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Good Friday: गुड फ्राईडे पर यीशु को याद कर नम हुईं आंखें, गिरजाघरों में की गई विशेष प्रार्थना

अजमेर में मसीह समाज ने गुड फ्राइडे पर यीशु मसीह को याद किया. यीशु के बलिदान दिवस के रूप में मनाए जाने वाले पर्व गुड फ्राइडे पर गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना की गई.

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गुड फ्राइडे पर विशेष प्रार्थनाएं
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Published : Apr 7, 2023, 6:55 PM IST

गुड फ्राइडे पर विशेष प्रार्थनाएं

अजमेर. मसीह समाज ने आज गुड फ्राइ डे मनाया. जिले के सभी प्राचीन और नए चर्च में प्रार्थना सभाएं हुईं. इनमें क्रूस की प्रेयर भी की गई. मसीह समाज की मान्यताओं के अनुसार आज ही के दिन प्रभु यीशु ने मानव कल्याण के लिए अपना जीवन त्याग दिया था. इसके बाद से इस दिन को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है.

गुड फ्राइडे को यीशु के बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज के दिन ही प्रभु यीशु ने क्रूस पर अपने प्राण त्याग दिये थे. इस घटना को मसीह समाज गुड फ्राइडे के रूप में मनाता आया है. शुक्रवार को अजमेर के सभी प्राचीन गिरजाघरों में प्रार्थना सभा और क्रूस की प्रेयर हुई. समाज के लोगों ने प्रभु यीशु के बलिदान को याद किया और प्रार्थना में विश्व में शांति और भाईचारा कायम रहने की कामना की. मेयो लिंक रोड स्थित चर्च परिसर में गुड फ्राइडे मनाया गया. यहूदी शासक के शासन में प्रभु यीशु को शारारिक यातनाएं देकर क्रूस पर चढ़ाया गया था. यह घटना 14 चरण में हुई. इन सभी चरणों को कलाकार के माध्यम से दर्शाया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे.

Good Friday celebration
गुड फ्राइडे पर यीशु के कार्यक्रम आयोजित

पढ़ें. Good Friday 2022: मसीह समाज ने गुड फ्राइडे को उत्साह के साथ मनाया, चर्च में हुई विशेष प्रार्थना

सूली पर चढ़ने से पहले प्रभु यीशु से जुड़े यह 14 स्थान
मेयोलिंक रोड स्थित चर्च में फादर कोसमोस शेखावत ने बताया कि आज ही के दिन प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया था. फादर कोसमोस बताया कि 14 स्थानों पर प्रभु यीशु को यातनाएं दी गईं. प्रभु यीशु पर बहुत अत्याचार किए गए. सबसे पहले प्रभु यीशु को दंड आज्ञा दी गई. दूसरे स्थान पर प्रभु यीशु पर भारी क्रूस रख दिया जाता है. तीसरे चरण में भारी क्रूस को लेकर चलते वक़्त प्रभु यीशु गिर जाते हैं. चौथे स्थान पर प्रभु यीशु अपनी माता से मिलते हैं. इस दौरान माता और पुत्र की आंखों से आंसू बह रहे होते हैं. पांचवे स्थान पर प्रभु राह चलते व्यक्ति साइमन को बुलाते हैं और वह उनकी मदद करता है. छठे स्थान पर भीड़ से एक महिला आती है और प्रभु यीशु का चेहरा पोछती है. इस दौरान प्रभु यीशु का चेहरा उस अंगोछे पर छप जाता है.

पढ़ें. अजमेर में मनाया गया क्रिसमस का पर्व, चर्च में हुई प्रार्थना सभाएं और धार्मिक रस्में

सातवें स्थान पर प्रभु यीशु भारी भरकम क्रूस के साथ गिर जाते हैं. आठवें स्थान पर प्रभु येरूसलम के पुरुष और महिलाओं को ढांढस देते हैं कि मेरे लिए मत रोइए, अपने बच्चों और पाप के लिए रोएं. 9वें स्थान पर प्रभु तीसरी बार जमीन पर गिरते हैं. 10 वें स्थान पर प्रभु यीशु के कपड़ों को सैनिक निर्दयता से खींच लेते हैं. 11 वें स्थान पर प्रभु यीशु को क्रूस पर लेटाकर उनके हाथ-पैरों पर कीलें ठोंक दी जाती हैं. 12 वें स्थान पर प्रभु यीशु क्रॉस पर अपने प्राण त्याग देते हैं. 13 वें स्थान पर क्रॉस से प्रभु यीशु को उतारकर उनकी माता की गोद में रखा जाता है. 14 वें स्थान पर प्रभु यीशु को कब्र में रखा जाता है.

चर्च में विशेष प्रार्थना
फादर कोसमोस ने बताया कि मसीह समाज के लोग आज के दिन क्रूस की पूजा करते हैं. इसके अलावा चर्च में विभिन्न अवसरों के लिए 10 प्रार्थनाएं होती हैं. इसके अलावा देश और विश्व में शांति हो सभी खुशहाल रहें और सभी लोगों में आपस में प्रेम और भाईचारा बना रहे इसके लिए भी प्रार्थना की जाती है. उन्होंने बताया कि 3 दिन बाद ही मसीह समाज के लिए विशेष दिन ईस्टर आ रहा है. उन्होंने बताया कि प्रभु यीशु मृतकों में जी उठते हैं. ईस्टर मसीह समाज के लिए बड़ा त्यौहार है. हमारा विश्वास ही हमारा आधार है क्योंकि यीशु ने जो कहा था वह उन्होंने पूरा किया.

