अजमेर. मोहर्रम महीने में हताइयों पर मर्सियां ख्वानी का दौर शुरू हो चुका है. दरगाह के पास इमाम बारगाह में बयाने कर्बला सुनने वाले अकीदतमंदों का हुजूम दिख रहा है. वहीं अंदर कोट हताइ, कातन बाव हताइ और बढ़बाओं हताइ पर भी मर्सियाख्वानी हुई.
वहीं इन हताइयों पर अलग-अलग मर्सियां पार्टियों ने कलाम पेश किए और गमे हजरत इमाम हुसैन से लोगों को रूबरू कराया. साथ ही शहीदाने कर्बला के बयान पढ़े गए. इन कदीमी इमाम बारगाहों में मर्सिया पढ़ने वाले मर्सियां ख्वां ने बताया कि उनके बुजुर्गों ने जो शहीदाने कर्बला की याद में कलाम लिखे है.
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उन्हें पढ़कर इन्हें हाजरिने महफिल के इनाम से भी नवाजा जाता है. मर्सियाख्वानी और बयाने शहीदाने कर्बला मुसलसल योमे आशूरा तक जारी रहेगा और दीगर रसूमात भी अदा होती रहेंगी.