नसीराबाद (अजमेर). देश और प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी से बचाव के लिए पुलिस और प्रशासन मुस्तैद हैं. साथ ही नसीराबाद निकाय छावनी परिषद ईओ अरविन्द नेमा भी परिषद कार्मिकों और सफाई कार्मिकों के साथ कस्बे के बाजार-गली और मोहल्लों की साफ-सफाई सहित अन्य बचाव के उपायों में मुस्तैदी से जुटे हुए हैं.
ऐसे में वाहन से डोर टू डोर कचरा संग्रहन कार्य के ठेकेदार संजय राठी की हठधर्मिता सामने आई और उसने गत 6 अप्रैल से कस्बे में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहन का कार्य बंद कर दिया. जिससे आम जन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही सैनिटाइज करने का कार्य भी प्रभावित हो गया है. वहीं ठेकेदार ने कचरा संग्रहन कार्य में लगे 10 टेंपो को परिषद की वर्कशॉप में खड़ा करवा कर, इन पर लगे 30 कार्मिकों को भी उहापोह की स्थिति में रख दिया है. साथ ही इन कार्मिकों का 3 माह का भुगतान ईपीएफ भी बकाया बताया जा रहा है.
जिससे उक्त कार्मिक भी लॉकडाउन के मद्देनजर कमजोर आर्थिक हालातों से गुजर रहे हैं. उनको अपने परिवार के भरण पोषण में भी संकट का सामना करना पड़ रहा है. जिससे उक्त सभी कार्मिकों में भारी रोष व्याप्त है. रोजाना की तरह उक्त कार्मिक फिर से टेम्पो शुरू होने की आस में रविवार को भी परिषद की वर्कशॉप पहुंचे.
जिसकी सूचना मिलने पर वार्ड संख्या 1 के पार्षद और पूर्व उपाध्यक्ष योगेश सोनी उक्त कार्मिकों से मिलने पहुंचे. जिसके बाद ठेकेदार के सुपरवाइजर मोडसिंह रावत को मौके पर बुलवाया और कार्य शुरू करने के लिए कहा. जिस पर सुपरवाइजर ने सोनी की ठेकेदार संजय राठी से फोन पर बात करवाई. सोनी ने ठेकेदार को कड़े शब्दों में चेतावनी दी की यदि 24 घंटे के भीतर फिर से कार्य शुरू नहीं किया, तो सभी पार्षद मिलकर छावनी बोर्ड में आपके खिलाफ ब्लैक लिस्ट करवाने की कार्रवाई को अंजाम देंगे.
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ठेकेदार के पास कार्यरत कार्मिकों ने बताया की हम प्रतिदिन आ रहे हैं और ठेकेदार ने हमारा 3 माह के भुगतान के साथ 2 माह से ज्यादा के ईपीएफ का भुगतान नहीं किया है. परिषद ईओ अरविन्द नेमा ने बताया की परिषद की ओर से गत मार्च 2020 तक का भुगतान किया जा चुका है और ठेकेदार की ओर से संतोषजनक कार्य नहीं किए जाने के कारण उसको पूर्व में नोटिस के माध्यम से चेतावनी भी दी गई थी.
अब अगर ठेकेदार ने फिर से कार्य को शुरू नहीं किया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. बता दें की गत 2 अक्तूबर 2018 को गांधी जयंती के अवसर पर डोर टू डोर कचरा संग्रहन के कार्य का शुभारंभ परिषद की ओर से किया गया था. जिसका ठेका राजस्थान पर्यावरण सुधार संस्था अजमेर के संजय राठी को दिया गया था. मगर आदेश के अनुसार संतोषजनक कार्य नहीं करने पर 6 माह के बाद बोर्ड ने ठेका निरस्त कर दिया था. किन्तु परिषद की ओर से उक्त फर्म को ब्लैक लिस्टेड नहीं किए जाने के कारण फिर से टेंडर संजय राठी को ही सितम्बर 2019 में दे दिया गया.