अजमेर. पेट का साफ नहीं होना कब्ज कहलाता है. चिकित्सकों की भाषा में इसे कॉन्स्टिपेशन और आयुर्वेद में विबंध कहते हैं. सुबह के समय शौच में वक़्त लगना या कुंथन (जोर लगा कर जबरन) मल त्यागने को विबंध कहते हैं. आयुर्वेद के मुताबिक शरीर की समस्त व्याधियों में से अधिकांश बीमारी उदर रोग से जुड़ी होती है. इसमें पहला रोग कब्ज है. संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सा विभाग में चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएल मिश्रा बताते हैं कि कब्ज के कई कारण हो सकते हैं.
क्यों होता है कब्ज
मसलन मसालेदार भोजन, डिब्बाबंद भोजन, फास्ट फूड, चिकनाई रहित और रूखा भोजन, अधिक समय तक भूखे रहने, भोजन करने के तुरंत और खाने, विरोधी भोजन करने, गरिष्ठ भोजन करने, श्रम नहीं करने, देर रात तक जागने, मानसिक तनाव, ज्यादा लंबे समय तक सिटिंग करने से कब्ज की शिकायत होती है. लंबे समय तक यदि कब्ज रहता है तो रोगी को और भी गंभीर बीमारियां होने की संभावना रहती है. इसलिए कब्जे को हल्के में न लें और समय रहते कब्ज का उपचार लें. डॉ मिश्रा के अनुसार किसी भी आयु में कब्ज की समस्या हो सकती है. नियमित कब्ज रहने पर पाचन तंत्र खराब हो जाता है.
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कब्ज के लक्षण
डॉ मिश्रा ने बताया कि पेट में भारीपन होना, अपच होना, पेट फूलना, गैस बनना, खट्टी डकार आना, मानसिक तनाव, अनिद्रा, सर दर्द, उल्टी, घबराहट आदि कब्ज के लक्षण हैं. लंबे समय तक कब्ज रहने से पाइल्स, फिशर, आंखों में कमजोरी, माइग्रेन समेत कई गंभीर बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है.
कैसे करें कब्ज को दूर
कब्ज में प्राथमिक और घरेलू उपाय वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएन मिश्रा बताते हैं कि औसतन हर व्यक्ति को 6 से 8 लीटर पानी अवश्य ही पीना चाहिए. फाइबर युक्त भोजन करें, गूदेदार सब्जियां जैसे लौकी, कद्दू, तुरई, खीरा, ककड़ी, मूली, गाजर एवं फलों में तरबूज, खरबूजा, संतरा समेत रसदार फल का सेवन करें. समय पर पौष्टिक एवं चिकनाई युक्त खाना खाएं. दिन में खाने के साथ ताजा छाछ अवश्य पिएं. रात्रि को सोने से आधा घंटा पहले एक गिलास दूध का सेवन अवश्य करें.
दिन में नींबू की शिकंजी या रसदार फलों का सेवन करें. दोपहर 4 बजे के लगभग भुने हुए चने छिलके सहित एवं किशमिश खाना भी लाभदायक है. इसके अलावा बेजड़ की रोटी (गेहूं, जौ, चना) मिक्स आटे की रोटी अपने भोजन में शामिल करें. सर्दी के मौसम में कच्चा आंवला या उससे बने उत्पाद भी कब्ज को दूर भगाने में लाभकारी है. कब्ज का अचूक इलाज त्रिफला चूर्ण है. सुबह व शाम को भूखे पेट एक चम्मच त्रिफला का सेवन गुनगुना पानी के साथ करने से कब्ज में जल्द ही राहत मिलती है. त्रिफला रसायन भी है इससे इम्यूनिटी भी बढ़ती है. उन्होंने बताया कि रोग की परिस्थिति एवं रोगी की अवस्था पर निर्भर करता है कि कब्ज का रोग का उपचार कितने दिन में होगा. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद दवाओं से 7 दिन में ही कब्ज से राहत मिलना शुरू जाती है.