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आनासागर झील से छोड़े गए पानी से खतराः तीन मकान ध्वस्त, 12 मकानों को खाली करवाया

अजमेर के आनासागर झील से छोड़े जा रहे पानी के चलते कई इलाकों के घरों को खतरा पैदा हो गया है. सुंदर विलास क्षेत्र में तीन मकानों का बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया है. 12 मकानों को खतरा बना हुआ है.

Water released from Ana Sagar Lake, major parts of 3 homes damanged, danger to 12 homes
आनासागर झील से छोड़े गए पानी से खतराः तीन मकान ध्वस्त, 12 मकानों को खाली करवाया
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Published : Jul 20, 2023, 4:55 PM IST

Updated : Jul 21, 2023, 12:01 AM IST

आनासागर झील से छोड़े गए पानी से खतरा, तीन मकानों का बड़ा हिस्सा ध्वस्त

अजमेर. आनासागर झील से लगातार एस्केप चैनल में छोड़े जा रहे पानी से दर्जनों मकानों को खतरा हो गया है. गुरुवार को सुंदर विलास क्षेत्र में एस्केप चैनल से सटे हुए तीन मकानों का बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया है. गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन लोगों के सपनों के आशियाने टूट गए. क्षेत्र में 12 मकानों को खतरा बना हुआ है. इन मकानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. इसी तरह ब्रह्मपुरी, पाल बिचला, अलवर गेट, नगरा समेत कई क्षेत्रों में मकानों को खतरा उत्पन्न हो रहा है.

पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं विधायक वासुदेव देवनानी ने एस्केप चैनल की मरम्मत में लगे 16.5 करोड़ रुपए को लेकर नगर निगम प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. ईटीवी भारत ने 5 जुलाई को अपनी खबर में लोगों को आगाह किया था कि आनासागर झील का दायरा अजमेर को भारी पड़ेगा. अब उसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं. आनासागर झील का दायरा और गहराई कम करने से बरसात में लगातार झील से पानी निकाला जा रहा है. आना सागर झील क्षेत्र में बसी कॉलोनियों को बचाने के लिए 20 दिन से एस्केप चैनल में पानी छोड़ा जा रहा है. इस कारण कई निचली बस्तियों में पानी भर गया है.

पढ़ें: आनासागर झील का पानी लगातार छोड़े जाने से तबीजी गांव के खेत बने तालाब, गांव में घुसा पानी

वही सुंदर विलास क्षेत्र से लेकर तबीजी गांव तक यह पानी हजारों लोगो के लिए मुसीबत बन गया है. वहीं अब लोगों के आशियाने भी टूटने लगे हैं. गुरुवार को सुंदर विलास क्षेत्र में गली नम्बर 1 और 2 में एस्केप चैनल से सटे हुए मकानों की नींव हिल चुकी है. तीन मकानों का बड़ा हिस्सा गिरकर ध्वस्त हो गया. इन तीनों मकानों का मलबा भी आनासागर एस्केप चैनल में ही जाकर गिरा. नगर निगम की जेसीबी और पोकलेन मशीन तुरंत ही एस्केप चैनल से मलबा हटाने में जुट गई है. मकान गिरने की सूचना से प्रशासन में भी हड़कंप मच गया.

एडीएम प्रशासन राजेंद्र सिंह, सीओ नॉर्थ छवी शर्मा मौके पर पहुंचे. 10 मकानों के अलावा अन्य 12 मकानों को प्रशासन ने चिन्हित किया है जिनमें खतरा मंडरा रहा है. ऐसे मकानों में रहने वाले मकान मालिक और किरायेदारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. क्षेत्र में तीन मकान गिरने से लोगों में दहशत बनी हुई है. क्षेत्रवासी संतोष कुमार देवड़ा ने बताया कि गौरी शंकर भार्गव, शंकर लाल वर्मा और ईश्वर लाल वर्मा के मकान का पिछला हिस्सा जो एस्केप चैनल की ओर था, वह धराशाई हो गया है. देवड़ा ने बताया कि गनीमत रही कि किसी भी व्यक्ति को इस में चोट नहीं आई. उन्होंने बताया कि मानसून से पहले ही नगर निगम और प्रशासन से मांग की गई थी कि मकान के पीछे एस्केप चैनल की दीवार को दुरुस्त करवाया जाए, लेकिन क्षेत्रवासियों की मांग को अनसुना कर दिया गया. इस कारण क्षेत्र में 1 दर्जन से अधिक मकानों पर खतरा मंडरा रहा है.

