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RAJASTHAN SEAT SCAN : 20 साल से अजमेर उत्तर की सीट पर भाजपा का कब्जा, इस बार टूटेगा मिथक या देवनानी ही लहराएंगे परचम ?

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Published : Aug 9, 2023, 4:56 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 6:07 PM IST

Rajasthan Election 2023, राजस्थान में होने वाले चुनाव को लेकर पार्टियों ने कमर कस ली है तो वहीं दावेदारों ने भी ताल ठोंकनी शुरू कर दी है. आज हम आपको अजमेर उत्तर सीट का चुनावी गणित बताएंगे. इस सीट पर 20 साल से भाजपा का कब्जा है. देखिए ये रिपोर्ट...

Ajmer North Assembly Constituency
अजमेर उत्तर विधानसभा सीट

अजमेर. राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रदेश में सियासत जोर पकड़ने लगी है. आरोप-प्रत्यारोप के दौर तेज हो चुके हैं. वहीं, नेताओं ने अपनी दावेदारी ठोंकना भी शुरू कर दिया है. बात करें अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र की तो विगत 20 वर्ष से यहां भाजपा का कब्जा है. वासुदेव देवनानी लगातार चौथी बार यहां से विधायक हैं. देवनानी पांचवीं बार भी किस्मत आजमाने तैयार हैं. इधर अजमेर उत्तर सीट पर कांग्रेस भी कब्जा जमाने की फिराक में है लेकिन गुटबाजी से कांग्रेस पार नहीं पा रही है.

अजमेर शहर में अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र कई खूबियां समेटे हुए है. क्षेत्र में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है तो अजमेर शहर को चार चांद लगाती ऐतिहासिक मानव निर्मित आनासागर झील है. झील के चारों ओर बसा हुआ अजमेर उत्तर विधानसभा का बड़ा क्षेत्र है. क्षेत्र में संभाग का सबसे बड़ा जेएलएन अस्पताल और जनाना अस्पताल है. वहीं, जिला मुख्यालय समेत सभी महत्वपूर्ण सरकारी दफ्तर भी अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में हैं.

RAJASTHAN SEAT SCAN
अजमेर उत्तर सीट पर मतदाताओं की स्थिति

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, रेलवे भर्ती बोर्ड, आरपीएससी, राजस्व मंडल, आयुर्वेद निदेशालय, संभाग आयुक्त कार्यालय, नगर निगम, अजमेर विकास प्राधिकरण समेत सभी बड़े कार्यालय क्षेत्र में हैं. वहीं, शैक्षणिक दृष्टि से देखें तो सभी बड़ी शिक्षण संस्थाएं भी अजमेर उत्तर में है. विगत 5 वर्षों में अजमेर उत्तर का तेजी से विकास हुआ है, लेकिन यह विकास मौजूदा विधायक के खाते में ना जाकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खाते में जाता है. अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से 900 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य हुए. इनमें एलिवेटेड ब्रिज भी शामिल हैं. इसके अलावा पर्यटन, चिकित्सा, शिक्षा, मुख्य सड़क को लेकर भी विकास हुए हैं.

Rajasthan Election 2023
टिकट के दावेदार

पढ़ें : RAJASTHAN SEAT SCAN: बाड़ी में क्या गिर्राज सिंह मारेंगे जीत का 'चौका' या लगेगी सेंध, विरोधी हुए लामबंद तो बढ़ जाएगी मुश्किलें

