अजमेर. वसंत पंचमी के त्यौहार का आयोजन दिगंबर जैन महिलाओं की ओर से सोमवार को बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया. इस मौके पर सभी महिलाएं पीले वस्त्र पहनकर नाचते-कूदते और गाते हुए नजर आईं.
इस मौके पर खाने में बनाए गए सभी व्यंजन भी पीले ही रखे गए. अजमेर के बजरंगगढ़ चौराहा के नजदीक बने निजी रेस्त्रां में वसंत पंचमी का आयोजन किया गया.
महिलाओं की ओर से पीले फूलों से वर्षा भी की गई. कार्यक्रम जैन महिला मंडल ने आयोजित किया. जिसमें " जीयो और जीने दो " का संदेश दिया गया.
जैन समाज की महिलाओं के मुताबिक हर साल की तरह इस साल भी ये आयोजन हुआ, जिसमें वसंत के गीत पर नाच-गाकर सभी ने खूब लुत्फ उठाया.
संयोजक आरती जैन ने बताया, कि कार्यक्रम दिनभर जारी रहा. महिलाओं ने नाच-गाने के साथ खेलकूद, अंताक्षरी और दूसरे कई तरह के खेलों का आयोजन भी किया.
31 जनवरी को वसंत पंचमी पर्व है. उससे पहले ही महिलाओं की ओर से यह कार्यक्रम मनाने का सिलसिला लगातार जारी है.
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आखिर क्यों मनाई जाती है 'वसंत पंचमी'
वसंत पंचमी या श्रीपंचमी के दिन विद्या की देवी की पूजा-अर्चना की जाती है. पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल जैसे कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास के साथ यह पर्व मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं पीले वस्त्र धारण करती हैं.
प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन 6 मौसमों में बांटा जाता है, उनमें बसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम होता है. जब फूलों पर भी बहार आ जाती है, खेतों में पीली सरसों चमकने लगती है. गेहूं की बालियां खिलने लगती हैं. आम के पेड़ों पर बौर आ जाते हैं और हर तरफ रंग-बिरंगी तितलियां आने लगती हैं.