अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 812वां उर्स 12 या 13 जनवरी को रजब का चांद दिखने के साथ ही शुरू होगा. इससे पहले 7 जनवरी को दरगाह में झंडे की रस्म अदा होगी. उर्स के मुबारक मौके पर लाखों जायरीन देश और दुनिया से अजमेर आएंगे. इनमें पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से भी जायरीन का जत्था अजमेर आने वाला है. प्रशासनिक स्तर पर की जा रही उर्स की तैयारियों में पाक जायरीन के लिए भी व्यवस्थाएं शुरू हो गई हैं.
उर्स मेला 2024 के मद्देनजर तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं. साथ ही जिला कलेक्टर भारती दीक्षित उर्स मेले की तैयारियों की मॉनीटरिंग कर रहीं हैं. मंगलवार को उर्स मेला 2024 के तहत आयोजित हुई बैठक में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से आने वाले जायरीन की व्यवस्थाओं को लेकर बैठक आयोजित की गई. उर्स मेले में दरगाह जियारत के लिए 500 से अधिक पाकिस्तानी जायरीन ने वीजा के लिए आवेदन किया है. हालांकि, कितने जायरीन का वीजा स्वीकृत होगा और कितने पाक जायरीन अजमेर आएंगे अधिकृत रूप से इसकी जानकारी कलेक्टर को नहीं मिली है.
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जायरीन के लिए ये व्यवस्था: कलेक्टर भारती दीक्षित ने बताया कि 450 से 500 पाक जायरीन के आने की उम्मीद है. पाक जायरीन ट्रेन से अजमेर आएंगे. चूड़ी बाजार में सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में उनके ठहराने की व्यवस्था की गई है. नगर निगम को स्कूल में रंग रोशन और सफाई की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए गए हैं, जबकि पाक जायरीन के खाने पीने के लिए रसद विभाग को जिम्मेदारी दी गई है. सर्दी का मौसम है ऐसे में पाकिस्तानी जायरीन के लिए ठंड से बचाव के साधन भी स्कूल में उपलब्ध रहेंगे. पाक जायरीन की सुरक्षा के लिए पुलिस और अन्य एजेंसियों से भी बातचीत की गई है. बैठक में जिला कलेक्टर भारती दीक्षित, एसपी चुनाराम जाट, अंजुमन कमेटी, दरगाह कमेटी के प्रतिनिधि सहित कई महकमों के अधिकारी मौजूद थे.
उर्स में हर बार आते हैं पाक जायरीन : उर्स के मौके पर पाकिस्तान से हर वर्ष जायरीन का जत्था अजमेर आता रहा है. भारत और पाक के संबंधों पर यह निर्भर है. ऐसा भी कई बार हुआ है जब दोनों मुल्कों की कड़वे रिश्तों के चलते पाकिस्तान से जायरीन अजमेर नहीं आ पाए. फिलहाल भारत और पाकिस्तान के बीच सम्बंध में कटुता नहीं है, ऐसे में पाकिस्तानी जायरीन के अजमेर में उर्स मेले में आने के आसार ज्यादा प्रबल नजर आ रहे हैं. गत वर्ष की बात की जाए तो उर्स 811 में 242 पाकिस्तानी जायरीन अजमेर आए थे.
पाक हुकूमत और आवाम की ओर से पेश होती है चादर : उर्स मेले में आने वाले पाकिस्तानी जायरीन अपने साथ पाकिस्तानी हुकूमत और आवाम की ओर से भी चादर अपने साथ लाते हैं. जियारत के दौरान सभी अपनी ओर से चादर पेश करने के साथ पाक जत्था पाकिस्तान हुकूमत और आराम की ओर से भी चादर पेश करता है. साथ ही दोनों मुल्कों के बेहतर रिश्तों के लिए दुआएं भी करता है.
बैठक में इन व्यवस्थाओं को लेकर भी चर्चा : मंगलवार को उर्स मेले की व्यवस्थाओं को लेकर की गई समीक्षात्मक बैठक में सफाई को लेकर विशेष जोर दिया गया. दरगाह के आसपास और मेला क्षेत्र में 450 से अधिक सफाई कर्मचारी नगर निगम की ओर से लगाए जा रहे हैं. कायड़ विश्राम स्थली से बस स्टैंड तक जायरीन के आने जाने के लिए रोडवेज बसे लगाई जा रही. ठंड से बचाव के लिए भी विश्राम स्थली पर एयर और वाटर प्रूफ कनातें और डोम बनाए जाएंगे. यहां भी अस्थाई डिस्पेंसरी बनाई जाएंगी. खासकर कोरोना को लेकर विशेष एहतियात बरतने के लिए भी जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.