RSS के चहेते हैं देवनानी : अजमेर शहर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गढ़ रहा है. अजमेर शहर की उत्तर और दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की सीटों में टिकट से लेकर चुनाव लड़वाने तक आरएसएस की सक्रियता काफी रहती है. यूं कहें कि शहर की दोनों सीटें आरएसएस का कोटा मानी जाती हैं तो गलत नहीं होगा. वर्तमान में अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी आरएसएस के चहेते हैं. माना जाता है कि देवनानी का टिकट बीजेपी कार्यालय से नहीं, बल्कि नागपुर में संघ मुख्यालय से आता है. देवनानी लगातार 20 वर्षों से क्षेत्र में विधायक हैं. क्षेत्र में देवनानी की सक्रियता और कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खड़े रहना ही उनकी ताकत है. यही वजह है कि देवनानी इस बार भी अपने टिकट को लेकर आश्वस्त हैं. हालांकि, देवनानी 75 वर्ष की आयु पार कर गए. ऐसे में अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि बीजेपी इस बार यहां नए चेहरे पर दांव खेल सकती है. दूसरी ओर अब टिकट के दावेदार भी भाजपा में बढ़ने लगे हैं.

कांग्रेस को गुटबाजी ले डूबी : अजमेर शहर की दोनों सीटों पर कांग्रेस कमजोर स्थिति में रही है. 20 वर्षों में कांग्रेस शहर की दोनों सीटें जीतना तो दूर नगर निगम में अपना बोर्ड तक नहीं बना पाई है. हालांकि, अपवाद के तौर पर सीधे मेयर के चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी थी. इस बार नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक हार हुई. इसका कारण कांग्रेस में गुटबाजी ही रही. संगठनात्मक रूप से अजमेर शहर में कांग्रेस कमजोर रही है. वहीं, पार्टी कम व्यक्तिगत निष्ठा पर यहां कांग्रेस के नेता ज्यादा विश्वास करते हैं. यही वजह है कि यहां कांग्रेस के जितने नेता हैं उतने ही गुट यहां सक्रिय हैं. पिछले चुनाव में देवनानी के सामने कांग्रेस से महेंद्र सिंह रलावता ने लड़ा था. उससे पहले दो बार देवनानी के सामने कांग्रेस से पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती चुनाव लड़ चुके हैं.

Ajmer North Assembly Constituency
पिछले चुनाव का परिणाम

20 वर्षों से नहीं टूटा सिंधी सीट होने का मिथक : अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र सिंधी बाहुल्य है. देवनानी सिंधी समाज से आते हैं. ऐसे में अजमेर उत्तर के बारे में एक मिथक बन गया कि यह सिंधी सीट है. कांग्रेस ने पिछले 15 वर्षों से गैर सिंधी को टिकट देकर देख लिया है, लेकिन यहां देवनानी चार बार से अपनी जीत बरकरार रखे हुए हैं. 20 वर्षों से देवनानी अजमेर उत्तर से विधायक हैं. ऐसे में सिंधी सीट होने के मिथक को और बल मिला है.

दरअसल देवनानी से पहले भी सीट से सिंधी समाज से कांग्रेस के टिकट पर किशन मोटवानी 3 बार, बीजेपी से भगवान दास शास्त्री, कांग्रेस से एक बार नानकराम जगतराय एवं बीजेपी से हरीश झामनानी एक बार चुनाव जीत चुके हैं. देवनानी ने उदयपुर से आकर अजमेर में पहला चुनाव वर्ष 2003 में लड़ा. उनके सामने कांग्रेस से नरेन शाहनी थे. शाहनी चुनाव हार गए और देवनानी स्थाई रूप से यहीं जम गए.

पढ़ें : RAJASTHAN SEAT SCAN: भीलवाड़ा सीट पर भाजपा का कब्जा, दो दशक में कांग्रेस नहीं लगा पाई सेंध...इस बार यह है गणित

