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Rajasthan Assembly election 2023: पुष्कर के लोगों ने मतदान ​तिथि में की बदलाव की मांग, बताए ये कारण

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान की तारीख 23 नवंबर घोषित की गई है. हालांकि इस तारीख पर कई धार्मिक और वैवाहिक कार्यक्रमों का बड़ी संख्या में आयोजन होगा,​ जिससे मतदान पर असर पड़ सकता है. इसलिए लोगों ने इसमें बदलाव की मांग की है.

demand of change in date of voting in Rajasthan
मतदान ​तिथि में की बदलाव की मांग
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 10, 2023, 10:56 PM IST

मतदान ​तिथि में की बदलाव की मांग...ये है कारण

अजमेर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान 23 नवंबर को होगा. पुष्कर में मतदान दिवस की तिथि को लेकर लोगों में दुविधा की स्थिति बन गई है. मुख्य चुनाव आयोग से लोग तिथि में संशोधन की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस दिन पुष्कर में कार्तिक महास्नान, अंतरराष्ट्रीय मेला और देवउठनी ग्यारस के चलते शादियां होंगी. जिसके चलते मतदान पर असर पड़ेगा.

23 नवंबर को हैं अबूझ सावे: तीर्थ नगरी पुष्कर अपने धार्मिक महत्व के साथ-साथ पिछले कई वर्षों से शादियों के लिए डेस्टिनेशन भी बन गई है. प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर से कई लोग पुष्कर आकर शादियां करते हैं. इसके लिए दो माह पहले ही बुकिंग शुरू हो जाती है. मेहमानों के ठहरने से लेकर तमाम तरह की व्यवस्थाएं होती हैं. पुष्कर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में अबूझ सावे के कारण भी मतदान पर असर पड़ेगा.

पढ़ें: Rajasthan Assembly election 2023: मतदान के दिन रहेगी एकादशी, तारीख बदलने को लेकर महामंडलेश्वर ने लिखा पीएम मोदी को पत्र

जानिए क्या कहते हैं लोग: सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर बताते हैं कि 23 नवंबर को हिंदी तिथि के अनुसार कार्तिक एकादशी है, जिसे देवउठनी ग्यारस भी कहा जाता है. इस पर्व को तीर्थ पुष्कर में ही नहीं बल्कि कई जिलों में भी मनाया जाता है. देवउठनी एकादशी से शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है. इस दिन अबूझ सावे होते हैं. ज्यादातर हिंदू धर्मावलंबी अपने त्यौहार को मनाने के अलावा पुष्कर में एकादशी का महास्नान होता है. उसमें भाग लेने के लिए आते हैं.

उन्होंने कहा कि देवउठनी ग्यारस पर प्रदेश में बड़ी संख्या में शादियां होती हैं. इस दिन चुनाव होंगे तो भारी मात्रा में मतदान प्रतिशत कम रहेगा. चुनाव आयोग से आग्रह है कि मतदान की तिथि पर दोबारा से विचार करें. तिथि में संशोधन करके एकादशी से पहले या पूर्णिमा के बाद मतदान की तिथि घोषित करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपनी भागीदारी निभा सकें.

पढ़ें: Rajasthan Assembly Election 2023: भैरोंसिंह के दामाद की जगह दीया कुमारी को मिला टिकट, बोली-नाराजगी होगी, तो देखेंगे

ज्योतिष एवं पंडित कैलाश चंद शर्मा बताते हैं कि 23 नवंबर को देवउठनी ग्यारस से मांगलिक कार्य और शादियां शुरू होगी. लोग इधर-उधर शादियों में व्यस्त रहेंगे. दूसरा पुष्कर में अंतरराष्ट्रीय मेला है. इसमें लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री आते हैं. यह प्रशासन और पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती रहेगी. वहीं मतदान प्रतिशत पर भी काफी असर पड़ेगा. मतदान के लिए घोषित तिथि सही नहीं है. चुनाव आयोग को इस बारे में सोचना चाहिए.