पढ़ें: Special : आनासागर एस्केप चैनल में गंदगी ने बढ़ाई चिंता, प्रमुख नालों के भी यही हालात...जिम्मेदार कर रहे ये दावा

देवनानी का आरोपः देवनानी ने नगर निगम प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि आनासागर एस्केप चैनल की मरम्मत को लेकर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से साढ़े 16 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे. लेकिन एस्केप चैनल में कहीं काम नहीं दिख रहा है. एस्केप चैनल की दीवारें टूटी हुई हैं. इस कारण लोगों की जानमाल को लेकर खतरा बन गया है. देवनानी ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही और उपेक्षा के कारण यह हादसे हो रहे हैं. एस्केप चैनल की मरम्मत नहीं की गई. नालों की सफाई नहीं हुई है. इस कारण मकानों के नींव कमजोर हो रही है. उन्होंने आनासागर एस्केप चैनल की मरम्मत के लिए लगाए गए 16.5 करोड़ रुपए के मामले में जांच की मांग उठाई है. साथ ही एस्केप चैनल के मरम्मत की मांग की है.

देवनानी ने कहा कि ऐसे हादसों में किसी की जान गई, तो प्रशासन को चैन से नहीं बैठने दिया जाएगा. इसलिए प्रशासन लोगों की सुरक्षा का इंतजाम करें. नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने कहा कि अजमेर में अच्छी बारिश हो रही है. फॉयसागर और आना सागर झील लबालब है. आनासागर झील से लगातार पानी निकाला जा रहा है. इसका दुष्परिणाम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. स्थानीय पार्षद और क्षेत्र के लोग बार-बार प्रशासन और नगर निगम प्रशासन को लिखकर चेता रहे हैं, लेकिन इनकी मांग को अनसुना कर दिया जा रहा है.

पढ़ें: अजमेर: आनासागर एस्केप चैनल की मरम्मत और सुदृणीकरण कार्य शुरू, 16.92 करोड़ रुपये से होगा काम

नोडल अधिकारियों ने भी जर्जर हो चुके आनासागर के चैनल की जांच नहीं की और ना ही संभावित खतरे के बारे में कोई रिपोर्ट तैयार की. एस्केप चैनल जगह-जगह से टूटा हुआ पड़ा है. 16.5 करोड़ रुपए स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से आनासागर एस्केप चैनल की मरम्मत के लिए लगाए गए थे. जैन ने आरोप लगाया कि यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार नजर आ रहा है. इस मामले की जांच होनी चाहिए कि आनासागर एस्केप चैनल में स्मार्ट सिटी ने पैसा कहां लगाया.

ब्रह्मपुरी क्षेत्र में मकानों के फर्श उगल रहे हैं पानीः ब्रह्मपुरी से होकर आना सागर स्कैप चैनल पाल बिचला की ओर निकल रहा है. झील से एस्केप चैनल में लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से ब्रह्मपुरी क्षेत्र के मकानों के फर्श से फुटकर पानी निकल रहा है. इस कारण कई घरों में पानी भरने की समस्या उत्पन्न हो गई. भाजपा के पूर्व शहर अध्यक्ष अरविंद यादव के घर में भी 2 फीट पानी भरा हुआ है. यादव ने बताया कि नगर निगम प्रशासन को कई बार बताने के बाद भी आवश्यक कदम नहीं उठाए गए. यादव ने बताया कि ब्रह्मपुरी नाले को कवर करने के लिए पिछली भाजपा सरकार में 16 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे, लेकिन सरकार बदलने के बाद प्रोजेक्ट ठंडा हो गया. जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है. यादव ने प्रशासन से इस संकट के स्थाई समाधान करने की मांग की है.