इस बार यह दावेदार : 75 वर्ष की उम्र के बाद भी वासुदेव देवनानी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. बीजेपी अपने फार्मूले को लागू करती है तो देवनानी को कोई बड़ा पद देकर संतुष्ट किया जा सकता है और उनकी जगह नए चेहरे पर बीजेपी दांव खेल सकती है. बीजेपी में दावेदारों की कमी नहीं है. दावेदारों में सुरेंद्र सिंह शेखावत, सुनील जैन, सुभाष काबरा, हरीश गिदवानी, नीरज जैन, जेके शर्मा, कंवल प्रकाश किशनानी का नाम है. इधर कांग्रेस में आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ भी अजमेर उत्तर से ताल ठोंकने की तैयारी में हैं. उनकी सक्रियता ने कांग्रेस में अन्य दावेदारों की बेचैनी बढ़ा दी है. पिछला चुनाव हारे महेंद्र सिंह रलावता दोबारा से अपना भाग्य आजमाना चाह रहे हैं. डॉ. श्रीगोपाल बाहेती की पहली पसंद अब पुष्कर है, लेकिन उत्तर से टिकट की दावेदारी भी वह करेंगे. दीपक हासानी, विजय जैन भी दावेदार हैं.

Rajasthan Election 2023
वासुदेव देवनानी और नीरज जैन

अजमेर उत्तर का राजनीतिक समीकरण : अजमेर उत्तर में विगत 20 वर्षों से भाजपा का प्रभुत्व रहा है. प्रदेश में 20 वर्ष में दो बार कांग्रेस की सरकार बनी है, लेकिन अजमेर उत्तर की सीट पर भाजपा का ही कब्जा रहा. क्षेत्र की जनता का झुकाव बीजेपी की ओर रहा है. दरअसल, अजमेर उत्तर में मतदाता का अटैचमेंट पार्टी से है. बीजेपी के हिंदूवादी विचारधारा का वोटर पर ज्यादा प्रभाव यहां देखा गया है. हिंदूवादी कई संगठन भी क्षेत्र में संक्रिय हैं जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के माध्यम से हिंदूवादी विचारधारा को पोषित करते रहते हैं. इसका प्रभाव चुनाव में भी देखने को मिलता है. हिंदू मतदाताओं का झुकाव बीजेपी की ओर रहता है, जबकि कांग्रेस हमेशा से गुटबाजी में ही उलझ कर रह जाती है.

RAJASTHAN ASSEMBLY ELECTION 2023
पिछले चार चुनावों के परिणाम

पढ़ें : धौलपुर सीट पर शोभारानी मारेंगी 'हैट्रिक' या वोट बैंक में लगेगी 'सेंध', मैदान पर है कई दावेदारों की नजर

यह जातिगत समीकरण : जातिगत समीकरण की बात करें तो अजमेर उत्तर में 2 लाख 5 हजार 833 मतदाता हैं. इनमें 1 लाख 3 हजार 512 पुरुष और 1 लाख 2 हजार 321 महिलाएं मतदाता शामिल हैं. राजनीतिक पार्टियां खासकर भाजपा इस सीट को सिंधी बाहुल्य मानती आई है. जातिगत समीकरण पर एक नजर...

सिंधी - 18 हजार

एससी - 28 हजार

रावणा राजपूत - 25 हजार

वैश्य - 17 हजार

ब्राह्मण - 19 हजार

मुस्लिम - 23 हजार

माली - 12 हजार

तेली - 10 हजार

रावत - 10 हजार

गुर्जर - 9 हजार

कायस्थ - 10 हजार

ईसाई - 8 हजार

यादव - 6 हजार

अन्य - 19 हजार

एसटी - 10 हजार

कुल : 2 लाख 5 हजार 833

अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे : अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में पेयजल, सड़क, सीवेज, रोजगार, पार्किंग, आनासागर झील में गंदे पानी की निकासी का मुद्दा है. झील क्षेत्र में स्मार्ट सिटी कार्यो में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी अहम है. क्षेत्र के लोग बताते हैं कि क्षेत्र के विधायक वासुदेव देवनानी ने 4 वर्षों में नियमित रूप से होने वाले विकास कार्य करवाए, लेकिन ऐसा कोई ठोस विकास कार्य नहीं है जिससे अगली पीढ़ी देवनानी को याद रख सके.

