ETV Bharat / state

अजमेर: बकायेदारों के नल कनेक्शन काटने की तैयारी में विभाग, बिल नहीं पहुंचने से उपभोक्ता परेशान - जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग अजमेर

जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग अब बकाये दारों के नल कनेक्शन काटने की तैयारी में है. इसके लिए विभाग ने मुहीम भी चला रखी है. वहीं दूसरी तरफ महीनों से बिल घरों तक नहीं पहुंच पाने से उपभोक्ताओं के लिये असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

Water Health Engineering Department Ajmer, जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग अजमेर
बकायदारों के कटेंगे नल कनेक्शन
author img

By

Published : Dec 11, 2019, 3:08 PM IST

पुष्कर (अजमेर). जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का बकाया अब 90 लाख तक पहुंच चुका है. इसे लेकर विभाग अब बकाया नहीं जमा कराने वाले उपभोक्ताओं के नल कनेक्शन काटने की मुहिम चला रहा है. वहीं मुख्यमंत्री की मुफ्त जल उपलब्ध करवाने की योजना और महीनों से बिल घरों तक नहीं पहुंच पाने से उपभोक्ताओं के लिये असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

बकायदारों के कटेंगे नल कनेक्शन

विभाग के कनिष्ट अभियंता भोलासिंह रावत ने बताया कि पुष्कर क्षेत्र के नल का बिल नहीं चुकाने वालों से मय पेनल्टी बकाया वसूलने की तैयारी शुरू हो गई है. कस्बे के उपभोक्ताओं पर नल के बिलों की 90 लाख रुपए बकाया चल रहे हैं. बकाया वसूली के लिए विभाग ने दो टीमें बनाई है. इन टीमों में 2-2 कर्मचारी रहेंगे. बकायादारों से मौके पर ही पेनल्टी-बकाया राशि वसूल की जाएगी. तय समय मे बिल नहीं जमा कराने पर नल कनेक्शन काट दिया जाएगा. शहर में जलदाय विभाग के 4 हजार 5 सो 12 उपभोक्ता हैं. इनमें से कई उपभोक्ताओं पर सालों से नल के बिलों की राशि बकाया चल रही है.

वही जब उपभोक्ताओं तक बिल नहीं पहुच पाने का कारण कनिष्ट अभियंता भोलासिंह रावत से पूछा गया तो उन्होंने मुख्मयंत्री गहलोत की घोषित जलप्रदाय योजना के चलते विभागीय कार्ययोजना में देरी को इसका कारण बताया. साथ ही उपभोक्ताओं से ऑफलाइन ओर ऑनलाइन बिल जमा कराने की अपील भी की.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: कोटा में आवारा पशुओं को शहर से 15 किलोमीटर दूर बसाने की योजना...सस्ती दर में पशुपालकों को मिलेंगे प्लॉट

ऐसे में प्रदेश सरकार ने भले ही राज्य के 222 शहरी ओर ग्रामीण क्षेत्रो में जलप्रदाय योजना के तहत निशुल्क पेयजल उपलब्ध कराने की घोषणा सात महीने पहले ही कर दी पर जमीनी स्तर पर जलदाय विभाग इसका क्रियान्वयन करवाने में असमर्थ नजर आ रहे है. जिसके चलते अब उपभोक्ताओं में असमंजस की स्थिति है उपभोक्ताओं का कहना है कि जब बिल ही घरों तक नही पहुचे तो कुल देय राशि का पता कैसे चलेगा. ऐसे में फिर किस आधार पर पेनेल्टी वसूली जाएगी.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की जनता को निर्धारित मात्रा तक मुफ्त में पानी देने की घोषणा की थी. जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति 40 लीटर पानी प्रतिदिन के हिसाब से मुफ्त दिया जा जाना था, जबकि शहरी क्षेत्रों में हर महीने हर कनेक्शन पर 15 हजार लीटर तक पानी नि:शुल्क दिया जाना था. दोनों ही क्षेत्रों में निर्धारित मात्रा से अधिक जल उपयोग में लेने पर उपभोक्ताओं को शुल्क देय था.

पुष्कर (अजमेर). जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का बकाया अब 90 लाख तक पहुंच चुका है. इसे लेकर विभाग अब बकाया नहीं जमा कराने वाले उपभोक्ताओं के नल कनेक्शन काटने की मुहिम चला रहा है. वहीं मुख्यमंत्री की मुफ्त जल उपलब्ध करवाने की योजना और महीनों से बिल घरों तक नहीं पहुंच पाने से उपभोक्ताओं के लिये असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

बकायदारों के कटेंगे नल कनेक्शन

विभाग के कनिष्ट अभियंता भोलासिंह रावत ने बताया कि पुष्कर क्षेत्र के नल का बिल नहीं चुकाने वालों से मय पेनल्टी बकाया वसूलने की तैयारी शुरू हो गई है. कस्बे के उपभोक्ताओं पर नल के बिलों की 90 लाख रुपए बकाया चल रहे हैं. बकाया वसूली के लिए विभाग ने दो टीमें बनाई है. इन टीमों में 2-2 कर्मचारी रहेंगे. बकायादारों से मौके पर ही पेनल्टी-बकाया राशि वसूल की जाएगी. तय समय मे बिल नहीं जमा कराने पर नल कनेक्शन काट दिया जाएगा. शहर में जलदाय विभाग के 4 हजार 5 सो 12 उपभोक्ता हैं. इनमें से कई उपभोक्ताओं पर सालों से नल के बिलों की राशि बकाया चल रही है.

