अजमेर. फर्जी पुलिस कर्मी बनकर बुजुर्ग और महिलाओं को शिकार बनाने वाली अंतर्राज्यीय कुख्यात ईरानी गैंग के सरगना को गिरफ्तार करने में अजमेर पुलिस को सफलता मिली है. गैंग ने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कई शहरों और कस्बों में लूट की वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी को लेकर आरोपी से पूछताछ कर रही है.
आरोपी को पकड़ना चुनौतीपूर्ण रहा : अजमेर उत्तर क्षेत्र के सीओ भोपाल सिंह भाटी ने बताया कि गिरफ्त में आया कुख्यात ईरानी गैंग का सरगना हसन अली, बूंदी शहर में महावीर कॉलोनी का निवासी है. हाल ही में वह कोटा में किशोरपुरा स्थित शिव चौक में रह रहा था. अजमेर और जयपुर में एक ही दिन में गैंग ने कई वारदातें की थी. मुखबिर और तकनीकी सहायता से आरोपी हसन अली को अजमेर से गिरफ्तार किया गया है. सीओ ने बताया कि वारदात के बाद गैंग के सदस्य एक साथ नहीं रहते हैं. यह इतने शातिर हैं कि वारदात के समय अपने साथ मोबाइल फोन भी नहीं रखते हैं, ऐसे में इनको पकड़ना पुलिस के लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण था.
गैंग में महिलाएं भी शामिल : उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी हसन अली से वारदातों और उसके साथियों के बारे में पूछताछ की जा रही है. आरोपी ने कई वारदातों को कबूल किया है. आरोपी हसन अली 2019 में बूंदी में किसी वारदात में गिरफ्तार हुआ था और वर्ष 2020 में वह जमानत पर रिहा हुआ था. इसके बाद से ही वह लूट की वारदातों को अंजाम देने लगा था. उन्होंने बताया कि ईरानी गैंग में कई सदस्य हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं.
आरोपी को पकड़ने में लगी मेहनत : सीओ भोपाल सिंह भाटी ने बताया कि अजमेर में वारदात करने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कमांड सेंटर अजमेर, किशनगढ़ और जयपुर के सीसीटीवी फुटेज देखे. फुटेज में आरोपियों की पहचान होने के बाद हाईवे के होटलों और ढाबों पर लगे कैमरे भी चेक किए गए. अजमेर साइबर सेल की टीम से तकनीकी सहायता ली. इसके बाद ईरानी गैंग के सदस्य हसन अली को गिरफ्तार किया गया. जल्द ही आरोपी हसन अली के अन्य साथी भी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे.
यह था वारदात का तरीका : उन्होंने बताया कि ईरानी गैंग के सदस्य बाइक पर अजमेर आए और उन्होंने अजमेर के व्यस्ततम इलाकों में बुजुर्ग और महिलाओं के गले से चेन, हाथों के कड़े, अंगूठियां पहने हुए लोगों को चिह्नित किया. इसके बाद फर्जी पुलिस कर्मी बनकर चिह्नित लोगों के कीमती धातु के गहने उतरवाकर फरार हो गए. उन्होंने बताया कि वारदात के दौरान महिलाओं और बुजुर्ग उनके कहे अनुसार जेवर खोलकर उन्हें दे देते थे. वह उनके पास रखे लिफाफे में रखते और ध्यान भटका कर लिफाफा चेंज कर देते थे. दूसरा लिफाफा देकर आरोपी वहां से निकल जाते थे. खास बात यह है कि वारदात के दौरान उनके पास मोबाइल नहीं रहता है. वो कुछ दूरी के बाद कपड़े और गाड़ी भी बदल लेते हैं. इस गैंग ने अजमेर में 20 सितंबर को चार वारदातों को अंजाम दिया था.
कई शहर और कस्बों में की वारदात : सीओ भोपाल सिंह भाटी ने बताया कि 1 सितंबर को ईरानी गैंग ने कोटा सिटी में तीन वारदात और 21 सितंबर को कोटा सिटी में दो वारदात को अंजाम दिया था. गैंग ने इस प्रकार की अनेक घटनाएं देश के कई राज्यों और शहरों में की है. गिरफ्तार आरोपी हसन अली से पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. उन्होंने बताया कि ईरानी गैंग ने प्रदेश में किशनगढ़, ब्यावर, हिंडौन, गंगापुर सिटी, कोटा, बूंदी, झालावाड़, उत्तर प्रदेश राज्य के मैनपुरी, गिराल, बांदा, बिलासपुर, जावरा के अलावा मध्य प्रदेश के कई शहरों और कस्बों में भी इसी तरह से वारदात की हैं.