सामाजिक कार्यकर्त्ता गोपाल बंजारा ने कहा कि बीजेपी संगठन का 70 वर्ष की आयु से अधिक नेताओं को टिकट नहीं देने का फार्मूला लागू होता है तो नए चेहरे की उम्मीद की जा रही है. विधायक से शहर के विकास की उम्मीद की जाती है. विधायक का जन मुद्दों को पूरा करने के मामले में 50-50 ही अंक दूंगा. स्थानीय निवासी संदीप शर्मा बताते हैं कि विधायक वासुदेव देवनानी चार बार चुनाव जीते हैं, लेकिन विधायक ने सड़क को और सीवरेज की ओर ध्यान नहीं दिया है. एलिवेटेड रोड की सड़क बन चुकी है, लेकिन उसके नीचे की सड़क पर गड्ढे आमजन को परेशान कर रहे हैं. टूटी हुई सड़क से उड़ती हुई धूल व्यापारियों के लिए भी मुसीबत बन चुकी है. शर्मा ने कहा कि आना सागर झील का दायरा भी कम कर दिया गया है. इसको लेकर भी विधायक ने कुछ नहीं किया.

Ajmer North Assembly Constituency
आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़.

2003 से 2018 तक के सियासी हाल :

2003 में बीजेपी से वासुदेव देवनानी ने पहला चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में कांग्रेस ने भी नए चेहरे के तौर पर सिंधी समाज से नरेन शाहनी को मैदान में उतारा था. चुनाव में पांच उम्मीदवार मैदान में थे. चुनाव में बीजेपी से वासुदेव देवनानी ने 2440 मतों से कांग्रेस उम्मीदवार नरेन शाहनी को शिकस्त दी थी.

2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वासुदेव देवनानी को दोबारा मैदान में उतारा. वहीं, कांग्रेस ने पुष्कर से पूर्व विधायक रहे डॉ. श्रीगोपाल बाहेती को मैदान में उतारा. चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 57 हजार 320 थी. इनमें से 89 हजार 05 मतदाताओं ने वोट डाले. चुनाव में बीजेपी को 41 हजार 907 यानी 47.11 प्रतिशत और कांग्रेस को 41 हजार 219 यानी 46.33 प्रतिशत वोट मिले. काफी कम अंतराल से देवनानी ने जीत हासिल की थी. इस चुनाव में 11 उम्मीदवार मैदान में थे.

Ajmer North Assembly Constituency
ये भी हैं टिकट के दावेदार

2013 विधानसभा चुनाव में बीजेपी से वासुदेव देवनानी ने जीत की हैट्रिक लगाई. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती को दोबारा शिकस्त खानी पड़ी. चुनाव में 9 उम्मीदवार मैदान में थे. चुनाव में 1 लाख 78 हजार 695 मतदाता थे. इनमें से 1 लाख 21 हजार 418 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. चुनाव परिणाम पर गौर करें तो देवनानी को 68 हजार 461 यानी 56.38 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस विधायक डॉ. श्री गोपाल बाहेती को 47 हजार 982 यानी 39.52 प्रतिशत वोट मिले.

पढ़ें : RAJASTHAN SEAT SCAN: आसींद से बीजेपी मारेगी जीत का 'चौका' या पलटेगा पासा, हर दल को चाहिए गुर्जर-ब्राह्मण के गठजोड़ का साथ

पढ़ें : RAJASTHAN SEAT SCAN: राजाखेड़ा में फिर कांग्रेस होगी मजबूत या 'गढ़' में लगेगी सेंध, दो दिग्गज परिवारों के बीच दिलचस्प हो सकता है मुकाबला

पढे़ं : RAJASTHAN SEAT SCAN: उदयपुर शहर विधानसभा सीट पर बीजेपी का दबदबा, क्या इस बार कांग्रेस देगी कड़ी टक्कर? जानें समीकरण

