अजमेर. ब्यावर कस्बे में सर्द मौसम में 60 घुमंतू जाति के परिवारों से रहने का आसरा छिन गया है. घुमंतू जाति के लोगों ने आरोप लगाया है कि जिस भूमि पर 30 साल से उनका डेरा था. उस जमीन को जबरन अतिक्रमण बताकर उजाड़ दिया गया है. जिला मुख्यालय पहुंचकर घुमंतू जाति के लोगों ने जिला प्रशासन से उन्हें छत देने की मांग की है.
घुमंतू जाति के लोगों का कहना है कि ब्यावर में कॉलेज के पीछे खाली पड़ी जमीन पर सालों से वे झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रहे थे. इस दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को स्थाई निवास के लिए उन्होंने पत्र भी लिखा था. जिसमें जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, राजसमंद और प्रतापगढ़ में से एक जगह पर उन्हें जमीन आवंटित करने का भरोसा भी दिया गया था. कॉलेज प्रशासन ने उन्हें अचानक सर्द मौसम में बेदखल कर दिया है. अब उनके पास रहने के लिए कोई स्थान नहीं है.
घुमंतू जाति के लोगों ने मांग की है कि सांसी बस्ती और लोहार बस्ती को शोभा पुरा में जमीन आवंटित करके प्लॉट दिए गए हैं. वैसे ही उनको भी प्लॉट दिए जाए. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें घर बना कर दिए जाए.
यह भी पढ़ें. अजमेर: प्रदेश सरकार के खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एक दिवसीय उपवास रख कर दर्ज करवाया विरोध
पीड़ित गोवर्धनदास ने बताया कि जमीन से बेदखल होने के बाद सर्द मौसम में उनका परिवार और बच्चे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है. उन्होंने बताया कि नट, भाट, बंजारा, कालबेलिया और रंगास्वामी समाज के 60 परिवार भूमि और घर विहीन है. वहीं पीड़ित छुआ देवी ने बताया कि वह भी 12 सालों से उनके डेरे थे. जिसे अचानक उजाड़ दिया गया.
जिसमें उनके बिस्तर, घर का सामान और कपड़े भी पूरी तरह से खराब हो गए. उनके पास सर्दी से बचने के लिए कपड़े भी नहीं है. बिना किसी नोटिस के उन्हें उनके डेरों से हटा दिया गया.