अजमेर. देश में खसरा और रूबेला बीमारी को खत्म करने के उद्देश्य से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. अजमेर जिले में साढे़ आठ लाख बच्चों के टीके लगाए जाएंगे. गौरतलब है कि 9 माह से 15 साल के बीच की उम्र के बच्चों को खसरा और रूबेला बीमारी का खतरा रहता है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुक्रवार को जवाहर रंगमंच पर खसरा और रूबेला बीमारी को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई.
कार्यशाला में जिले की सभी प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों को टीकाकरण अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, ताकि शिक्षक अभिभावकों को टीकाकरण के लिए जागरूक कर सके. आरसीएचओ रामलाल चौधरी ने बताया कि टीके के कोई साइड इफेक्ट नहीं है. यह बिल्कुल सुरक्षित है और इसे सरकार की ओर से नि:शुल्क लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिले के साढ़े आठ लाख बच्चों को खसरा और रूबेला दोनों जानलेवा बीमारियों के बचाव के लिए अभियान के तहत टीकाकरण किया जाएगा.
चौधरी ने बताया कि टीकाकरण के लिए शिक्षक अभिभावकों से सहमति मांगेंगे. साथ ही खसरा और रूबेला से बचाव के लिए लगाए जाने वाले टीके के प्रति अभिभावकों को जागरूक करेंगे. चौधरी ने बताया कि खसरा जानलेवा बीमारी है. खासकर भारत में इस बीमारी से बच्चों की ज्यादा मौतें होती हैं. इसलिए खसरा और रूबेला रोग से बचाव के लिए टीका लगाना आवश्यक है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जिले में खसरा और रूबेला टीकाकरण अभियान की तैयारियों में जुटा हुआ है. 9 माह से 15 साल के बच्चों के जीवन के लिए जरूरी टीकाकरण में कोई बच्चा छूट न जाए, इसके लिए विभाग और प्रशासन जागरूकता अभियान भी चला रहा है.