2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चौथी बार वासुदेव देवनानी को टिकट थमाया. वहीं, कांग्रेस से राजपूत समाज से महेंद्र सिंह रलावता को मैदान में उतारा. चुनाव में 2 लाख 6 हजार 312 मतदाता थे. इनमें से 1 लाख 32 हजार 947 मतदाताओं ने वोट डाले, जिसमें 68 हजार 537 पुरुष और 62 हजार 844 महिलाएं मतदाता थीं. 64.56 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस चुनाव में देवनानी को 67 हजार 881 और महेंद्र सिंह रलावता को 59 हजार 251 वोट मिले थे. देवनानी ने 8 हजार 630 मतों से चौथी बार जीत हासिल की थी. चुनाव में बीजेपी को 51.06 और कांग्रेस 44.57 प्रतिशत मत मिले थे. चुनाव मैदान में 13 उम्मीदवार थे और 64.44 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.

अजमेर. राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रदेश में सियासत जोर पकड़ने लगी है. आरोप-प्रत्यारोप के दौर तेज हो चुके हैं. वहीं, नेताओं ने अपनी दावेदारी ठोंकना भी शुरू कर दिया है. बात करें अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र की तो विगत 20 वर्ष से यहां भाजपा का कब्जा है. वासुदेव देवनानी लगातार चौथी बार यहां से विधायक हैं. देवनानी पांचवीं बार भी किस्मत आजमाने तैयार हैं. इधर अजमेर उत्तर सीट पर कांग्रेस भी कब्जा जमाने की फिराक में है लेकिन गुटबाजी से कांग्रेस पार नहीं पा रही है.

अजमेर शहर में अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र कई खूबियां समेटे हुए है. क्षेत्र में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है तो अजमेर शहर को चार चांद लगाती ऐतिहासिक मानव निर्मित आनासागर झील है. झील के चारों ओर बसा हुआ अजमेर उत्तर विधानसभा का बड़ा क्षेत्र है. क्षेत्र में संभाग का सबसे बड़ा जेएलएन अस्पताल और जनाना अस्पताल है. वहीं, जिला मुख्यालय समेत सभी महत्वपूर्ण सरकारी दफ्तर भी अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में हैं.

RAJASTHAN SEAT SCAN
अजमेर उत्तर सीट पर मतदाताओं की स्थिति

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, रेलवे भर्ती बोर्ड, आरपीएससी, राजस्व मंडल, आयुर्वेद निदेशालय, संभाग आयुक्त कार्यालय, नगर निगम, अजमेर विकास प्राधिकरण समेत सभी बड़े कार्यालय क्षेत्र में हैं. वहीं, शैक्षणिक दृष्टि से देखें तो सभी बड़ी शिक्षण संस्थाएं भी अजमेर उत्तर में है. विगत 5 वर्षों में अजमेर उत्तर का तेजी से विकास हुआ है, लेकिन यह विकास मौजूदा विधायक के खाते में ना जाकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खाते में जाता है. अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से 900 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य हुए. इनमें एलिवेटेड ब्रिज भी शामिल हैं. इसके अलावा पर्यटन, चिकित्सा, शिक्षा, मुख्य सड़क को लेकर भी विकास हुए हैं.

Rajasthan Election 2023
टिकट के दावेदार

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RSS के चहेते हैं देवनानी : अजमेर शहर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गढ़ रहा है. अजमेर शहर की उत्तर और दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की सीटों में टिकट से लेकर चुनाव लड़वाने तक आरएसएस की सक्रियता काफी रहती है. यूं कहें कि शहर की दोनों सीटें आरएसएस का कोटा मानी जाती हैं तो गलत नहीं होगा. वर्तमान में अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी आरएसएस के चहेते हैं. माना जाता है कि देवनानी का टिकट बीजेपी कार्यालय से नहीं, बल्कि नागपुर में संघ मुख्यालय से आता है. देवनानी लगातार 20 वर्षों से क्षेत्र में विधायक हैं. क्षेत्र में देवनानी की सक्रियता और कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खड़े रहना ही उनकी ताकत है. यही वजह है कि देवनानी इस बार भी अपने टिकट को लेकर आश्वस्त हैं. हालांकि, देवनानी 75 वर्ष की आयु पार कर गए. ऐसे में अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि बीजेपी इस बार यहां नए चेहरे पर दांव खेल सकती है. दूसरी ओर अब टिकट के दावेदार भी भाजपा में बढ़ने लगे हैं.

