अजमेर. जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव में मतदान करने की तारीख नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे आमजन में मतदान करने को लेकर खुशी झलकती नजर आ रही है. ऐसे में शुक्रवार को हमारे संवाददाता ने शहर के जायके में छोले कुलचे और नाश्ते के साथ चुनावी चटकारे के बीच आमजन की समस्याओं को लेकर लोगों की राय जाननी चाही. ऐसे में लोगों ने अपने-अपने मुद्दे सामने रखे...
बता दें कि बीसलपुर बांध परियोजना अजमेर की लाइफ लाइन मानी जाती है. इस बांध के पानी से जिले के लोगों की प्यास बुझती. यह बांध अजमेर की प्यास बुझाने के लिए बनाया गया था. मगर वक्त के साथ इस बांध का पानी अन्य जिलों की प्यास भी बुझाने लगा और अजमेर की प्राथमिकता घटती चली गई.
क्या है आमजन की राय
ऐसे में जब संवाददाता ने अजमेर के स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि उनका बेरोजगारी के अलावा सबसे बड़ा मुद्दा पेयजल का भी है. बताते चले की जिलेभर में बीसलपुर बांध परियोजना से पानी की सप्लाई होती है. वहीं हालात ये है कि 3 दिनों में सिर्फ एक बार पानी की सप्लाई लोगों को घरों तक पहुंच रही है. मानसून की बेरुखी की वजह से बांध में पानी अब कम ही रह गया है.
वहीं दूसरे व्यक्ति ने कहा कि अजमेर की प्यास बुझाने के लिए और कोई विकल्प भी नहीं है. सालों से अजमेर पानी के लिए विकल्प की मांग कर रहा है. चुनावी चटकारे में लोगों से उनकी प्रतिक्रिया जानने पर सामने आया कि अजमेर की प्यास बुझाने के लिए अन्य विकल्प की कोशिश कभी हुई नहीं. पानी हर चुनाव में मुद्दा रहता है. मगर किसी भी नेता ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया.
जब युवाओं से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिले को शिक्षा नगरी के रुप में पहचाना जाता है. मगर बेरोजगारी की आलम यह है कि यहां युवाओं को रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती है. ऐसे में सरकार को युवा कोसते नजर आए.
गौरतलब हो कि स्थानीय मुद्दों पर लोगों की अपनी प्रतिक्रियाएं हैं. ये मुद्दे चुनाव में कितना असर डाल पाते हैं यह तो चुनाव परिणाम तय करेंगे. लेकिन फिलहाल इतना ही कहा जा सकता है कि जनता किसी को भी सिरमोर बनाए समस्या हल होनी चाहिए.