पढ़ें: Rajasthan Assembly Election 2023 : डूंगरपुर में सरकारी कर्मचारी को टिकट देने का विरोध, भाजपा कार्यकर्ताओं का हंगामा

व्यापारी प्रेम बताते हैं कि राजस्थान में चुनाव की तारीख में परिवर्तन होना चाहिए. पुष्कर के धार्मिक मेले में लोग पूरे राजस्थान भर से यहां आते हैं. इसके अलावा पशुपालक और व्यापारी भी बड़ी संख्या में मेले में आते हैं. इस कारण वे मतदान से वंचित रहेंगे और मतदान प्रतिशत भी काम रहेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव की तिथि 5-7 दिन आगे या पीछे होनी चाहिए. स्थानीय चन्द्र शेखर गौड़ बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मेला 23 नवंबर को पुष्कर में रहेगा. इस दिन कार्तिक महास्नान की भी शुरुआत होगी. इसके लिए देश-प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग पुष्कर आते हैं. मुख्य चुनाव आयोग को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए.

मतदान ​तिथि में की बदलाव की मांग...ये है कारण

अजमेर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान 23 नवंबर को होगा. पुष्कर में मतदान दिवस की तिथि को लेकर लोगों में दुविधा की स्थिति बन गई है. मुख्य चुनाव आयोग से लोग तिथि में संशोधन की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस दिन पुष्कर में कार्तिक महास्नान, अंतरराष्ट्रीय मेला और देवउठनी ग्यारस के चलते शादियां होंगी. जिसके चलते मतदान पर असर पड़ेगा.

23 नवंबर को हैं अबूझ सावे: तीर्थ नगरी पुष्कर अपने धार्मिक महत्व के साथ-साथ पिछले कई वर्षों से शादियों के लिए डेस्टिनेशन भी बन गई है. प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर से कई लोग पुष्कर आकर शादियां करते हैं. इसके लिए दो माह पहले ही बुकिंग शुरू हो जाती है. मेहमानों के ठहरने से लेकर तमाम तरह की व्यवस्थाएं होती हैं. पुष्कर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में अबूझ सावे के कारण भी मतदान पर असर पड़ेगा.

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जानिए क्या कहते हैं लोग: सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर बताते हैं कि 23 नवंबर को हिंदी तिथि के अनुसार कार्तिक एकादशी है, जिसे देवउठनी ग्यारस भी कहा जाता है. इस पर्व को तीर्थ पुष्कर में ही नहीं बल्कि कई जिलों में भी मनाया जाता है. देवउठनी एकादशी से शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है. इस दिन अबूझ सावे होते हैं. ज्यादातर हिंदू धर्मावलंबी अपने त्यौहार को मनाने के अलावा पुष्कर में एकादशी का महास्नान होता है. उसमें भाग लेने के लिए आते हैं.

उन्होंने कहा कि देवउठनी ग्यारस पर प्रदेश में बड़ी संख्या में शादियां होती हैं. इस दिन चुनाव होंगे तो भारी मात्रा में मतदान प्रतिशत कम रहेगा. चुनाव आयोग से आग्रह है कि मतदान की तिथि पर दोबारा से विचार करें. तिथि में संशोधन करके एकादशी से पहले या पूर्णिमा के बाद मतदान की तिथि घोषित करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपनी भागीदारी निभा सकें.

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ज्योतिष एवं पंडित कैलाश चंद शर्मा बताते हैं कि 23 नवंबर को देवउठनी ग्यारस से मांगलिक कार्य और शादियां शुरू होगी. लोग इधर-उधर शादियों में व्यस्त रहेंगे. दूसरा पुष्कर में अंतरराष्ट्रीय मेला है. इसमें लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री आते हैं. यह प्रशासन और पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती रहेगी. वहीं मतदान प्रतिशत पर भी काफी असर पड़ेगा. मतदान के लिए घोषित तिथि सही नहीं है. चुनाव आयोग को इस बारे में सोचना चाहिए.

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व्यापारी प्रेम बताते हैं कि राजस्थान में चुनाव की तारीख में परिवर्तन होना चाहिए. पुष्कर के धार्मिक मेले में लोग पूरे राजस्थान भर से यहां आते हैं. इसके अलावा पशुपालक और व्यापारी भी बड़ी संख्या में मेले में आते हैं. इस कारण वे मतदान से वंचित रहेंगे और मतदान प्रतिशत भी काम रहेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव की तिथि 5-7 दिन आगे या पीछे होनी चाहिए. स्थानीय चन्द्र शेखर गौड़ बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मेला 23 नवंबर को पुष्कर में रहेगा. इस दिन कार्तिक महास्नान की भी शुरुआत होगी. इसके लिए देश-प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग पुष्कर आते हैं. मुख्य चुनाव आयोग को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए.

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