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Urs Flag : ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स का झंडा आज चढ़ेगा बुलंद दरवाजे पर, 22 फरवरी से शुरू होंगी रस्में - उर्स की रस्मों की शुरुआत 22 फरवरी से

ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के बड़े साहबजादे ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स को लेकर मंगलवार शाम को सरवाड़ स्थित दरगाह के बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाया जाएगा. शाबान महीने का चांद दिखाई देने पर 22 फरवरी से उर्स का आगाज होगा.

Urs of Khwaja Fakhruddin Chishti in Sarwar Ajmer
सरवाड़ में ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स
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Published : Feb 21, 2023, 10:31 AM IST

अजमेर. सरवाड़ में आज ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स का झंडा बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाएगा. दरगाह के मुतवल्ली हाजी मोहम्मद यूसुफ खान ने बताया कि मंगलवार शाम को गांधी चौक से परंपरा के अनुसार झंडे का जुलूस 3 बजे सदर बाजार मोमिन मोहल्ला होते हुए शाम 6 बजे के लगभग दरगाह पहुंचेगा. दरगाह में बुलंद दरवाजा और गधी में गेट पर परंपरा के अनुसार झंडा फहराने की रस्म अदा की जाएगी.

उन्होंने बताया कि शाबान महीने का चांद मंगलवार को दिखाई दिया तो दरगाह में उर्स की रस्मों की शुरुआत 22 फरवरी से होगी. खान ने बताया कि 24 फरवरी को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह सरवाड़ शरीफ के उर्स के लिए चादर 24 फरवरी को भेजी जाएगी. यहां से पैदल ही लोग चादर लेकर रवाना होंगे जो 26 फरवरी को सरवाड़ दरगाह पहुंचेंगे. इस दिन ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती की मजार पर चादर पेश की जाएगी.

पढ़ें : Ajmer Sharif Urs 2023: सुनहरी यादें लेकर 240 पाकिस्तानी जायरीन का जत्था अजमेर से हुआ रवाना

मोहम्मद यूसुफ ने आगे बताया कि 24 फरवरी को ही अजमेर शहर और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में जायरीन सरवाड़ के लिए पैदल रवाना होंगे. 25 फरवरी तक जायरीन के सरवाड़ शरीफ पहुंचने का सिलसिला जारी रहेगा. 26 फरवरी की रात्रि को दरगाह में महफिल-ए-समां का आयोजन होगा. वहीं, 27 फरवरी को दिन में दरगाह में कुल की रस्म और फातिहा का आयोजन होगा. 2 मार्च को बड़े कुल की रस्म के साथ ही उर्स का समापन होगा.

पुलिस-प्रशासन ने कसी कमर : उर्स के मौके पर बड़ी संख्या में जायरीन सरवाड़ शरीफ हाजिरी लगाने के लिए पहुंचते हैं. जायरीन की बढ़ती आवक को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने व्यवस्थाओं को अंजाम देने के लिए कमर कस ली है. आज मंगलवार से ही जायरीनों का सरवाड़ शरीफ हाजिरी देने के लिए आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. बता दें कि उर्स के मौके पर जायरीन विभिन्न साधनों से सरवाड़ पहुंचते हैं, लेकिन इनमें पैदल चलने वाले यात्रियों की भी बड़ी संख्या रहती है. कई संस्थाएं मार्ग में लंगर और कई स्थाई सराय का इंतजाम करती हैं. सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर पुलिस अलर्ट हो चुकी है.

24 फरवरी को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से खादिम, जायरीन और कलंदर चादर लेकर रवाना होंगे. दरगाह के निजाम गेट से चादर का जुलूस बैंड-बाजों के साथ रवाना होगा. जायरीन में चादर को छूने और चूमने की होड़ मची रहती है. नला बाजार, मदार गेट, स्टेशन रोड और नसीराबाद रोड होते हुए जुलूस सरवाड़ के लिए रवाना होता है. सदियों से अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से चादर सरवाड़ में ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती की दरगाह में भेजने का सिलसिला चला आ रहा है, जिसे आज भी पूरी शिद्दत के साथ निभाया जाता है.

अजमेर. सरवाड़ में आज ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स का झंडा बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जाएगा. दरगाह के मुतवल्ली हाजी मोहम्मद यूसुफ खान ने बताया कि मंगलवार शाम को गांधी चौक से परंपरा के अनुसार झंडे का जुलूस 3 बजे सदर बाजार मोमिन मोहल्ला होते हुए शाम 6 बजे के लगभग दरगाह पहुंचेगा. दरगाह में बुलंद दरवाजा और गधी में गेट पर परंपरा के अनुसार झंडा फहराने की रस्म अदा की जाएगी.

उन्होंने बताया कि शाबान महीने का चांद मंगलवार को दिखाई दिया तो दरगाह में उर्स की रस्मों की शुरुआत 22 फरवरी से होगी. खान ने बताया कि 24 फरवरी को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह सरवाड़ शरीफ के उर्स के लिए चादर 24 फरवरी को भेजी जाएगी. यहां से पैदल ही लोग चादर लेकर रवाना होंगे जो 26 फरवरी को सरवाड़ दरगाह पहुंचेंगे. इस दिन ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती की मजार पर चादर पेश की जाएगी.

पढ़ें : Ajmer Sharif Urs 2023: सुनहरी यादें लेकर 240 पाकिस्तानी जायरीन का जत्था अजमेर से हुआ रवाना

मोहम्मद यूसुफ ने आगे बताया कि 24 फरवरी को ही अजमेर शहर और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में जायरीन सरवाड़ के लिए पैदल रवाना होंगे. 25 फरवरी तक जायरीन के सरवाड़ शरीफ पहुंचने का सिलसिला जारी रहेगा. 26 फरवरी की रात्रि को दरगाह में महफिल-ए-समां का आयोजन होगा. वहीं, 27 फरवरी को दिन में दरगाह में कुल की रस्म और फातिहा का आयोजन होगा. 2 मार्च को बड़े कुल की रस्म के साथ ही उर्स का समापन होगा.

पुलिस-प्रशासन ने कसी कमर : उर्स के मौके पर बड़ी संख्या में जायरीन सरवाड़ शरीफ हाजिरी लगाने के लिए पहुंचते हैं. जायरीन की बढ़ती आवक को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने व्यवस्थाओं को अंजाम देने के लिए कमर कस ली है. आज मंगलवार से ही जायरीनों का सरवाड़ शरीफ हाजिरी देने के लिए आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. बता दें कि उर्स के मौके पर जायरीन विभिन्न साधनों से सरवाड़ पहुंचते हैं, लेकिन इनमें पैदल चलने वाले यात्रियों की भी बड़ी संख्या रहती है. कई संस्थाएं मार्ग में लंगर और कई स्थाई सराय का इंतजाम करती हैं. सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर पुलिस अलर्ट हो चुकी है.

24 फरवरी को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से खादिम, जायरीन और कलंदर चादर लेकर रवाना होंगे. दरगाह के निजाम गेट से चादर का जुलूस बैंड-बाजों के साथ रवाना होगा. जायरीन में चादर को छूने और चूमने की होड़ मची रहती है. नला बाजार, मदार गेट, स्टेशन रोड और नसीराबाद रोड होते हुए जुलूस सरवाड़ के लिए रवाना होता है. सदियों से अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से चादर सरवाड़ में ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती की दरगाह में भेजने का सिलसिला चला आ रहा है, जिसे आज भी पूरी शिद्दत के साथ निभाया जाता है.

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