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अजमेर: लॉकडाउन के दौरान आत्माओं की मुक्ति का प्रबंध, अस्थि विसर्जन के लिए दो बसों का इंतजाम

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Published : May 20, 2020, 5:37 PM IST

अजमेर जिले की किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक 30 मृत-आत्माओं की मुक्ति के लिए उनकी अस्थियों को विसर्जित करने का इंतजाम किया है. अस्थि विसर्जन यात्रा के लिए दो बसे रवाना की गई है. रवानगी से पहले अस्थियों के साथ जाने वाले परिजनों को विधिवत पूजा-अर्चना भी करवाई गई.

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अस्थि विसर्जन के लिए विधायक ने किया दो बसों का इंतजाम

अजमेर. जिले की किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने 30 मृतकों की आत्माओं की मुक्ति के लिए उनकी अस्थियों को विसर्जित करने का इंतजाम किया है. किशनगढ़ विधायक सुरेश टांक ने क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न परिस्थियों में जिन लोगों का निधन हुआ था उनकी अस्थियों के विसर्जन का इंतजाम किया है. लॉकडाउन में कई भामाशाह, सामाजिक संस्थाएं, जनप्रतिनिधि जरूरतमंद लोगों को राशन की सामग्री उपलब्ध करवा रहे थे. लेकिन किसी का भी ध्यान उन लोगों की बेबसी पर नहीं गया जो अपनों की अस्थि विसर्जन को लेकर परेशान थे.

अस्थि विसर्जन के लिए विधायक ने किया दो बसों का इंतजाम

हिंदू धर्म में मान्यता है कि, जब तक अस्थि विसर्जन नहीं होता तब तक मृत आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती. वहीं दाह-संस्कार करने वाला व्यक्ति भी अपने दायित्व से मुक्त नहीं हो पाता है. किशनगढ़ विधायक सुरेश टांक ने ऐसे लोगों की पीड़ा को समझा और इस कार्य के लिए उन्होंने प्रशासन से लेकर शासन तक की अस्थि विसर्जन यात्रा के प्रयास शुरू किए.

टांक के प्रयासों का ही नतीजा है कि, सरकार ने अपने स्तर पर टांक को स्वीकृति दी और उत्तराखंड सरकार से भी अस्थि विसर्जन करने आ रहे लोगों के लिए स्वीकृति एवं सहयोग करने की बात कही. ईटीवी भारत से बातचीत में विधायक सुरेश टांक ने बताया कि, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुत ही संवेदनशील है.

उन्होंने अशोक गहलोत का धन्यवाद देते हुए कहा कि, अस्थि विसर्जन यात्रा के लिए स्वीकृति मांगने पर गहलोत ने सहजी स्वीकृति दे दी. टांक ने बताया कि, अस्थि विसर्जन यात्रा के माध्यम से लोग अपने दिवंगत परिजनों की अस्थियों का विसर्जन कर सकेंगे. दो बसों में 70 लोग अस्थि विसर्जन के लिए किशनगढ़ से हरिद्वार रवाना हुए हैं. वही शुक्रवार को 2 बसे और रवाना की जाएगी.

ये भी पढ़ें: बिहार के प्रवासी मजदूर नहीं जा पा रहे अपने घर, कारण...बिहार सरकार से परमिशन का 'ना' होना

लॉकडाउन के दौरान अपनों के खोने का दुख लोगों में था, लेकिन उससे ज्यादा पीड़ा अस्थियां विसर्जन नहीं कर पाने को लेकर थी. लॉकडाउन में लोग बेबस होकर उस दिन का इंतजार कर रहे थे जब अस्थियों के विसर्जन के लिए उन्हें स्वीकृति मिले.

ये भी पढ़ें: सीकरः शराब व्यापारी पर हमला करने वाले 2 युवक गिरफ्तार

लोगों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ विधायक सुरेश टॉक का धन्यवाद दिया है. बता दें कि, राजस्थान में अस्थि विसर्जन यात्रा की शुरुआत अजमेर जिले की किशनगढ़ विधानसभा से हुई है. ऐसे में अब जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों से भी लोग अस्थि विसर्जन यात्रा की मांग करने लगे हैं.

अजमेर. जिले की किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने 30 मृतकों की आत्माओं की मुक्ति के लिए उनकी अस्थियों को विसर्जित करने का इंतजाम किया है. किशनगढ़ विधायक सुरेश टांक ने क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न परिस्थियों में जिन लोगों का निधन हुआ था उनकी अस्थियों के विसर्जन का इंतजाम किया है. लॉकडाउन में कई भामाशाह, सामाजिक संस्थाएं, जनप्रतिनिधि जरूरतमंद लोगों को राशन की सामग्री उपलब्ध करवा रहे थे. लेकिन किसी का भी ध्यान उन लोगों की बेबसी पर नहीं गया जो अपनों की अस्थि विसर्जन को लेकर परेशान थे.

अस्थि विसर्जन के लिए विधायक ने किया दो बसों का इंतजाम

हिंदू धर्म में मान्यता है कि, जब तक अस्थि विसर्जन नहीं होता तब तक मृत आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती. वहीं दाह-संस्कार करने वाला व्यक्ति भी अपने दायित्व से मुक्त नहीं हो पाता है. किशनगढ़ विधायक सुरेश टांक ने ऐसे लोगों की पीड़ा को समझा और इस कार्य के लिए उन्होंने प्रशासन से लेकर शासन तक की अस्थि विसर्जन यात्रा के प्रयास शुरू किए.

टांक के प्रयासों का ही नतीजा है कि, सरकार ने अपने स्तर पर टांक को स्वीकृति दी और उत्तराखंड सरकार से भी अस्थि विसर्जन करने आ रहे लोगों के लिए स्वीकृति एवं सहयोग करने की बात कही. ईटीवी भारत से बातचीत में विधायक सुरेश टांक ने बताया कि, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुत ही संवेदनशील है.

उन्होंने अशोक गहलोत का धन्यवाद देते हुए कहा कि, अस्थि विसर्जन यात्रा के लिए स्वीकृति मांगने पर गहलोत ने सहजी स्वीकृति दे दी. टांक ने बताया कि, अस्थि विसर्जन यात्रा के माध्यम से लोग अपने दिवंगत परिजनों की अस्थियों का विसर्जन कर सकेंगे. दो बसों में 70 लोग अस्थि विसर्जन के लिए किशनगढ़ से हरिद्वार रवाना हुए हैं. वही शुक्रवार को 2 बसे और रवाना की जाएगी.

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लॉकडाउन के दौरान अपनों के खोने का दुख लोगों में था, लेकिन उससे ज्यादा पीड़ा अस्थियां विसर्जन नहीं कर पाने को लेकर थी. लॉकडाउन में लोग बेबस होकर उस दिन का इंतजार कर रहे थे जब अस्थियों के विसर्जन के लिए उन्हें स्वीकृति मिले.

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लोगों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ विधायक सुरेश टॉक का धन्यवाद दिया है. बता दें कि, राजस्थान में अस्थि विसर्जन यात्रा की शुरुआत अजमेर जिले की किशनगढ़ विधानसभा से हुई है. ऐसे में अब जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों से भी लोग अस्थि विसर्जन यात्रा की मांग करने लगे हैं.

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