अजमेर. अंतरराष्ट्रीय पटल पर पुष्कर की पहचान धार्मिक और पर्यटन नगरी के रूप में है. हिंदुओं की सबसे बड़ी तीर्थ स्थली के रूप में विख्यात पुष्कर में सरकार अगले महीने की शुरुआत में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव मनाने जा रही है. इसके साथ ही ग्रामीण ओलंपिक खेल कूद प्रतियोगिताओं की तर्ज पर राज्य सरकार सांस्कृतिक महोत्सव का भी आगाज प्रदेश भर में करने वाली है. दरअसल महोत्सव के माध्यम से कांग्रेस का प्रयास जनता से जुड़ने का है, लेकिन मंशा आगामी चुनाव में बीजेपी के हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर यह कांग्रेस की जवाबी तैयारी मानी जा रही है. हालांकि भाजपा ने महोत्सव शुरू होने से पहले ही इसे कांग्रेस का नाटक करार दे दिया.
चुनावी वर्ष में प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने महोत्सव के माध्यम से लोगों तक पहुंचने का माध्यम चुना है. शुरुआत तीर्थ नगरी पुष्कर से चार दिवसीय 4 से 7 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव मनाने जा रही है. सब जानते हैं कि पुष्कर हिंदुओं के बड़े तीर्थ स्थलों में से एक है. सभी तीर्थों के गुरु के रूप में पुष्कर विख्यात है. कांग्रेस ने हिंदुओं के सबसे बड़े तीर्थ स्थल पुष्कर में अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव का आयोजन कर प्रदेश में ही नहीं देश भर में भी सॉफ्ट हिंदुत्व का संदेश दिया है.
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हालांकि पुष्कर मेला 2022 में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहली बार पुष्कर मेले में शिरकत की थी. पुष्कर के पवित्र सरोवर के 52 घाटों पर सवा लाख दीपदान का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम के सफल होने के बाद सरकार ने अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव में भी सवा लाख दीपों से दीपदान और महाआरती का आयोजन घाटों पर रखा है. आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ पुष्कर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव की व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. संभवत इसमें सीएम अशोक गहलोत भी शिरकत करेंगे. हालांकि उनका कार्यक्रम अभी नहीं आया है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव को सफल बनाने की तैयारी जोर शोर से की जा रही है.
तुष्टीकरण के आरोप पर कांग्रेस का दाव: बीजेपी कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप हमेशा से लगाती आई है. विकास के मुद्दे पटरी से उतर कर हिंदुत्व का मुद्दा पटरी पर तेजी से रफ्तार पकड़ता है. ऐसे में हिंदुत्व के मुद्दे की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए कांग्रेस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. हिंदुओं के सबसे बड़े तीर्थ स्थल पर चार दिवसीय होली महोत्सव मना कर कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हिंदुत्व के मुद्दे पर जवाब तैयार कर रही है.
वहीं राजस्थान की परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ कर कांग्रेस सरकार लोगों की भावनाओं से भी जुड़ना चाहती है. आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ बताते हैं कि गांव ढाणी से लेकर ब्लॉक जिला और प्रदेश स्तर तक सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन होंगे. इनमें स्थानीय लोक कलाकारों को मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया जाएगा. राठौड़ बताते हैं कि राजस्थान दिवस पर सांस्कृतिक महोत्सव के कार्यक्रम का समापन जयपुर में होगा.
कपड़ा फाड़ होली की भरपाई: दूसरे परिपेक्ष में देखें तो पुष्कर की कपड़ा फाड़ होली विश्व प्रसिद्ध थी. जिस पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. कारण साफ है कि धार्मिक नगरी पुष्कर और उसकी मर्यादा कपड़ा फाड़ होली में तार-तार हो रहे कपड़ों की तरह ही होती जा रही थी. ऐसे में पुष्कर की मर्यादा और धार्मिक महत्व को बचाने के लिए प्रबुद्ध लोग ने कपड़ा फाड़ होली का विरोध किया था. बता दें कि कपड़ा फाड़ होली कुछ ही वर्षों में इतनी प्रसिद्ध हो गई थी कि सात समंदर पार से सैलानी केवल कपड़ा फाड़ होली में भाग लेने के लिए पुष्कर आने लगे थे. इनमें बड़ी संख्या देसी सैलानियों की भी रहती थी.
कपड़ा फाड़ होली की वजह से पुष्कर में पर्यटन उद्योग को रफ्तार मिलती थी. यही वजह है कि कपड़ा फाड़ होली पर प्रतिबंध लगाने से पर्यटन उद्योग को हुए नुकसान की भरपाई के तौर पर सरकार ने चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव की शुरुआत की है. इसमें बॉलीवुड और हॉलीवुड कलाकारों आमंत्रित किया गया है. वहीं देश के नामचीन भजन गायक भी भजन संध्या के कार्यक्रम में प्रस्तुति देंगे.
विपक्ष का हमला: पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस सरकार के अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव और सांस्कृतिक महोत्सव पर तंज कसते हुए कहा कि कि चुनावी साल में कांग्रेस अभी और क्या-क्या नाटक करेगी. देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार इस तरह के उत्सव मनाकर लोगों की सहानुभूति लेना चाहती है. देवनानी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जिस पार्टी के नेताओं को राम में विश्वास नहीं है. कांग्रेस के राज में रामचरित्र मानस पर सवाल उठाए जाते हैं.
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राजनीतिक जमीन तैयार कर रहे राठौड़: सीएम अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र सिंह राठौड़ पुष्कर में डेढ़ वर्षो से संक्रिय हैं. राठौड़ का पुष्कर के समीप में पैतृक गांव नांद है. लिहाजा राठौड़ अपनी राजनीति की फसल अब पुष्कर में तैयार कर रहे हैं. यही वजह है कि आरटीडीसी चैयरमेन बनने के बाद भी उनका ज्यादातर फोकस पुष्कर पर ही रहा है. राठौड़ ने पुष्कर मेले में सवा लाख दीप प्रज्वलित करने का कार्यक्रम भी रखा था. सावन के अवसर पर देवस्थान विभाग की ओर से पुष्कर में ही भगवान शिव का अभिषेक किया था. 24 कोसी परिक्रमा के विकास और अब अंतरराष्ट्रीय होली महोत्सव के आधार पर राठोड़ लोकतांत्रिक तरीके से विधानसभा का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि राठौड़ इससे पहले बानसूर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपनी किस्मत आजमा चुके हैं.