कांग्रेस को गुटबाजी ले डूबी : अजमेर शहर की दोनों सीटों पर कांग्रेस कमजोर स्थिति में रही है. 20 वर्षों में कांग्रेस शहर की दोनों सीटें जीतना तो दूर नगर निगम में अपना बोर्ड तक नहीं बना पाई है. हालांकि, अपवाद के तौर पर सीधे मेयर के चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी थी. इस बार नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक हार हुई. इसका कारण कांग्रेस में गुटबाजी ही रही. संगठनात्मक रूप से अजमेर शहर में कांग्रेस कमजोर रही है. वहीं, पार्टी कम व्यक्तिगत निष्ठा पर यहां कांग्रेस के नेता ज्यादा विश्वास करते हैं. यही वजह है कि यहां कांग्रेस के जितने नेता हैं उतने ही गुट यहां सक्रिय हैं. पिछले चुनाव में देवनानी के सामने कांग्रेस से महेंद्र सिंह रलावता ने लड़ा था. उससे पहले दो बार देवनानी के सामने कांग्रेस से पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती चुनाव लड़ चुके हैं.

Ajmer North Assembly Constituency
पिछले चुनाव का परिणाम

20 वर्षों से नहीं टूटा सिंधी सीट होने का मिथक : अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र सिंधी बाहुल्य है. देवनानी सिंधी समाज से आते हैं. ऐसे में अजमेर उत्तर के बारे में एक मिथक बन गया कि यह सिंधी सीट है. कांग्रेस ने पिछले 15 वर्षों से गैर सिंधी को टिकट देकर देख लिया है, लेकिन यहां देवनानी चार बार से अपनी जीत बरकरार रखे हुए हैं. 20 वर्षों से देवनानी अजमेर उत्तर से विधायक हैं. ऐसे में सिंधी सीट होने के मिथक को और बल मिला है.

दरअसल देवनानी से पहले भी सीट से सिंधी समाज से कांग्रेस के टिकट पर किशन मोटवानी 3 बार, बीजेपी से भगवान दास शास्त्री, कांग्रेस से एक बार नानकराम जगतराय एवं बीजेपी से हरीश झामनानी एक बार चुनाव जीत चुके हैं. देवनानी ने उदयपुर से आकर अजमेर में पहला चुनाव वर्ष 2003 में लड़ा. उनके सामने कांग्रेस से नरेन शाहनी थे. शाहनी चुनाव हार गए और देवनानी स्थाई रूप से यहीं जम गए.

पढ़ें : RAJASTHAN SEAT SCAN: भीलवाड़ा सीट पर भाजपा का कब्जा, दो दशक में कांग्रेस नहीं लगा पाई सेंध...इस बार यह है गणित

इस बार यह दावेदार : 75 वर्ष की उम्र के बाद भी वासुदेव देवनानी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. बीजेपी अपने फार्मूले को लागू करती है तो देवनानी को कोई बड़ा पद देकर संतुष्ट किया जा सकता है और उनकी जगह नए चेहरे पर बीजेपी दांव खेल सकती है. बीजेपी में दावेदारों की कमी नहीं है. दावेदारों में सुरेंद्र सिंह शेखावत, सुनील जैन, सुभाष काबरा, हरीश गिदवानी, नीरज जैन, जेके शर्मा, कंवल प्रकाश किशनानी का नाम है. इधर कांग्रेस में आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ भी अजमेर उत्तर से ताल ठोंकने की तैयारी में हैं. उनकी सक्रियता ने कांग्रेस में अन्य दावेदारों की बेचैनी बढ़ा दी है. पिछला चुनाव हारे महेंद्र सिंह रलावता दोबारा से अपना भाग्य आजमाना चाह रहे हैं. डॉ. श्रीगोपाल बाहेती की पहली पसंद अब पुष्कर है, लेकिन उत्तर से टिकट की दावेदारी भी वह करेंगे. दीपक हासानी, विजय जैन भी दावेदार हैं.