आनासागर झील से छोड़े गए पानी से खतरा, तीन मकानों का बड़ा हिस्सा ध्वस्त

अजमेर. आनासागर झील से लगातार एस्केप चैनल में छोड़े जा रहे पानी से दर्जनों मकानों को खतरा हो गया है. गुरुवार को सुंदर विलास क्षेत्र में एस्केप चैनल से सटे हुए तीन मकानों का बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया है. गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन लोगों के सपनों के आशियाने टूट गए. क्षेत्र में 12 मकानों को खतरा बना हुआ है. इन मकानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. इसी तरह ब्रह्मपुरी, पाल बिचला, अलवर गेट, नगरा समेत कई क्षेत्रों में मकानों को खतरा उत्पन्न हो रहा है.

पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं विधायक वासुदेव देवनानी ने एस्केप चैनल की मरम्मत में लगे 16.5 करोड़ रुपए को लेकर नगर निगम प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. ईटीवी भारत ने 5 जुलाई को अपनी खबर में लोगों को आगाह किया था कि आनासागर झील का दायरा अजमेर को भारी पड़ेगा. अब उसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं. आनासागर झील का दायरा और गहराई कम करने से बरसात में लगातार झील से पानी निकाला जा रहा है. आना सागर झील क्षेत्र में बसी कॉलोनियों को बचाने के लिए 20 दिन से एस्केप चैनल में पानी छोड़ा जा रहा है. इस कारण कई निचली बस्तियों में पानी भर गया है.

पढ़ें: आनासागर झील का पानी लगातार छोड़े जाने से तबीजी गांव के खेत बने तालाब, गांव में घुसा पानी

वही सुंदर विलास क्षेत्र से लेकर तबीजी गांव तक यह पानी हजारों लोगो के लिए मुसीबत बन गया है. वहीं अब लोगों के आशियाने भी टूटने लगे हैं. गुरुवार को सुंदर विलास क्षेत्र में गली नम्बर 1 और 2 में एस्केप चैनल से सटे हुए मकानों की नींव हिल चुकी है. तीन मकानों का बड़ा हिस्सा गिरकर ध्वस्त हो गया. इन तीनों मकानों का मलबा भी आनासागर एस्केप चैनल में ही जाकर गिरा. नगर निगम की जेसीबी और पोकलेन मशीन तुरंत ही एस्केप चैनल से मलबा हटाने में जुट गई है. मकान गिरने की सूचना से प्रशासन में भी हड़कंप मच गया.

एडीएम प्रशासन राजेंद्र सिंह, सीओ नॉर्थ छवी शर्मा मौके पर पहुंचे. 10 मकानों के अलावा अन्य 12 मकानों को प्रशासन ने चिन्हित किया है जिनमें खतरा मंडरा रहा है. ऐसे मकानों में रहने वाले मकान मालिक और किरायेदारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है. क्षेत्र में तीन मकान गिरने से लोगों में दहशत बनी हुई है. क्षेत्रवासी संतोष कुमार देवड़ा ने बताया कि गौरी शंकर भार्गव, शंकर लाल वर्मा और ईश्वर लाल वर्मा के मकान का पिछला हिस्सा जो एस्केप चैनल की ओर था, वह धराशाई हो गया है. देवड़ा ने बताया कि गनीमत रही कि किसी भी व्यक्ति को इस में चोट नहीं आई. उन्होंने बताया कि मानसून से पहले ही नगर निगम और प्रशासन से मांग की गई थी कि मकान के पीछे एस्केप चैनल की दीवार को दुरुस्त करवाया जाए, लेकिन क्षेत्रवासियों की मांग को अनसुना कर दिया गया. इस कारण क्षेत्र में 1 दर्जन से अधिक मकानों पर खतरा मंडरा रहा है.

