ETV Bharat / state

अजमेर में मोहर्रम की शुरुआत, इमाम हुसैन की याद में हुए मर्सियाख्यानी - jmer news

अजमेर में माहे मोहर्रम का महीना शुरू हो चुका है. वहीं ख्वाजा गरीब नवाज की नगरी में चांद रात से ही चौकी धुलाई की रस्म के साथ मोहर्रम की शुरुआत हो चुकी है.

अजमेर में माहे मोहर्रम, अजमेर मोहर्रम का महीना शुरू , अजमेर चौकी धुलाई की रस्म , अजमेर की खबर, अजमेर मोहर्रम की खबर Mahe Moharram in Ajmer, Ajmer Moharram month begins, Ajmer Outpost Washing ceremony, Ajmer news, Ajmer Moharram news
author img

By

Published : Sep 3, 2019, 12:21 PM IST

अजमेर. मोहर्रम महीने में हताइयों पर मर्सियां ख्वानी का दौर शुरू हो चुका है. दरगाह के पास इमाम बारगाह में बयाने कर्बला सुनने वाले अकीदतमंदों का हुजूम दिख रहा है. वहीं अंदर कोट हताइ, कातन बाव हताइ और बढ़बाओं हताइ पर भी मर्सियाख्वानी हुई.

अजमेर में माहे मोहर्रम की शुरुआत

वहीं इन हताइयों पर अलग-अलग मर्सियां पार्टियों ने कलाम पेश किए और गमे हजरत इमाम हुसैन से लोगों को रूबरू कराया. साथ ही शहीदाने कर्बला के बयान पढ़े गए. इन कदीमी इमाम बारगाहों में मर्सिया पढ़ने वाले मर्सियां ख्वां ने बताया कि उनके बुजुर्गों ने जो शहीदाने कर्बला की याद में कलाम लिखे है.

यह भी पढ़ेंः राजौरी में शहीद हुए अजमेर के लाल को पूरे गांव वालों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

उन्हें पढ़कर इन्हें हाजरिने महफिल के इनाम से भी नवाजा जाता है. मर्सियाख्वानी और बयाने शहीदाने कर्बला मुसलसल योमे आशूरा तक जारी रहेगा और दीगर रसूमात भी अदा होती रहेंगी.

अजमेर. मोहर्रम महीने में हताइयों पर मर्सियां ख्वानी का दौर शुरू हो चुका है. दरगाह के पास इमाम बारगाह में बयाने कर्बला सुनने वाले अकीदतमंदों का हुजूम दिख रहा है. वहीं अंदर कोट हताइ, कातन बाव हताइ और बढ़बाओं हताइ पर भी मर्सियाख्वानी हुई.

अजमेर में माहे मोहर्रम की शुरुआत

वहीं इन हताइयों पर अलग-अलग मर्सियां पार्टियों ने कलाम पेश किए और गमे हजरत इमाम हुसैन से लोगों को रूबरू कराया. साथ ही शहीदाने कर्बला के बयान पढ़े गए. इन कदीमी इमाम बारगाहों में मर्सिया पढ़ने वाले मर्सियां ख्वां ने बताया कि उनके बुजुर्गों ने जो शहीदाने कर्बला की याद में कलाम लिखे है.

यह भी पढ़ेंः राजौरी में शहीद हुए अजमेर के लाल को पूरे गांव वालों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

उन्हें पढ़कर इन्हें हाजरिने महफिल के इनाम से भी नवाजा जाता है. मर्सियाख्वानी और बयाने शहीदाने कर्बला मुसलसल योमे आशूरा तक जारी रहेगा और दीगर रसूमात भी अदा होती रहेंगी.

Intro:अजमेर/माहे मोहर्रम का महीना शुरू हो चुका है और मुसलमान शहीदाने कर्बला की याद में गम अब मना रहे है। वही ख्वाजा गरीब नवाज की नगरी में चाँद रात से ही चौकी धुलाई की रस्म के साथ मोहर्रम की शुरुआत हो चुकी है। 



Body:इस ग़म के महीने में हताइयों पर मर्सियाँ ख्वानी का दौर शुरू हो चुका है।दरगाह के पास इमाम बारगाह में बयाने कर्बला सुनने वाले अकीदतमंदों का हुजूम देखा गया तो वहीं अंदर कोट हताइ, कातन बाव हताइ ओर बढ़बाओ हताइ पर भी मर्सियाँ ख्वानी हुई।



इन हताइयों पर अलग-अलग मर्सियाँ पार्टियों ने कलाम पेश किए और ग़मे हज़रत इमाम हुसैन से लोगों रूबरू कराया।शहीदाने कर्बला के बयान पढ़े गए।Conclusion:इन कदीमी इमाम बारगाहों में मर्सियाँ पढ़ने वाले मर्सियाँ ख्वां ने बताया कि उनके बुजुर्गों ने जो शहीदाने कर्बला की याद में कलाम लिखे है उन्हें पढ़कर इन्हें ओर हाज़रिने महफ़िल के इनाम से भी नवाजा जाता  है।मर्सियाँ ख्वानी ओर बयाने शहीदाने कर्बला मुसलसल योमे आशूरा तक जारी रहेगा और दीगर रसूमात भी अदा होती रहेंगी


बाईट-खलील अहमद


बाईट-अहमद इमरानी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.