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अजमेर में 'वसंत' का स्वागत, पीले फूलों की भी हुई बारिश

अजमेर में दिगंबर जैन समाज की महिला मंडल की ओर से सोमवार को वसंत पंचमी का कार्यक्रम बड़े धूमधाम से मनाया गया. सभी महिलाएं कार्यक्रम में पीले वस्त्र पहनकर पहुंचीं, व्यजंन भी पीले ही रखे गए.

Vasant Panchami festival in Ajmer, वसंत पंचमी पर्व अजमेर
अजमेर में मना वसंत पंचमी का पर्व
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Published : Jan 27, 2020, 3:00 PM IST

अजमेर. वसंत पंचमी के त्यौहार का आयोजन दिगंबर जैन महिलाओं की ओर से सोमवार को बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया. इस मौके पर सभी महिलाएं पीले वस्त्र पहनकर नाचते-कूदते और गाते हुए नजर आईं.

अजमेर में मना वसंत पंचमी का पर्व

इस मौके पर खाने में बनाए गए सभी व्यंजन भी पीले ही रखे गए. अजमेर के बजरंगगढ़ चौराहा के नजदीक बने निजी रेस्त्रां में वसंत पंचमी का आयोजन किया गया.

महिलाओं की ओर से पीले फूलों से वर्षा भी की गई. कार्यक्रम जैन महिला मंडल ने आयोजित किया. जिसमें " जीयो और जीने दो " का संदेश दिया गया.

जैन समाज की महिलाओं के मुताबिक हर साल की तरह इस साल भी ये आयोजन हुआ, जिसमें वसंत के गीत पर नाच-गाकर सभी ने खूब लुत्फ उठाया.

संयोजक आरती जैन ने बताया, कि कार्यक्रम दिनभर जारी रहा. महिलाओं ने नाच-गाने के साथ खेलकूद, अंताक्षरी और दूसरे कई तरह के खेलों का आयोजन भी किया.

31 जनवरी को वसंत पंचमी पर्व है. उससे पहले ही महिलाओं की ओर से यह कार्यक्रम मनाने का सिलसिला लगातार जारी है.

पढ़ें- जयपुर: गणतंत्र दिवस पर देशभक्ति गीतों के कार्यक्रम का आयोजन

आखिर क्यों मनाई जाती है 'वसंत पंचमी'

वसंत पंचमी या श्रीपंचमी के दिन विद्या की देवी की पूजा-अर्चना की जाती है. पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल जैसे कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास के साथ यह पर्व मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं पीले वस्त्र धारण करती हैं.

प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन 6 मौसमों में बांटा जाता है, उनमें बसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम होता है. जब फूलों पर भी बहार आ जाती है, खेतों में पीली सरसों चमकने लगती है. गेहूं की बालियां खिलने लगती हैं. आम के पेड़ों पर बौर आ जाते हैं और हर तरफ रंग-बिरंगी तितलियां आने लगती हैं.

अजमेर. वसंत पंचमी के त्यौहार का आयोजन दिगंबर जैन महिलाओं की ओर से सोमवार को बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया. इस मौके पर सभी महिलाएं पीले वस्त्र पहनकर नाचते-कूदते और गाते हुए नजर आईं.

अजमेर में मना वसंत पंचमी का पर्व

इस मौके पर खाने में बनाए गए सभी व्यंजन भी पीले ही रखे गए. अजमेर के बजरंगगढ़ चौराहा के नजदीक बने निजी रेस्त्रां में वसंत पंचमी का आयोजन किया गया.

महिलाओं की ओर से पीले फूलों से वर्षा भी की गई. कार्यक्रम जैन महिला मंडल ने आयोजित किया. जिसमें " जीयो और जीने दो " का संदेश दिया गया.

जैन समाज की महिलाओं के मुताबिक हर साल की तरह इस साल भी ये आयोजन हुआ, जिसमें वसंत के गीत पर नाच-गाकर सभी ने खूब लुत्फ उठाया.

संयोजक आरती जैन ने बताया, कि कार्यक्रम दिनभर जारी रहा. महिलाओं ने नाच-गाने के साथ खेलकूद, अंताक्षरी और दूसरे कई तरह के खेलों का आयोजन भी किया.

31 जनवरी को वसंत पंचमी पर्व है. उससे पहले ही महिलाओं की ओर से यह कार्यक्रम मनाने का सिलसिला लगातार जारी है.

पढ़ें- जयपुर: गणतंत्र दिवस पर देशभक्ति गीतों के कार्यक्रम का आयोजन

आखिर क्यों मनाई जाती है 'वसंत पंचमी'

वसंत पंचमी या श्रीपंचमी के दिन विद्या की देवी की पूजा-अर्चना की जाती है. पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल जैसे कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास के साथ यह पर्व मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं पीले वस्त्र धारण करती हैं.

प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन 6 मौसमों में बांटा जाता है, उनमें बसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम होता है. जब फूलों पर भी बहार आ जाती है, खेतों में पीली सरसों चमकने लगती है. गेहूं की बालियां खिलने लगती हैं. आम के पेड़ों पर बौर आ जाते हैं और हर तरफ रंग-बिरंगी तितलियां आने लगती हैं.

Intro:अजमेर/ बसंत पंचमी के त्यौहार का आयोजन दिगंबर जैन महिलाओं द्वारा सोमवार को बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया इस मौके पर सभी महिलाएं पीले वस्त्र पहनकर नाचते कूदते और गाते हुए नजर आए वहीं इस मौके पर खाने में बनाए गए सभी व्यंजन भी पीले ही रखे गए अजमेर के बजरंगगढ़ चौराहा के नजदीक बने निजी रेस्त्रां में बसंत पंचमी का आयोजन आयोजित किया गया इस कार्यक्रम को हर्षोल्लास से महिलाओं ने नाचते गाते हुए मनाया महिलाओं द्वारा पीले फूलों से वर्षा भी की गई है कार्यक्रम जैन महिला मंडल द्वारा आयोजित किया गया जिसमें " जियो और जीने दो नारे " के साथ जैन समाज की महिलाओं ने संयोजके ने जानकारी देते हुए मोर्चा के सदस्य ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बसंत पंचमी के पूर्व आयोजन किया गया जिन्होंने बसंत पंचमी के गीत पर नाच गाकर आनंद उठाया जैन महिला मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के संयोजक आरती जैन ने बताया कि कार्यक्रम दिनभर जारी रहा वहीं महिलाओं ने नाच गाने के साथ खेलकूद अंताक्षरी कई तरह के खेलों का आयोजन भी किया गया बता दें कि 31 जनवरी को बसंत पंचमी पर्व है उससे पहले ही महिलाओं द्वारा बसंत पंचमी कार्यक्रम मनाने का सिलसिला लगातार जारी हो चुका है आखिर क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी बसंत पंचमी या श्रीपंचमी हिंदूओ का त्योहार है इस दिन विद्या की देवी की पूजा-अर्चना भी की जाती है जहां पूजा पूर्वी भारत पश्चिमोत्तर बांग्लादेश नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है इस दिन स्त्रियों पीले वस्त्र धारण करती है और प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बांटा जाता है उनमें बसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम होता है जब फूलों पर भी बाहर आ जाती खेतों में सरसों का सोना चमकने लगता है जो और गेहूं की बालियां खिलने लगती है आम के पेड़ों पर बोर आ जाते हैं और हर तरफ रंग बिरंगी तितलियां आने लगती है बाईट-आकृति जैन संयोजक जैन महिला मंडल बाईट-कलापंज-सदस्य


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