अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के सालाना उर्स की अनौपचारिक शुरुआत 18 जनवरी से झंडे की रस्म के साथ होगी. देश और दुनिया से ख्वाजा गरीब नवाज के चाहने वाले उर्स के मौके पर अजमेर दरगाह में जियारत के लिए आते हैं. इस बार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से भी पाक जायरीन के जत्थे के आने की संभावना है. हालांकि आधिकारिक तौर पर पाक जायरीन के अजमेर आने की सूचना स्थानीय प्रशासन को नहीं मिली है. लेकिन उनके आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी (Preparations of Ajmer Sharif 811th Urs begin) है.
स्थानीय प्रशासन ने पाक जायरीन के अजमेर ने की संभावना को देखते हुए रहने के स्थान को दुरुस्त कराने के लिए नगर निगम को निर्देश दिए हैं. एडीएम सिटी भावना गर्ग ने बताया कि उर्स 811 की तैयारी को लेकर संबंधित विभागों को समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. कुछ काम शेष रह रहे हैं, उन्हें भी समय से पहले पूरा कर लिया जाएगा. गर्ग ने बताया कि पाक जायरीन के अजमेर आने की संभावना के मद्देनजर उनके रहने के स्थान पर साफ-सफाई और मरम्मत के कार्य को पूर्ण करने के लिए नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं.
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49 वर्षों से आ रहे हैं पाक जायरीन: जानकारी के मुताबिक 49 सालों से ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स में पाक जायरीन जियारत के लिए आते रहे हैं. भारत-पाक के बीच 1974 को धार्मिक वीजा समझौता हुआ था. उसे आज भी निभाया जा रहा है. वर्ष 2020 में उर्स के मौके पर पाकिस्तान से जायरीन का जत्था अजमेर आया था. इसके बाद कोरोना की वजह से पाक जायरीन का जत्था उर्स में नहीं आ सका. इस बार पाक जायरीन के आने की संभावना बनती नजर आ रही है. पाक जायरीन के ठहरने की व्यवस्था चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में की जाती रही है.
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4 बार नहीं आया जत्था: 49 वर्षों में उर्स के दौरान पाकिस्तानी जत्था अजमेर आता रहा है. इस बीच कुछ ऐसे हालात भी बने जब पाक जत्था अजमेर नहीं आ पाया. पठानकोट एयर बेस पर आतंकी हमले के समय में दोनों मुल्कों के बीच तनाव की स्थिति होने के कारण पाक जायरीन का जत्था अजमेर नहीं आ पाया था. इसके बाद जवान का सिर काट कर ले जाने की घटना और सीमा पर तनाव के कारण भी पाक जायरीन नहीं आ पाए. वहीं विगत 2 वर्षों से कोरोना के कारण भी पाक जायरीन उर्स के मौके पर जियारत के लिए अजमेर नहीं आ सके थे.
13 पाकिस्तानी जायरीन हो चुके हैं ब्लैक लिस्ट: अजमेर आने वाले पाक जायरीन के जत्थे को शहर का वीजा ही मिलता है. विगत 20 वर्षों में पाक जायरीन के जत्थे में आने वाले 13 पाकिस्तानी जायरीन को वीजा उल्लंघन के मामले में ब्लैक लिस्टेड किया गया. इनमें दिल्ली में पाक जायरीन बगैर अनुमति के नजर बचाकर घूमने निकल गया था. यहां पर जत्थे के पहुंचने पर गणना हुई, तब इस बात का खुलासा हुआ. 1983 में पाक जायरीन के जुलूस में एक जायरीन ने पाकिस्तानी झंडा लहरा दिया था. एक मामले में पाक जायरीन पाकिस्तानी निर्मित चमड़े की चप्पल अजमेर की पुरानी मंडी क्षेत्र में बेचता पकड़ा गया था. एक मामले में तो पाक जायरीन ने एक दुकान से 4 मोबाइल सिम खरीदी थी.
सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में रहता है हर पाक जायरीन: पाक जायरीन के जत्थे में शामिल हर पाक जायरीन पर सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी नजर रहती है. हर तीन या चार पाक जायरीन पर एक अफसर निगरानी में तैनात रहता है. रहने के स्थान से लेक दरगाह तक पाक जायरीन सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में ही रहते हैं.