पढ़ें: Special : आनासागर एस्केप चैनल में गंदगी ने बढ़ाई चिंता, प्रमुख नालों के भी यही हालात...जिम्मेदार कर रहे ये दावा

देवनानी का आरोपः देवनानी ने नगर निगम प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि आनासागर एस्केप चैनल की मरम्मत को लेकर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से साढ़े 16 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे. लेकिन एस्केप चैनल में कहीं काम नहीं दिख रहा है. एस्केप चैनल की दीवारें टूटी हुई हैं. इस कारण लोगों की जानमाल को लेकर खतरा बन गया है. देवनानी ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही और उपेक्षा के कारण यह हादसे हो रहे हैं. एस्केप चैनल की मरम्मत नहीं की गई. नालों की सफाई नहीं हुई है. इस कारण मकानों के नींव कमजोर हो रही है. उन्होंने आनासागर एस्केप चैनल की मरम्मत के लिए लगाए गए 16.5 करोड़ रुपए के मामले में जांच की मांग उठाई है. साथ ही एस्केप चैनल के मरम्मत की मांग की है.

देवनानी ने कहा कि ऐसे हादसों में किसी की जान गई, तो प्रशासन को चैन से नहीं बैठने दिया जाएगा. इसलिए प्रशासन लोगों की सुरक्षा का इंतजाम करें. नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने कहा कि अजमेर में अच्छी बारिश हो रही है. फॉयसागर और आना सागर झील लबालब है. आनासागर झील से लगातार पानी निकाला जा रहा है. इसका दुष्परिणाम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. स्थानीय पार्षद और क्षेत्र के लोग बार-बार प्रशासन और नगर निगम प्रशासन को लिखकर चेता रहे हैं, लेकिन इनकी मांग को अनसुना कर दिया जा रहा है.

पढ़ें: अजमेर: आनासागर एस्केप चैनल की मरम्मत और सुदृणीकरण कार्य शुरू, 16.92 करोड़ रुपये से होगा काम

नोडल अधिकारियों ने भी जर्जर हो चुके आनासागर के चैनल की जांच नहीं की और ना ही संभावित खतरे के बारे में कोई रिपोर्ट तैयार की. एस्केप चैनल जगह-जगह से टूटा हुआ पड़ा है. 16.5 करोड़ रुपए स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से आनासागर एस्केप चैनल की मरम्मत के लिए लगाए गए थे. जैन ने आरोप लगाया कि यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार नजर आ रहा है. इस मामले की जांच होनी चाहिए कि आनासागर एस्केप चैनल में स्मार्ट सिटी ने पैसा कहां लगाया.

ब्रह्मपुरी क्षेत्र में मकानों के फर्श उगल रहे हैं पानीः ब्रह्मपुरी से होकर आना सागर स्कैप चैनल पाल बिचला की ओर निकल रहा है. झील से एस्केप चैनल में लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से ब्रह्मपुरी क्षेत्र के मकानों के फर्श से फुटकर पानी निकल रहा है. इस कारण कई घरों में पानी भरने की समस्या उत्पन्न हो गई. भाजपा के पूर्व शहर अध्यक्ष अरविंद यादव के घर में भी 2 फीट पानी भरा हुआ है. यादव ने बताया कि नगर निगम प्रशासन को कई बार बताने के बाद भी आवश्यक कदम नहीं उठाए गए. यादव ने बताया कि ब्रह्मपुरी नाले को कवर करने के लिए पिछली भाजपा सरकार में 16 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे, लेकिन सरकार बदलने के बाद प्रोजेक्ट ठंडा हो गया. जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है. यादव ने प्रशासन से इस संकट के स्थाई समाधान करने की मांग की है.

Last Updated : Jul 21, 2023, 12:01 AM IST
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