अजमेर. फोबिया एक प्रकार का मनोरोग है, जो अकारण डर होता है. यदि आप को भी किसी वस्तु विशेष से लंबे समय से डर हो, तो यह फोबिया भी हो सकता है. आइए क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट एवं काउंसलर डॉ मनीषा गौड़ से जानते हैं फोबिया के कारण, लक्षण और उपचार.
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट एवं काउंसलर डॉ मनीष गौड़ बताते हैं कि फोबिया किसी भी उम्र में हो सकता है. लेकिन ज्यादातर फोबिया किशोरावस्था में देखा जाता है. डॉ गौड़ बताती हैं कि तनाव अधिक रहने से फोबिया हो सकता है. इसके अलावा यदि घर में किसी को फोबिया है, तो उसका असर घर के अन्य सदस्य अथवा बच्चों पर भी पड़ सकता है. फोबिया का एक कारण अनुवांशिक भी है. मस्तिष्क में बायोकेमिकल बदलाव के कारण और एक ही वस्तु से बार-बार नकारात्मक अनुभव होने से भी फोबिया हो जाता है.
फोबिया के यह तीन प्रकार:
- सोशल फोबिया: सोशल फोबिया से ग्रसित व्यक्ति भीड़ भाड़ में जाने से कतराते हैं. मंच पर माइक के सामने नहीं बोल पाते हैं. ज्यादा लोगों के सामने जाने से डरते हैं. यानी सामाजिक गतिविधियों और सामाजिक समारोह में खुद को सहज महसूस करते हैं.
- एग्रो फोबिया: एग्रो फोबिया से ग्रसित व्यक्ति ऊंचाई से डरते हैं. संकड़े स्थान, किसी बंद कमरे, सुरंग, बेसमेंट, लिफ्ट, बंद कार और अधिक भीड़ में खुद को असहज समझते हैं. उन्हें ऐसे स्थान पर जाने से डर लगता है.
- स्पेसिफिक फोबिया: इसमें व्यक्ति, वस्तु, पशु, पक्षी, पानी, सांप अन्य किट या कोई वस्तु विशेष से डरने लगता है.
फोबिया के लक्षण: डॉ गौड़ बताती हैं कि फोबिया से पीड़ित व्यक्ति सामाजिक कार्यक्रम, सार्वजनिक स्थान में जाने से डरता है. ऐसी जगह पर जाने से उसे घबराहट होने लगती है और उसकी बेचैनी बढ़ जाती है. साथ ही चिड़चिड़ापन भी बढ़ने लगता है. इसी तरह फोबिया से ग्रसित व्यक्ति यदि ऊंचाई पर खड़ा है, तो उसे चक्कर आने लगते हैं. उसे महसूस होता है कि वह गिर जाएगा. बंद जगहों में उसे सांस रुकने का डर लगा रहता है. लोगों के सामने माइक पर बोलने से डर लगता है.
पढ़ें: Health Tips : बच्चा अगर रहता है गुमसुम तो नहीं करें नजरअंदाज, चाइल्डहुड डिप्रेशन का हो सकता है शिकार
फोबिया का उपचार: कोई भी डर ज्यादा लंबा नहीं चलता है. लेकिन यदि डर लंबे समय तक रहता है, तो उसे फोबिया माना जाता है. डॉ गौड़ बताती हैं कि फोबिया का स्तर जानने के लिए कई तरह की जांचे होती हैं. स्तर के अनुसार ही ट्रीटमेंट दिया जाता है. उन्होंने बताया कि साइको थेरेपी के साथ साइकाइट्रिक ट्रीटमेंट भी आवश्यकता के अनुसार फोबिया ग्रसित व्यक्ति को दिया जाता है. इसके अलावा बिहेवियर थेरेपी, रिलैक्सेशन थेरेपी मददगार है. (सीबीटी) कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी भी दी जाती है.