ETV Bharat / state

9 अगस्त को 'रेल बचाओ-देश बचाओ' आंदोलन का होगा आगाज

रेलवे में निजीकरण के विरोध में 9 अगस्त को 'रेल बचाओ-देश बचाओ' आंदोलन आगाज किया जा रहा है.अजमेर में रेलवे के निजीकरण के विरोध में आंदोलन के आगाज को लेकर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारी जोर-शोर से जुटे गए हैं.

Railway workers, protest against privatization,  अजमेर न्यूज़
अजमेर में 9 अगस्त को रेल कर्मचारी रेलवे के निजीकरण का करेंगे विरोध
author img

By

Published : Aug 8, 2020, 7:00 PM IST

अजमेर. रेलवे में निजीकरण का विरोध तेज हो गया है. साल 2014 से लगातार जारी निजीकरण का विरोध अब आर-पार की लड़ाई की ओर अग्रसर है. हाल ही में 109 रूट पर 150 यात्री ट्रेनों को निजी ऑपरेटर्स के माध्यम से संचालित कराने के सरकार के निर्णय के तहत 30 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट टेंडर नोटिस जारी किया गया है. इसे भारतीय रेलवे को निजी रेलवे में बदलने की प्रक्रिया में एक और कदम के तौर पर समझा जा रहा है, जिसका रेलवे कर्मचारी पुरजोर विरोध कर रहे हैं और 9 अगस्त को 'रेल बचाओ-देश बचाओ' आंदोलन आगाज किया जा रहा है.

अजमेर में रेलवे के निजीकरण के विरोध में आंदोलन के आगाज को लेकर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारी जोर-शोर से जुटे गए हैं. अजमेर रेल मंडल में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन अगस्त क्रांति की शुरुआत के दिन यानी 9 अगस्त को ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर केंद्र सरकार जिद्द छोड़ो आंदोलन का आगाज किया जाएगा.

अजमेर में 9 अगस्त को रेल कर्मचारी रेलवे के निजीकरण का करेंगे विरोध

इसको लेकर शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के सचिव अरुण गुप्ता ने बताया कि 9 अगस्त को सभी जोनल यूनियन की ओर से सभी रेलवे स्टेशनों, कार्यस्थलों और रेलवे कॉलोनियों मे रेल कर्मचारी और उनके परिवार को साथ लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इस दौरान रैलियां, प्रभात फेरियां और नुक्कड़ सभाएं आयोजित कर सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया जाएगा.

पढ़ें: पूनिया और राठौड़ केंद्र में खुद को बड़ा बताने के लिए कर रहे राजस्थान में षड्यंत्र: खाचरियावास

अरुण गुप्ता ने कहा कि इस दौरान रेल कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को ट्वीट कर कहेंगे कि भारतीय रेल देश की जीवन रेखा है, इसका निजी करण मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि फेडरेशन और उसकी संलग्न यूनियनों ने सरकार की निजी करण की नीति और नियत पर उठाए जाने वाले प्रत्येक कदम पर साल 2014 से आज तक लगातार विरोध और आंदोलन करके सरकार को रोकने का काम किया है. उन्होंने कहा कि निजीकरण की नीति से रेलवे कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि आमजन को भी नुकसान है. इस आंदोलन के दौरा आम लोगों और युवा वर्ग को भी सरकार की निजीकरण की नीति के बारे में बताया जाएगा और उन्हें आंदोलन के साथ जोड़ा जाएगा.

वहीं, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल अध्यक्ष मोहन चेलानी ने बताया कि भारतीय रेलवे विश्व की एकमात्र मुनाफे में चलने वाली रेल है. प्रतिदिन 18 हजार यात्री गाड़ियों से करीब सवा दो करोड़ से अधिक यात्री और 34 लाख से अधिक की माल ढुलाई प्रतिदिन माल गाड़ियों से की जाती है. भारतीय रेल में 90 प्रतिशत से अधिक यात्री गरीब और मध्यम वर्ग के होते हैं. उन्हें रेलवे से सस्ती, सुगम और सुरक्षित यातायात सुविधा प्राप्त होती है. उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण करने की सरकार की जिद्द से देश का भला नहीं होने वाला है. आम जनता को इसका लाभ नहीं मिलेगा, सिर्फ विदेशी कंपनियों और कुछ पूंजीपतियों को देश की संपदा हस्तांतरित होगी और यही कारण है कि एक जिम्मेदार संगठन होने के नाते ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की ओर से 'रेल बचाओ-देश बचाओ' के नारे के साथ आंदोलन का आगाज 9 अगस्त को किया जा रहा है.

