अजमेर. प्रदेश में अजमेर संभाग की 29 सीटों पर चुनावी घमासान है. कांग्रेस और भाजपा के अलावा विभिन्न राजनैतिक दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. कई सीटों पर बागियों ने कांग्रेस और भाजपा की उम्मीदवारों की नींद उड़ा रखी है. इस बार चुनावी रण काफी रोचक मुकाम पर पंहुच चुका है. मतदाता 25 नवम्बर को अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर देंगे. अजमेर संभाग के चार जिलों में कई सीटे अपने खास प्रभाव की वजह से चर्चित है तो कुछ पर दिग्गज नेताओं के चुनावी समर में उतरने से यह सीटे हॉट बन गई है. अजमेर संभाग की कई ऐसी सीटें ऐसी हैं, जिन पर सभी की नजरें गड़ी हुई हैं. जाहिर है इन सीटों के मतदाता बड़े दिग्गजों के राजनैतिक भविष्य को दिशा देंगे.
अजमेर जिले में ये हैं हॉट सीट : केकड़ी से कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉ. रघु शर्मा मैदान में हैं. वहीं, भाजपा से पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम प्रत्याशी हैं. यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है. डॉ. रघु शर्मा कांग्रेस सरकार में चिकित्सा मंत्री रहे हैं. इसी तरह से अजमेर उत्तर की सीट भी सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह की वजह से काफी चर्चित है. इस सीट पर विगत 20 वर्षों से भाजपा का कब्जा रहा है. चार बार से वासुदेव देवनानी भाजपा से विधायक हैं और पांचवीं बार देवनानी चुनाव में खड़े हैं.
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इसी तरह से पुष्कर हिंदुओं का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है. यहां कांग्रेस ने अल्पसंख्यक महिला नसीम अख्तर को मैदान में तीसरी बार उतारा है. नसीम अख्तर 2008 में पुष्कर से विधायक रह चुकीं हैं और तत्कालीन समय में गहलोत सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री रहीं थीं. यहां भाजपा ने विगत 2 बार से विधायक सुरेश सिंह रावत को मैदान में उतारा है. यहां कांग्रेस और भाजपा को निर्दलीय उम्मीदवार श्रीगोपाल बाहेती चुनौती दे रहे हैं. बाहेती पुष्कर से कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं. इधर, मार्बल सिटी किशनगढ़ सीट भी चर्चा में है. यहां भाजपा ने लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने वाले विकास चौधरी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. यहां निर्दलीय विधायक सुरेश टांक दोबारा अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
टोंक में इन दो सीटों पर सबकी निगाहें : टोंक सीट अजमेर संभाग की सबसे हॉट सीट है. यहां पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट चुनावी मैदान में हैं. सचिन पायलट टोंक से विधायक हैं. वहीं, भाजपा से यहां पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता हैं. यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच आमने-सामने की टक्कर है. इसी तरह देवली-उनियारा सीट पर राजस्थान पुलिस के पूर्व डीजीपी हरिश्चंद्र मीणा कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. मीणा इस सीट से विधायक हैं. बीजेपी ने यहां कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला को मैदान में उतारा है. इस सीट से कांग्रेस के बागी डॉ. विक्रम सिंह गुर्जर आरएलपी से प्रत्याशी हैं. यहां त्रिकोणीय संघर्ष बना हुआ है.
नागौर की इन तीन सीटों पर दिलचस्प मुकाबला : नागौर सीट से बीजेपी ने ज्योति मिर्धा को मैदान में उतारा है. ज्योति मिर्धा नागौर से सांसद भी रह चुकीं हैं. यहां कांग्रेस से हरेंद्र मिर्धा और निर्दलीय हबीबुर्रहमान मैदान में हैं. नागौर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है. इसी तरह खींवसर सीट से आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल मैदान में हैं. यहां कांग्रेस ने तेजपाल मिर्धा और बीजेपी ने रेवत राम डांगा को मैदान में उतारा है. इसी तरह डीडवाना सीट से वसुंधरा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यूनुस खान निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. यूनुस खान को वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है, लेकिन टिकट नहीं मिलने के कारण यूनुस खान ने भाजपा से इस्तीफा देकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी है. यहां बीजेपी ने जितेंद्र सिंह और कांग्रेस ने विधायक चेतराम डूडी को मैदान में उतारा है.
भीलवाड़ा की यह सीट इसलिए चर्चित : शाहपुरा सीट भाजपा के कद्दावर नेता रहे कैलाश मेघवाल के कारण चर्चा में है. कैलाश मेघवाल ने टिकट नहीं मिलने पर यहां निर्दलीय ताल ठोक रखी है. यहां भाजपा ने लाला बैरवा और कांग्रेस ने नरेंद्र रेगर को मैदान में उतारा है. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है.