दो पानी की टंकिया में पानी का स्टोरेज करवाकर कस्बे में पेयजल वितरण व्यवस्था शुरू करवाई थी.
उस समय कस्बे की आबादी करीब 25 हजार थी. जबकि आज कस्बे की आबादी करीब 50 हजार से भी ज्यादा है. जिसके कारण वर्तमान में टैंक में बनी दोनों टंकिया जिनकी क्षमता करीब 6 लाख गैलन की है, जो की कसबे के लिये काफी नहीं है, क्योकि मौजूदा हालत में कस्बे को दस लाख गैलन पानी की आवश्यकता हैं.
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बता दें, कि बीसलपुर पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने पर जल आपूर्ति बाधित होने से कस्बे को पेयजल वितरण समय पर नहीं हो पाता था. जिसके चलते एक दिन की पेयजल आपूर्ति के स्टोरेज टैंक बनाना आवश्यक है. हालांकि गत वर्ष छावनी परिषद ने कस्बे की पेयजल व्यवस्था में सुधार के लिए पंप हाउस पर करीब 5 लाख रुपये की लागत से एक बोरिंग खुदवाया था. उसके बावजूद भी कस्बे की पेयजल व्यवस्था में सुधार नहीं आया.
नगर कांग्रेस अध्यक्ष अजय गौड़ ने कहा कि विकास कार्यों के लिए करीब डेढ़ करोड़ की राशि राज्य सरकार ने छावनी परिषद को दी है. जिसमें से यदि पेयजल के लिये स्टोरेज टैंक बन जाये तो कस्बे को पेयजल समस्या से मुक्ति मिलेगी.