अजमेर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने परीक्षाओं को निरस्त के लिए किया प्रदर्शन

अजमेर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने शनिवार को गांधी भवन परिसर में छात्र सत्याग्रह किया. यहां गांधी प्रतिमा के नजदीक एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए बैठे और परीक्षाओं को निरस्त करवाने की मांग को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षण करने के लिए रघुपति राघव राजा राम भजन गाया. प्रदर्शन में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष नवीन सोनी और जीसीए कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अब्दुल फरहान भी शामिल हुए.

अजमेर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष नवीन सोनी ने कहा कि सरकार से मांग की है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण छात्रों की सुरक्षा के लिए सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट किया जाए. लॉकडाउन और आर्थिक मंदी के कारण विद्यार्थियों के प्रथम सेमेस्टर की फीस माफ की जाए. नई शिक्षा की नीति के तहत केंद्रीयकरण और निजीकरण के बढ़ावे पर पुनर्विचार किया जाए.

पढ़ें: राजस्थान में बढ़ रहा कोरोना से मौतों का आंकड़ा, अब तक जयपुर में सबसे ज्यादा 214 मौत

नवीन सोनी ने बताया कि भारत में सभी जगहों पर नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया परीक्षाओं के आयोजन का विरोध कर रही है. उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों के जीवन के साथ खिलवाड़ है, जिसका एनएसयूआई इसका विरोध करती है और सरकार ने यूजीसी की सिफारिश पर परीक्षा आयोजित करवाई तो एनएसयूआई आंदोलन करेगी.

सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के छात्रसंघ की संयुक्त सचिव फाल्गुनी धोलखेड़िया ने बताया कि परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों में असमंजस्य की स्थिति है. वहीं, कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ रहा है. शादी-समारोह और किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 50 लोगों को अनुमति दी जा रही है. वहीं, परीक्षा आयोजन कर विद्यार्थियों के जीवन को क्यों खतरे में डाला जा रहा है.

अजमेर. रेलवे में निजीकरण का विरोध तेज हो गया है. साल 2014 से लगातार जारी निजीकरण का विरोध अब आर-पार की लड़ाई की ओर अग्रसर है. हाल ही में 109 रूट पर 150 यात्री ट्रेनों को निजी ऑपरेटर्स के माध्यम से संचालित कराने के सरकार के निर्णय के तहत 30 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट टेंडर नोटिस जारी किया गया है. इसे भारतीय रेलवे को निजी रेलवे में बदलने की प्रक्रिया में एक और कदम के तौर पर समझा जा रहा है, जिसका रेलवे कर्मचारी पुरजोर विरोध कर रहे हैं और 9 अगस्त को 'रेल बचाओ-देश बचाओ' आंदोलन आगाज किया जा रहा है.

अजमेर में रेलवे के निजीकरण के विरोध में आंदोलन के आगाज को लेकर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारी जोर-शोर से जुटे गए हैं. अजमेर रेल मंडल में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन अगस्त क्रांति की शुरुआत के दिन यानी 9 अगस्त को ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर केंद्र सरकार जिद्द छोड़ो आंदोलन का आगाज किया जाएगा.

अजमेर में 9 अगस्त को रेल कर्मचारी रेलवे के निजीकरण का करेंगे विरोध

इसको लेकर शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के सचिव अरुण गुप्ता ने बताया कि 9 अगस्त को सभी जोनल यूनियन की ओर से सभी रेलवे स्टेशनों, कार्यस्थलों और रेलवे कॉलोनियों मे रेल कर्मचारी और उनके परिवार को साथ लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इस दौरान रैलियां, प्रभात फेरियां और नुक्कड़ सभाएं आयोजित कर सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया जाएगा.

