अजमेर. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने जयपुर में वीरांगनाओं के साथ हुई देर रात की घटना को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. देवनानी ने गहलोत सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से भी बदतर तानाशाही दर्शायी है.
शनिवार को देवनानी ने कहा कि सरकार के मंत्रियों ने वीरांगनाओं को आश्वासन दिया था. उसके बाद वे मुकर गए. वीरांगनाओं के हक की मांग को लेकर उनके साथ राज्यसभा सांसद किरोड़ी सिंह मीणा धरने पर बैठे थे. उनसे मिलने से मना कर दिया गया. वीरांगनाओं को पुलिस उठाकर ले गई, ऐसा तो अंग्रेजों के समय गुलामी काल में भी नहीं होता था. जब सांसद उनसे मिलने जाते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाता है, उनका कॉलर पकड़ा जाता है. एक जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह की घटना हुई है तो फिर आमजन के साथ क्या-क्या होता होगा. पुलिस ने यह सारा घटनाक्रम गहलोत के कहने पर अंजाम दिया है. मैं इस पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच की मांग करता हूं.
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देवनानी ने कहा कि सरकार ने वीरांगनाओं का अपमान किया गया है. इस घटना से उन लोगों के मन को जरूर ठेस पहुंचेगी, जो भारतीय सेना में जाना चाहते हैं. वीरांगनाओं के साथ इस तरह का व्यवहार करना किसी भी मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता. वीरांगनाओं से सरकार बात करे और उनके साथ जो भी वादा किया गया है, उसे सरकार पूरा करे. साथ ही राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ हुई घटना और दुर्व्यवहार को लेकर राज्य सरकार जनता से माफी मांगे.
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समय रहते चेत जाए पीएचईडी विभाग: उन्होंने कहा कि जब स्मार्ट सिटी की घोषणा हुई, उसमें क्लोज था कि अजमेर को 24 घंटे में पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा. पिछले 4 वर्षों में 72 से 6 घंटे में पानी दिया जा रहा है. होली के दिन भी लोग पानी के लिए तरस रहे थे. देवनानी ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए रिटायर्ड पीएचडी के इंजीनियरर्स और विभाग के उच्च अधिकारियों से मैंने चर्चा की थी. इसमें निष्कर्ष आया कि अजमेर की जनसंख्या 7 लाख है. प्रत्येक व्यक्ति को 150 लीटर पानी की गर्मी में आवश्यकता होती है. इस आपूर्ति के लिए प्रत्येक दिन 105 एमएलडी पानी की सप्लाई चाहिए. जबकि अजमेर को 120 से 125 एमएलडी पानी मिल रहा है. देवनानी ने कहा कि पड़ताल करने पर सामने आया कि अजमेर में जल वितरण में समानता नहीं है.
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एसआर 7 में लगे बल्क मीटर: शहर के 282 जोन में बल्क मीटर लगाने की देवनानी ने मांग की है. उन्होंने कहा कि बल्क मीटर लगने से पता चलेगा की किस क्षेत्र में कितना पानी दिया जा रहा है. देवनानी ने पाइपलाइन से व्यर्थ बहने वाले पानी को रोकने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 30 प्रतिशत पानी व्यर्थ बह जाता है. लीकेज को रोकने के लिए स्पेशल टीम बनाई जाए. देवनानी ने अपनी तीसरी मांग को लेकर बताया कि सरकारी संस्थाओं के बड़े बगीचों में पेयजल का उपयोग किया जा रहा है. इसकी जगह यहां दो ट्रीटमेंट प्लांट हैं. उनसे साफ पानी वहां दिया जा सकता है. ताकि पेयजल की बचत हो सके.