अजमेर. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी टोंक ही नहीं बल्कि प्रदेश में बजरी खनन नहीं रुका है. प्रदेश भर में बजरी माफिया सक्रिय है और बजरी के अवैध खनन के बाद आमजन को 4 गुना भाव में बजरी मिल रही है. खासकर टोंक जिले के बनास क्षेत्र में अवैध बजरी खनन से जुड़ा माफिया काफी सक्रिय, क्योंकि पुलिस बजरी माफिया से रोज बंधी लेती है.
यह खुलासा हुआ है एसीबी की कार्रवाई से अजमेर एसीबी के एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि टोंक जिले के पीपलू थाने में अवैध बजरी खनन और परिवहन को रोकने की बजाय उनसे पुलिस बंदी लेती थी. इस तरह की शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया और कार्रवाई करते हुए मौके से कॉन्स्टेबल कैलाश चौधरी को गिरफ्तार किया है.
वहीं दलाल शंकर लाल चौधरी और राकेश चौधरी को भी एसीबी ने पकड़ा है. आरोपियों के पास से 1 लाख 46 हजार 500 बरामद किए गए हैं.वहीं कार्रवाई की भनक लगते ही थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह के मौके से फरार हो गए.
अवैध बजरी परिवहन में लगे एक वाहन से पुलिस लेती थी तीन हजार रुपए
टोंक जिले के पीपलू थाना क्षेत्र के अंतर्गत अवैध बजरी खनन और बजरी परिवहन का बड़ा खेल वर्षों से चल रहा है. एसीबी अधिकारियों की मानें तो अवैध बजरी परिवहन में लगे एक वाहन से करीब 3 हजार की बंधी पुलिस लिया करती है. ऐसे में दिनभर करीब डेढ़ से 2 लाख रुपए की प्रतिदिन की बंधी बजरी माफियाओं की ओर से पीपलू ने को मिलती थी.
बस आज डेढ़ लाख ही मिले
शिकायत के सत्यापन के दौरान एसीबी ने कांस्टेबल कैलाश चौधरी से थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह गिल को फोन करवाया था. फोन पर विजेंद्र ने कांस्टेबल से पूछा कि आज कितने पैसे जमा हुए हैं. कैलाश ने बताया कि डेढ़ लाख ही जमा हुए हैं. तब थाना विजेंद्र ने कांस्टेबल कैलाश को कहा कि बस इतने ही. इससे साफ जाहिर होता है कि थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह भ्रष्टाचार में पूरी तरीके से लिप्त रहकर बंदी की रकम जुटाने में लगे हुए थे.वहीं एसीबी ने पीपलू थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह की सरगर्मी से तलाश कर रही है. विजेंद्र अजमेर शहर के क्रिश्चियन गंज थाना क्षेत्र के प्रभारी भी रह चुके हैं. लिहाजा पड़ताल के तौर पर एक टीम एसीबी ने क्रिश्चियन गंज थाने भी भेजी थी.