वही जब उपभोक्ताओं तक बिल नहीं पहुच पाने का कारण कनिष्ट अभियंता भोलासिंह रावत से पूछा गया तो उन्होंने मुख्मयंत्री गहलोत की घोषित जलप्रदाय योजना के चलते विभागीय कार्ययोजना में देरी को इसका कारण बताया. साथ ही उपभोक्ताओं से ऑफलाइन ओर ऑनलाइन बिल जमा कराने की अपील भी की.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: कोटा में आवारा पशुओं को शहर से 15 किलोमीटर दूर बसाने की योजना...सस्ती दर में पशुपालकों को मिलेंगे प्लॉट

ऐसे में प्रदेश सरकार ने भले ही राज्य के 222 शहरी ओर ग्रामीण क्षेत्रो में जलप्रदाय योजना के तहत निशुल्क पेयजल उपलब्ध कराने की घोषणा सात महीने पहले ही कर दी पर जमीनी स्तर पर जलदाय विभाग इसका क्रियान्वयन करवाने में असमर्थ नजर आ रहे है. जिसके चलते अब उपभोक्ताओं में असमंजस की स्थिति है उपभोक्ताओं का कहना है कि जब बिल ही घरों तक नही पहुचे तो कुल देय राशि का पता कैसे चलेगा. ऐसे में फिर किस आधार पर पेनेल्टी वसूली जाएगी.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की जनता को निर्धारित मात्रा तक मुफ्त में पानी देने की घोषणा की थी. जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति 40 लीटर पानी प्रतिदिन के हिसाब से मुफ्त दिया जा जाना था, जबकि शहरी क्षेत्रों में हर महीने हर कनेक्शन पर 15 हजार लीटर तक पानी नि:शुल्क दिया जाना था. दोनों ही क्षेत्रों में निर्धारित मात्रा से अधिक जल उपयोग में लेने पर उपभोक्ताओं को शुल्क देय था.

Intro:पुष्कर(अजमेर) पुष्कर जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का बकाया अब 90 लाख तक पहुच चुका है । जिसको लेकर विभाग अब रिकवरी करने और बकाया नही जमा कराने वाले उपभोक्ताओं के नल कनेक्शन काटने की मुहिम चला रहा है । वही मुख्यमंत्री कि मुफ्त जल उपलब्ध करवाने की योजना और महीनों से बिल घरों तक नही पहुच पाने से उपभोक्ताओं के लिये असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
Body:विभाग के कनिष्ट अभियंता भोलासिंह रावत ने बताया कि पुष्कर क्षेत्र के नल का बिल नहीं चुकाने वालों से मय पेनल्टी बकाया वसूलने की तैयारी शुरू हो गई है। कस्बे के उपभोक्ताओं पर नल के बिलों की 90 लाख रुपए बकाया चल रहे हैं। बकाया वसूली के लिए विभाग ने दो टीमें बनाई है। इन टीमों में 2-2 कर्मचारी रहेंगे, बकायादारों से मौके पर ही पेनल्टी-बकाया राशि वसूल की जाएगी। तय समय मे बिल नही जमा कराने पर नल कनेक्शन काट दिया जाएगा। शहर में जलदाय विभाग के 4 हजार 5 सो 12 उपभोक्ता हैं। इनमें से कई उपभोक्ताओं पर सालों से नल के बिलों की राशि बकाया चल रही है। वही जब उपभोक्ताओं तक बिल नही पहुच पाने का कारण कनिष्ट अभियंता भोलासिंह रावत से पूछा गया तो उन्होंने मुख्मयंत्री गहलोत की घोषित जलप्रदाय योजना के चलते विभागीय कार्ययोजना में देरी को इसका कारण बताया । साथ ही उपभोक्ताओं से ऑफलाइन ओर ऑनलाइन बिल जमा कराने की अपील भी की ।

बाइट--कनिष्ट अभियंता भोलासिंह रावत


ऐसे में प्रदेश सरकार ने भले ही राज्य के 222 शहरी ओर ग्रामीण क्षेत्रो में जलप्रदाय योजना के तहत निशुल्क पेयजल उपलब्ध कराने की घोषणा सात महीने पहले ही कर दी पर जमीनी स्तर पर जलदाय विभाग इसका किर्यान्वन करवाने में असमर्थ नजर आ रहे है । जिसके चलते अब उपभोक्ताओं में असमंजस की स्थिति है उपभोक्ताओं का कहना है कि जब बिल ही घरों तक नही पहुचे तो कुल देय राशि का पता कैसे चलेगा । ऐसे में फिर किस आधार पर पेनेल्टी वसूली जाएगी ।

बाइट-- दीपक,उपभोक्ता
बाइट-- भोमचंद,उपभोक्ताConclusion:गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की जनता को निर्धारित मात्रा तक मुफ्त में पानी देने की घोषणा की थी । जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति 40 लीटर पानी प्रतिदिन के हिसाब से मुफ्त दिया जा जाना था, जबकि शहरी क्षेत्रों में हर महीने हर कनेक्शन पर 15 हजार लीटर तक पानी नि:शुल्क दिया जाना था। दोनों ही क्षेत्रों में निर्धारित मात्रा से अधिक जल उपयोग में लेने पर उपभोक्ताओं को शुल्क देय था ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.