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बजरी माफिया से पुलिस लेती है रोजाना लाखों रुपए की रिश्वत...अजमेर एसीबी के एसपी ने किया खुलासा

अजमेर एसीबी के एसपी मृदुल कच्छावा ने टोंक जिले में अवैध बजरी खनन और परिवहन को लेकर पीपलू थाने में बजरी माफियाओं से बंदी लेने के बड़े मामले का खुलासा किया है.कच्छावा ने बताया कि बजरी के अवैध खनन से करीब थाने को डेढ़ से 2 लाख रुपए प्रतिदिन की बंधी मिलती थी.

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Published : May 17, 2019, 1:55 PM IST

अवैध बजरी खनन का किया खुलासा

अजमेर. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी टोंक ही नहीं बल्कि प्रदेश में बजरी खनन नहीं रुका है. प्रदेश भर में बजरी माफिया सक्रिय है और बजरी के अवैध खनन के बाद आमजन को 4 गुना भाव में बजरी मिल रही है. खासकर टोंक जिले के बनास क्षेत्र में अवैध बजरी खनन से जुड़ा माफिया काफी सक्रिय, क्योंकि पुलिस बजरी माफिया से रोज बंधी लेती है.

अवैध बजरी खनन का किया खुलासा

यह खुलासा हुआ है एसीबी की कार्रवाई से अजमेर एसीबी के एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि टोंक जिले के पीपलू थाने में अवैध बजरी खनन और परिवहन को रोकने की बजाय उनसे पुलिस बंदी लेती थी. इस तरह की शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया और कार्रवाई करते हुए मौके से कॉन्स्टेबल कैलाश चौधरी को गिरफ्तार किया है.

वहीं दलाल शंकर लाल चौधरी और राकेश चौधरी को भी एसीबी ने पकड़ा है. आरोपियों के पास से 1 लाख 46 हजार 500 बरामद किए गए हैं.वहीं कार्रवाई की भनक लगते ही थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह के मौके से फरार हो गए.

अवैध बजरी परिवहन में लगे एक वाहन से पुलिस लेती थी तीन हजार रुपए
टोंक जिले के पीपलू थाना क्षेत्र के अंतर्गत अवैध बजरी खनन और बजरी परिवहन का बड़ा खेल वर्षों से चल रहा है. एसीबी अधिकारियों की मानें तो अवैध बजरी परिवहन में लगे एक वाहन से करीब 3 हजार की बंधी पुलिस लिया करती है. ऐसे में दिनभर करीब डेढ़ से 2 लाख रुपए की प्रतिदिन की बंधी बजरी माफियाओं की ओर से पीपलू ने को मिलती थी.

बस आज डेढ़ लाख ही मिले
शिकायत के सत्यापन के दौरान एसीबी ने कांस्टेबल कैलाश चौधरी से थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह गिल को फोन करवाया था. फोन पर विजेंद्र ने कांस्टेबल से पूछा कि आज कितने पैसे जमा हुए हैं. कैलाश ने बताया कि डेढ़ लाख ही जमा हुए हैं. तब थाना विजेंद्र ने कांस्टेबल कैलाश को कहा कि बस इतने ही. इससे साफ जाहिर होता है कि थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह भ्रष्टाचार में पूरी तरीके से लिप्त रहकर बंदी की रकम जुटाने में लगे हुए थे.वहीं एसीबी ने पीपलू थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह की सरगर्मी से तलाश कर रही है. विजेंद्र अजमेर शहर के क्रिश्चियन गंज थाना क्षेत्र के प्रभारी भी रह चुके हैं. लिहाजा पड़ताल के तौर पर एक टीम एसीबी ने क्रिश्चियन गंज थाने भी भेजी थी.

अजमेर. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी टोंक ही नहीं बल्कि प्रदेश में बजरी खनन नहीं रुका है. प्रदेश भर में बजरी माफिया सक्रिय है और बजरी के अवैध खनन के बाद आमजन को 4 गुना भाव में बजरी मिल रही है. खासकर टोंक जिले के बनास क्षेत्र में अवैध बजरी खनन से जुड़ा माफिया काफी सक्रिय, क्योंकि पुलिस बजरी माफिया से रोज बंधी लेती है.

अवैध बजरी खनन का किया खुलासा

यह खुलासा हुआ है एसीबी की कार्रवाई से अजमेर एसीबी के एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि टोंक जिले के पीपलू थाने में अवैध बजरी खनन और परिवहन को रोकने की बजाय उनसे पुलिस बंदी लेती थी. इस तरह की शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया और कार्रवाई करते हुए मौके से कॉन्स्टेबल कैलाश चौधरी को गिरफ्तार किया है.

वहीं दलाल शंकर लाल चौधरी और राकेश चौधरी को भी एसीबी ने पकड़ा है. आरोपियों के पास से 1 लाख 46 हजार 500 बरामद किए गए हैं.वहीं कार्रवाई की भनक लगते ही थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह के मौके से फरार हो गए.

अवैध बजरी परिवहन में लगे एक वाहन से पुलिस लेती थी तीन हजार रुपए
टोंक जिले के पीपलू थाना क्षेत्र के अंतर्गत अवैध बजरी खनन और बजरी परिवहन का बड़ा खेल वर्षों से चल रहा है. एसीबी अधिकारियों की मानें तो अवैध बजरी परिवहन में लगे एक वाहन से करीब 3 हजार की बंधी पुलिस लिया करती है. ऐसे में दिनभर करीब डेढ़ से 2 लाख रुपए की प्रतिदिन की बंधी बजरी माफियाओं की ओर से पीपलू ने को मिलती थी.

