अजमेर. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में अश्व की उन्नत नस्ल खास आकर्षण बने हुए हैं. देश के कई राज्यों से अश्व पालक और व्यापारी मेले में आए हुए हैं और उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है. मेले में लगभग 2 हजार अश्व आ चुके हैं. इनमें मारवाड़ी और पंजाबी नस्ल के घोड़े हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है. ऐसे कई पशुपालक भी हैं, जो केवल अश्व बेचने के लिए नहीं बल्कि प्रदर्शन के लिए लाए हैं. इनमें मारवाड़ी नस्ल और पंजाब के मज्जू लाइन के घोड़े अपने ऊंचे कद से लोगों का ध्यान अपनी और खींच रहे हैं.
मेले में इस बार बेशकीमती घोड़े आए हैं. कई पशुपालक अपने अश्वों को मेले में बेचने के लिए नहीं बल्कि प्रदर्शन और प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए लाए हैं. मेले में हरियाणा के मारवाड़ी नस्ल के 70 इंच ऊंचे कद का 'बुर्ज खलीफा' और अलवर के मुंडावर से आया पंजाब मज्जू लाइन नस्ल का घोड़ा 'पर्वत' मेले का विशेष आकर्षण बना हुआ है. पर्वत घोड़े के मालिक का दावा है कि यह घोड़ा मेले में सबसे ऊंचा घोड़ा है. इसकी हाइट 72 इंच है.
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इनके अलावा भी मेले में पंजाब और मारवाड़ी नस्ल के 2 हजार के लगभग घोड़े और घोड़ियां आई हैं. मेले में घोड़े-घोड़ियों की कीमत 1 लाख से 7 करोड़ रुपए तक की है. बेहतर नस्ल का घोड़ा या घोड़ी कम से कम पांच लाख रुपए से कम नहीं है. मेला स्थल पर राजस्थान के विभिन्न जिलों से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में अश्व पालक आए हैं और उनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कई अश्व पालको ने तो लग्जरी शिविर लगा रखे है.
7 करोड़ रुपए का घोड़ा: अश्व पालक युवराज जडेजा ने बताया कि अश्व की विभिन्न प्रतियोगिताओं में मारवाड़ी नस्ल का यह घोड़ा चैंपियन रह चुका है. यह शुद्ध मारवाड़ी नस्ल है. इसके कान, हाइट, गला समेत सभी मारवाड़ी नस्ल की खूबियां हैं. इस घोड़े की उम्र साढ़े चार वर्ष है. डेढ़ वर्ष पहले इसको अहमदनगर से खरीदा था. उन्होंने बताया कि दिन में तीन बार घोड़े को गिर गाय का दूध दिया जाता है. इसके अलावा मूंगफली के छिलके, चने और चारा दिया जाता है. जडेजा बताते हैं कि यह घोड़ा बेचने के लिए नहीं है, लेकिन इसकी कीमत 7 से 8 करोड़ रुपए लग चुकी है.
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सबसे ऊंचे कद का घोड़ा: अलवर जिले के मुंडावर में बेनामी पीठ हरियाणा गिरी धाम के संत शीतल दास महाराज के शिष्य स्वामी बालक देवाचार्य भी हर वर्ष की तरह घोड़े लेकर पुष्कर पशु मेले में आए हैं. उन्होंने बताया कि पर्वत मारवाड़ी नस्ल का घोड़ा है. यह पंजाब में मज्जू लाइन का घोड़ा है. इसकी ऊंचाई 72 इंच है. उनका दावा है कि मेले में इसे ऊंचे कद का कोई घोड़ा नहीं है. उन्होंने बताया कि 15 वर्षों से वह पुष्कर मेले में आ रहे हैं. पर्वत को 3 साल पहले खरीदा था. तब उसकी ऊंचाई को देखकर ही उसका नाम पर्वत रखा था. यह 40 माह का घोड़ा पर्वत के समान ही ऊंचा नजर आता है. उन्होंने बताया कि पर्वत का पिता पटवारी भी बहुत ऊंचा था.
अश्व पालक पशुओं की खरीद-फरोख्त करने के लिए बड़ी संख्या में व्यापारी भी आए हुए हैं. व्यापारियों का कहना है कि अश्व वंश में काफी उन्नत नस्ल के अश्व है. यहां अश्व की बछिया और बछी खरीदनी है. इसके लिए पशुपालक से रेट तय हुई है. 4 लाख रुपए बछिया के बताए हैं. बछी पसंद आई है. खरीद का मानस बन रहा है.