Rajasthan Election 2023
वासुदेव देवनानी और नीरज जैन

अजमेर उत्तर का राजनीतिक समीकरण : अजमेर उत्तर में विगत 20 वर्षों से भाजपा का प्रभुत्व रहा है. प्रदेश में 20 वर्ष में दो बार कांग्रेस की सरकार बनी है, लेकिन अजमेर उत्तर की सीट पर भाजपा का ही कब्जा रहा. क्षेत्र की जनता का झुकाव बीजेपी की ओर रहा है. दरअसल, अजमेर उत्तर में मतदाता का अटैचमेंट पार्टी से है. बीजेपी के हिंदूवादी विचारधारा का वोटर पर ज्यादा प्रभाव यहां देखा गया है. हिंदूवादी कई संगठन भी क्षेत्र में संक्रिय हैं जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के माध्यम से हिंदूवादी विचारधारा को पोषित करते रहते हैं. इसका प्रभाव चुनाव में भी देखने को मिलता है. हिंदू मतदाताओं का झुकाव बीजेपी की ओर रहता है, जबकि कांग्रेस हमेशा से गुटबाजी में ही उलझ कर रह जाती है.

RAJASTHAN ASSEMBLY ELECTION 2023
पिछले चार चुनावों के परिणाम

पढ़ें : धौलपुर सीट पर शोभारानी मारेंगी 'हैट्रिक' या वोट बैंक में लगेगी 'सेंध', मैदान पर है कई दावेदारों की नजर

यह जातिगत समीकरण : जातिगत समीकरण की बात करें तो अजमेर उत्तर में 2 लाख 5 हजार 833 मतदाता हैं. इनमें 1 लाख 3 हजार 512 पुरुष और 1 लाख 2 हजार 321 महिलाएं मतदाता शामिल हैं. राजनीतिक पार्टियां खासकर भाजपा इस सीट को सिंधी बाहुल्य मानती आई है. जातिगत समीकरण पर एक नजर...

सिंधी - 18 हजार

एससी - 28 हजार

रावणा राजपूत - 25 हजार

वैश्य - 17 हजार

ब्राह्मण - 19 हजार

मुस्लिम - 23 हजार

माली - 12 हजार

तेली - 10 हजार

रावत - 10 हजार

गुर्जर - 9 हजार

कायस्थ - 10 हजार

ईसाई - 8 हजार

यादव - 6 हजार

अन्य - 19 हजार

एसटी - 10 हजार

कुल : 2 लाख 5 हजार 833

अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे : अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में पेयजल, सड़क, सीवेज, रोजगार, पार्किंग, आनासागर झील में गंदे पानी की निकासी का मुद्दा है. झील क्षेत्र में स्मार्ट सिटी कार्यो में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी अहम है. क्षेत्र के लोग बताते हैं कि क्षेत्र के विधायक वासुदेव देवनानी ने 4 वर्षों में नियमित रूप से होने वाले विकास कार्य करवाए, लेकिन ऐसा कोई ठोस विकास कार्य नहीं है जिससे अगली पीढ़ी देवनानी को याद रख सके.