बस आज डेढ़ लाख ही मिले
शिकायत के सत्यापन के दौरान एसीबी ने कांस्टेबल कैलाश चौधरी से थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह गिल को फोन करवाया था. फोन पर विजेंद्र ने कांस्टेबल से पूछा कि आज कितने पैसे जमा हुए हैं. कैलाश ने बताया कि डेढ़ लाख ही जमा हुए हैं. तब थाना विजेंद्र ने कांस्टेबल कैलाश को कहा कि बस इतने ही. इससे साफ जाहिर होता है कि थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह भ्रष्टाचार में पूरी तरीके से लिप्त रहकर बंदी की रकम जुटाने में लगे हुए थे.वहीं एसीबी ने पीपलू थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह की सरगर्मी से तलाश कर रही है. विजेंद्र अजमेर शहर के क्रिश्चियन गंज थाना क्षेत्र के प्रभारी भी रह चुके हैं. लिहाजा पड़ताल के तौर पर एक टीम एसीबी ने क्रिश्चियन गंज थाने भी भेजी थी.

Intro:अजमेर एसीबी के एसपी मृदुल कच्छावा ने टोंक जिले में अवैध बजरी खनन और परिवहन को लेकर पीपलू थाने में बजरी माफियाओं से बंदी लेने के बड़े मामले का खुलासा किया है। कच्छावा ने बताया कि बजरी के अवैध खनन से करीब थाने को डेढ़ से 2 लाख रुपए प्रतिदिन की बंधी मिलती थी एसीबी ने थाने के एक कांस्टेबल और दो दलालों को गिरफ्तार किया है वहीं मामले में थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह गिल कार्रवाई की भनक लगते ही मौके से फरार हो गए।


Body:सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी टोंक ही नहीं बल्कि प्रदेश में बजरी खनन नहीं रुका है। प्रदेश भर में बजरी माफिया सक्रिय है और बजरी के अवैध खनन के बाद आमजन को 4 गुना भाव में बजरी मिल रही है। खासकर टोंक जिले के बनास क्षेत्र में अवैध बजरी खनन से जुड़ा माफिया इतना सक्रिय है कि पुलिस भी उसके सामने बौनी साबित होती है। इसकी वजह साफ है बजरी माफिया थाने को रोज बंधी देते हैं। यह खुलासा हुआ है एसीबी की कार्रवाई से अजमेर एसीबी के एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि टोंक जिले के पीपलू थाने में अवैध बजरी खनन और परिवहन को रोकने की बजाय उनसे पुलिस बंदी लेती थी। इस तरह की शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया और कार्रवाई करते हुए मौके से कॉन्स्टेबल कैलाश चौधरी को गिरफ्तार किया है। वहीं दलाल शंकर लाल चौधरी और राकेश चौधरी को भी एसीबी ने पकड़ा है। आरोपियों के पास से 1 लाख 46 हजार 500 बरामद किए गए हैं। वहीं कार्रवाई की भनक लगते ही थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह के मौके से फरार हो गए...
बाइट मृदुल कच्छावा एचपीएसईबी अजमेर

अवैध बजरी परिवहन में लगे एक वाहन से पुलिस लेती थी तीन हजार रुपए

टोंक जिले के पीपलू थाना क्षेत्र के अंतर्गत अवैध बजरी खनन और बजरी परिवहन का बड़ा खेल वर्षों से चल रहा है। एसीबी अधिकारियों की मानें तो अवैध बजरी परिवहन में लगे एक वाहन से करीब 3 हजार की बंधी पुलिस लिया करती है। ऐसे में दिनभर करीब डेढ़ से 2 लाख रुपए की प्रतिदिन की बंधी बजरी माफियाओं की ओर से पीपलू ने को मिलती थी।

एसीबी ने यू कसा शिकंजा

लगातार अवैध बजरी खनन और परिवहन को लेकर मिल रही शिकायतों को लेकर एसीपी ने शिकायत का सत्यापन करवाया जिस दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है। जिनके कंधों पर अवैध बजरी खनन और परिवहन को रोकने की जिम्मेदारी थी वही बजरी माफियाओं से मिले हुए थे। यूं कहे की पुलिस की शह पर अवैध बजरी खनन और परिवहन क्षेत्र में हो रहा था।

बस आज डेढ़ लाख ही मिले

शिकायत के सत्यापन के दौरान एसीबी ने कांस्टेबल कैलाश चौधरी से थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह गिल को फोन करवाया था फोन पर विजेंद्र सिंह गिल ने कांस्टेबल से पूछा कि आज कितने पैसे जमा हुए हैं कॉन्स्टेबल कैलाश ने बताया कि डेढ़ लाख ही जमा हुए हैं तब थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह गिल ने कांस्टेबल कैलाश चौधरी को कहा कि बस इतने ही। इससे साफ जाहिर होता है कि थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह गिल भ्रष्टाचार में पूरी तरीके से लिप्त रहकर बंदी की रकम जुटाने में लगे हुए थे। एसीबी पीपलू थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह गिल की सरगर्मी से तलाश कर रही है गिल अजमेर शहर के क्रिश्चियन गंज थाना क्षेत्र के प्रभारी भी रह चुके हैं लिहाजा पड़ताल के तौर पर एक टीम एसीबी ने क्रिश्चियन गंज थाने भी भेजी थी।




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