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हाईकोर्ट ने पूछा- मेरिट के बावजूद क्यों नहीं दी महिला सुपरवाइजर पद पर नियुक्ति - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला सुपरवाइजर भर्ती-2024 में मेरिट में आने के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.

RAJASTHAN HIGH COURT
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2025, 9:10 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला सुपरवाइजर भर्ती-2024 में मेरिट में आने के बावजूद एमबीसी वर्ग की अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए सुरक्षित रखने के आदेश दिए हैं. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश नीरज कुमारी की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता स्वप्निल सिंह पटेल ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने बीते साल महिला सुपरवाइजर भर्ती निकाली थी. जिसमें सामान्य पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों को मेरिट के हिसाब से बुलाया गया. याचिकाकर्ता ने एमबीसी वर्ग में आवेदन किया और राज्य सरकार को इस वर्ग से महिला सुपरवाइजर के छह पदों को भरना था. याचिकाकर्ता के मेरिट में आने पर उसे दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया. इसके लिए जारी मेरिट लिस्ट में याचिकाकर्ता को एमबीसी वर्ग में छठे स्थान पर बताया गया.

पढ़ें: हाईकोर्ट ने कहा-लिव-इन को लेकर कानून बनाए सरकार, पंजीकरण के लिए हर जिले में बने प्राधिकरण

याचिका में कहा गया कि दस्तावेज सत्यापन के बाद विभाग ने अंतिम मेरिट सूची जारी की, लेकिन उसमें एमबीसी वर्ग से केवल पांच अभ्यर्थियों को ही शामिल किया गया. वहीं, छठे स्थान पर आए याचिकाकर्ता को चयन से वंचित कर दिया. ऐसे में उसे नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला सुपरवाइजर भर्ती-2024 में मेरिट में आने के बावजूद एमबीसी वर्ग की अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए सुरक्षित रखने के आदेश दिए हैं. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश नीरज कुमारी की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता स्वप्निल सिंह पटेल ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने बीते साल महिला सुपरवाइजर भर्ती निकाली थी. जिसमें सामान्य पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों को मेरिट के हिसाब से बुलाया गया. याचिकाकर्ता ने एमबीसी वर्ग में आवेदन किया और राज्य सरकार को इस वर्ग से महिला सुपरवाइजर के छह पदों को भरना था. याचिकाकर्ता के मेरिट में आने पर उसे दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया. इसके लिए जारी मेरिट लिस्ट में याचिकाकर्ता को एमबीसी वर्ग में छठे स्थान पर बताया गया.

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याचिका में कहा गया कि दस्तावेज सत्यापन के बाद विभाग ने अंतिम मेरिट सूची जारी की, लेकिन उसमें एमबीसी वर्ग से केवल पांच अभ्यर्थियों को ही शामिल किया गया. वहीं, छठे स्थान पर आए याचिकाकर्ता को चयन से वंचित कर दिया. ऐसे में उसे नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है.

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