पढ़ें: पूनिया और राठौड़ केंद्र में खुद को बड़ा बताने के लिए कर रहे राजस्थान में षड्यंत्र: खाचरियावास

अरुण गुप्ता ने कहा कि इस दौरान रेल कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को ट्वीट कर कहेंगे कि भारतीय रेल देश की जीवन रेखा है, इसका निजी करण मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि फेडरेशन और उसकी संलग्न यूनियनों ने सरकार की निजी करण की नीति और नियत पर उठाए जाने वाले प्रत्येक कदम पर साल 2014 से आज तक लगातार विरोध और आंदोलन करके सरकार को रोकने का काम किया है. उन्होंने कहा कि निजीकरण की नीति से रेलवे कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि आमजन को भी नुकसान है. इस आंदोलन के दौरा आम लोगों और युवा वर्ग को भी सरकार की निजीकरण की नीति के बारे में बताया जाएगा और उन्हें आंदोलन के साथ जोड़ा जाएगा.

वहीं, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल अध्यक्ष मोहन चेलानी ने बताया कि भारतीय रेलवे विश्व की एकमात्र मुनाफे में चलने वाली रेल है. प्रतिदिन 18 हजार यात्री गाड़ियों से करीब सवा दो करोड़ से अधिक यात्री और 34 लाख से अधिक की माल ढुलाई प्रतिदिन माल गाड़ियों से की जाती है. भारतीय रेल में 90 प्रतिशत से अधिक यात्री गरीब और मध्यम वर्ग के होते हैं. उन्हें रेलवे से सस्ती, सुगम और सुरक्षित यातायात सुविधा प्राप्त होती है. उन्होंने कहा कि रेलवे का निजीकरण करने की सरकार की जिद्द से देश का भला नहीं होने वाला है. आम जनता को इसका लाभ नहीं मिलेगा, सिर्फ विदेशी कंपनियों और कुछ पूंजीपतियों को देश की संपदा हस्तांतरित होगी और यही कारण है कि एक जिम्मेदार संगठन होने के नाते ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की ओर से 'रेल बचाओ-देश बचाओ' के नारे के साथ आंदोलन का आगाज 9 अगस्त को किया जा रहा है.

अजमेर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने परीक्षाओं को निरस्त के लिए किया प्रदर्शन

अजमेर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने शनिवार को गांधी भवन परिसर में छात्र सत्याग्रह किया. यहां गांधी प्रतिमा के नजदीक एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए बैठे और परीक्षाओं को निरस्त करवाने की मांग को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षण करने के लिए रघुपति राघव राजा राम भजन गाया. प्रदर्शन में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष नवीन सोनी और जीसीए कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अब्दुल फरहान भी शामिल हुए.

अजमेर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष नवीन सोनी ने कहा कि सरकार से मांग की है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण छात्रों की सुरक्षा के लिए सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट किया जाए. लॉकडाउन और आर्थिक मंदी के कारण विद्यार्थियों के प्रथम सेमेस्टर की फीस माफ की जाए. नई शिक्षा की नीति के तहत केंद्रीयकरण और निजीकरण के बढ़ावे पर पुनर्विचार किया जाए.

पढ़ें: राजस्थान में बढ़ रहा कोरोना से मौतों का आंकड़ा, अब तक जयपुर में सबसे ज्यादा 214 मौत

नवीन सोनी ने बताया कि भारत में सभी जगहों पर नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया परीक्षाओं के आयोजन का विरोध कर रही है. उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों के जीवन के साथ खिलवाड़ है, जिसका एनएसयूआई इसका विरोध करती है और सरकार ने यूजीसी की सिफारिश पर परीक्षा आयोजित करवाई तो एनएसयूआई आंदोलन करेगी.

सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के छात्रसंघ की संयुक्त सचिव फाल्गुनी धोलखेड़िया ने बताया कि परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों में असमंजस्य की स्थिति है. वहीं, कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ रहा है. शादी-समारोह और किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 50 लोगों को अनुमति दी जा रही है. वहीं, परीक्षा आयोजन कर विद्यार्थियों के जीवन को क्यों खतरे में डाला जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.