सामाजिक कार्यकर्त्ता गोपाल बंजारा ने कहा कि बीजेपी संगठन का 70 वर्ष की आयु से अधिक नेताओं को टिकट नहीं देने का फार्मूला लागू होता है तो नए चेहरे की उम्मीद की जा रही है. विधायक से शहर के विकास की उम्मीद की जाती है. विधायक का जन मुद्दों को पूरा करने के मामले में 50-50 ही अंक दूंगा. स्थानीय निवासी संदीप शर्मा बताते हैं कि विधायक वासुदेव देवनानी चार बार चुनाव जीते हैं, लेकिन विधायक ने सड़क को और सीवरेज की ओर ध्यान नहीं दिया है. एलिवेटेड रोड की सड़क बन चुकी है, लेकिन उसके नीचे की सड़क पर गड्ढे आमजन को परेशान कर रहे हैं. टूटी हुई सड़क से उड़ती हुई धूल व्यापारियों के लिए भी मुसीबत बन चुकी है. शर्मा ने कहा कि आना सागर झील का दायरा भी कम कर दिया गया है. इसको लेकर भी विधायक ने कुछ नहीं किया.

Ajmer North Assembly Constituency
आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़.

2003 से 2018 तक के सियासी हाल :

2003 में बीजेपी से वासुदेव देवनानी ने पहला चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में कांग्रेस ने भी नए चेहरे के तौर पर सिंधी समाज से नरेन शाहनी को मैदान में उतारा था. चुनाव में पांच उम्मीदवार मैदान में थे. चुनाव में बीजेपी से वासुदेव देवनानी ने 2440 मतों से कांग्रेस उम्मीदवार नरेन शाहनी को शिकस्त दी थी.

2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वासुदेव देवनानी को दोबारा मैदान में उतारा. वहीं, कांग्रेस ने पुष्कर से पूर्व विधायक रहे डॉ. श्रीगोपाल बाहेती को मैदान में उतारा. चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 57 हजार 320 थी. इनमें से 89 हजार 05 मतदाताओं ने वोट डाले. चुनाव में बीजेपी को 41 हजार 907 यानी 47.11 प्रतिशत और कांग्रेस को 41 हजार 219 यानी 46.33 प्रतिशत वोट मिले. काफी कम अंतराल से देवनानी ने जीत हासिल की थी. इस चुनाव में 11 उम्मीदवार मैदान में थे.

Ajmer North Assembly Constituency
ये भी हैं टिकट के दावेदार

2013 विधानसभा चुनाव में बीजेपी से वासुदेव देवनानी ने जीत की हैट्रिक लगाई. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती को दोबारा शिकस्त खानी पड़ी. चुनाव में 9 उम्मीदवार मैदान में थे. चुनाव में 1 लाख 78 हजार 695 मतदाता थे. इनमें से 1 लाख 21 हजार 418 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. चुनाव परिणाम पर गौर करें तो देवनानी को 68 हजार 461 यानी 56.38 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस विधायक डॉ. श्री गोपाल बाहेती को 47 हजार 982 यानी 39.52 प्रतिशत वोट मिले.

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2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चौथी बार वासुदेव देवनानी को टिकट थमाया. वहीं, कांग्रेस से राजपूत समाज से महेंद्र सिंह रलावता को मैदान में उतारा. चुनाव में 2 लाख 6 हजार 312 मतदाता थे. इनमें से 1 लाख 32 हजार 947 मतदाताओं ने वोट डाले, जिसमें 68 हजार 537 पुरुष और 62 हजार 844 महिलाएं मतदाता थीं. 64.56 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस चुनाव में देवनानी को 67 हजार 881 और महेंद्र सिंह रलावता को 59 हजार 251 वोट मिले थे. देवनानी ने 8 हजार 630 मतों से चौथी बार जीत हासिल की थी. चुनाव में बीजेपी को 51.06 और कांग्रेस 44.57 प्रतिशत मत मिले थे. चुनाव मैदान में 13 उम्मीदवार थे और 64.44 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.

Last Updated : Dec 1, 2023, 6:07 PM IST
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