अजमेर. लंबे समय से चली आ रही पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन की मांग पूरी होती दिख रही है. इस रेल लाइन को रेल मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है. मौखिक रूप से यह जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी को दूरभाष करके दी है. चौधरी ने इस बात की पुष्टि की है.
बता दें कि पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन की डेढ़ दशक पुरानी मांग है. सांसद भागीरथ चौधरी ने बताया कि लोकसभा में पुष्कर-मेड़ता और अजमेर-कोटा रेल लाइन को लेकर उन्होंने कई बार मांग उठाई थी. बुधवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने दूरभाष पर उन्हें पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन को स्वीकृति देने की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि 59 किलोमीटर रेल लाइन होने के बाद व्यापार व पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. मदारी की अजमेर से पुष्कर तक रेल लाइन का कार्य पहले ही हो चुका है. इस रूट पर ट्रेन भी संचालित होती रही है, लेकिन इसके आगे रेल मार्ग नहीं है. लिहाजा डेढ़ दशक से पुष्कर-मेड़ता रेल मार्ग बनाए जाने की मांग उठ रही थी, ताकि मारवाड़ से रेल कनेक्टिविटी हो सके.
सांसद भागीरथ चौधरी ने आगे कहा- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का मैं आभार प्रकट करता हूं कि 323 करोड़ की इस परियोजना को उन्होंने स्वीकृति प्रदान की. इस योजना से पश्चिमी राजस्थान के लोग भी रेल मार्ग से धार्मिक पर्यटन नगरी पुष्कर आ पाएंगे. मेरे सांसद काल में मेरे लिए यह बड़ी उपलब्धि है. मेरा प्रयास है कि अजमेर-कोटा रेल लाइन को भी स्वीकृति मिल सके.
पुष्कर-मेड़ता रेल मार्ग : पुष्कर और मेड़ता का विशेष धार्मिक महत्व है. पुष्कर धार्मिक और पर्यटन नगरी है. यहां विश्व का इकलौता जगत पिता ब्रह्मा का मंदिर है. वहीं, तीर्थराज पुष्कर सरोवर का पौराणिक धार्मिक महत्व है. इसी तरह मेड़ता में मीरा मंदिर और राम स्नेही संप्रदाय की रण पीठ भी है. पुष्कर-मेड़ता के 59 किलोमीटर के रेल मार्ग से व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.