गुड फ्राइडे पर विशेष प्रार्थनाएं

अजमेर. मसीह समाज ने आज गुड फ्राइ डे मनाया. जिले के सभी प्राचीन और नए चर्च में प्रार्थना सभाएं हुईं. इनमें क्रूस की प्रेयर भी की गई. मसीह समाज की मान्यताओं के अनुसार आज ही के दिन प्रभु यीशु ने मानव कल्याण के लिए अपना जीवन त्याग दिया था. इसके बाद से इस दिन को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है.

गुड फ्राइडे को यीशु के बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज के दिन ही प्रभु यीशु ने क्रूस पर अपने प्राण त्याग दिये थे. इस घटना को मसीह समाज गुड फ्राइडे के रूप में मनाता आया है. शुक्रवार को अजमेर के सभी प्राचीन गिरजाघरों में प्रार्थना सभा और क्रूस की प्रेयर हुई. समाज के लोगों ने प्रभु यीशु के बलिदान को याद किया और प्रार्थना में विश्व में शांति और भाईचारा कायम रहने की कामना की. मेयो लिंक रोड स्थित चर्च परिसर में गुड फ्राइडे मनाया गया. यहूदी शासक के शासन में प्रभु यीशु को शारारिक यातनाएं देकर क्रूस पर चढ़ाया गया था. यह घटना 14 चरण में हुई. इन सभी चरणों को कलाकार के माध्यम से दर्शाया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे.

Good Friday celebration
गुड फ्राइडे पर यीशु के कार्यक्रम आयोजित

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सूली पर चढ़ने से पहले प्रभु यीशु से जुड़े यह 14 स्थान
मेयोलिंक रोड स्थित चर्च में फादर कोसमोस शेखावत ने बताया कि आज ही के दिन प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया था. फादर कोसमोस बताया कि 14 स्थानों पर प्रभु यीशु को यातनाएं दी गईं. प्रभु यीशु पर बहुत अत्याचार किए गए. सबसे पहले प्रभु यीशु को दंड आज्ञा दी गई. दूसरे स्थान पर प्रभु यीशु पर भारी क्रूस रख दिया जाता है. तीसरे चरण में भारी क्रूस को लेकर चलते वक़्त प्रभु यीशु गिर जाते हैं. चौथे स्थान पर प्रभु यीशु अपनी माता से मिलते हैं. इस दौरान माता और पुत्र की आंखों से आंसू बह रहे होते हैं. पांचवे स्थान पर प्रभु राह चलते व्यक्ति साइमन को बुलाते हैं और वह उनकी मदद करता है. छठे स्थान पर भीड़ से एक महिला आती है और प्रभु यीशु का चेहरा पोछती है. इस दौरान प्रभु यीशु का चेहरा उस अंगोछे पर छप जाता है.

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सातवें स्थान पर प्रभु यीशु भारी भरकम क्रूस के साथ गिर जाते हैं. आठवें स्थान पर प्रभु येरूसलम के पुरुष और महिलाओं को ढांढस देते हैं कि मेरे लिए मत रोइए, अपने बच्चों और पाप के लिए रोएं. 9वें स्थान पर प्रभु तीसरी बार जमीन पर गिरते हैं. 10 वें स्थान पर प्रभु यीशु के कपड़ों को सैनिक निर्दयता से खींच लेते हैं. 11 वें स्थान पर प्रभु यीशु को क्रूस पर लेटाकर उनके हाथ-पैरों पर कीलें ठोंक दी जाती हैं. 12 वें स्थान पर प्रभु यीशु क्रॉस पर अपने प्राण त्याग देते हैं. 13 वें स्थान पर क्रॉस से प्रभु यीशु को उतारकर उनकी माता की गोद में रखा जाता है. 14 वें स्थान पर प्रभु यीशु को कब्र में रखा जाता है.

चर्च में विशेष प्रार्थना
फादर कोसमोस ने बताया कि मसीह समाज के लोग आज के दिन क्रूस की पूजा करते हैं. इसके अलावा चर्च में विभिन्न अवसरों के लिए 10 प्रार्थनाएं होती हैं. इसके अलावा देश और विश्व में शांति हो सभी खुशहाल रहें और सभी लोगों में आपस में प्रेम और भाईचारा बना रहे इसके लिए भी प्रार्थना की जाती है. उन्होंने बताया कि 3 दिन बाद ही मसीह समाज के लिए विशेष दिन ईस्टर आ रहा है. उन्होंने बताया कि प्रभु यीशु मृतकों में जी उठते हैं. ईस्टर मसीह समाज के लिए बड़ा त्यौहार है. हमारा विश्वास ही हमारा आधार है क्योंकि यीशु ने जो कहा था वह उन्होंने पूरा किया.

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