अजमेर. क्रिसमस की तैयारियां जोर शोर से की जा रही है. विभिन्न चर्च से जुड़े युवाओं की टोलियां शहर के विभिन्न हिस्सों में जाकर प्रभु यीशु के आगमन का संदेश पारंपरिक गीत कैरोल गाकर दे रही हैं. ईटीवी भारत ने ऐसी ही एक युवाओं की टोली से खास बातचीत की. राजस्थान में मिशनरी की शुरुआत ब्यावर से हुई है. जिला बनने से पहले ब्यावर अजमेर जिले का ही हिस्सा था. अजमेर में भी एक दर्जन से ज्यादा प्राचीन चर्च और शिक्षण संस्थाएं हैं. अजमेर में मसीह समाज की खासी संख्या है. अजमेर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, फारसी, जैन, यहूदी समेत कई धर्मो की धर्मस्थली है. ऐसे में यहां हर धर्म के त्योहार मिलकर मनाए जाते हैं
युवाओं क टोली घर-घर जाकर गा रही है कैरोल सॉन्ग: क्रिसमस के पर्व पर मसीह समाज के घर और चर्च को रंग-रोगन कर रोशनी से सजाया जा रहा है. चर्च में प्रार्थना सभाएं होने लगी हैं. वहीं देर शाम को विभिन्न चर्च से युवाओं की टोलियां अलग अलग क्षेत्रों में जाकर प्रभु यीशु के आगमन का संदेश दे रही हैं. युवाओं की टोलियां मसीह समाज के घर-घर जाकर कैरोल सांग (पारंपरिक गीत) गा रहे हैं. इन गीतों के माध्यम से बताया जाता है कि पापों से मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु यीशु जन्म लेने वाले हैं.
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ईटीवी भारत न्यूज ने आगरा गेट स्थित रोबसन मेमोरियल कैथेड्रल चर्च से जुड़ी युवाओं की टोली से खास बातचीत की. इस टोली का उत्साहवर्द्धन करने के लिए चर्च के फादर जेके शर्मा भी मौजूद थे. बातचीत में उन्होंने बताया कि यीशु मसीह के पैदाइश के परंपरागत गीत गाये जाते हैं प्रभु की पैदाइश की खुशखबरी घर घर तक कैरोल सांग के माध्यम से पहुचाते हैं. यह खुशी गीत देव दूतों ने प्रभु के जन्म से पहले गाए थे.
क्रिसमस को लेकर युवाओं में उत्साह: युवाओं ने बताया कि मसीह समाज का यह एक बड़ा त्योहार है. प्रभु यीशु के जन्म की खुशी सबको होती है और दोगुने उत्साह के साथ प्रभु के जन्म का पैगाम दिया जाता है, हम लोग क्रिसमस पर्व को लेकर काफी उत्साहित हैं. घर को रंग-रोगन कर सजाया गया है. चर्च में सजावट की गई है, घरों में पकवान बनाए जा रहे हैं. पार्टी के लिए प्लान किया जा रहा है. क्रिसमस पर चर्च जाने के लिए नए कपड़े पहनना. अच्छे से तैयार होना सभी को अच्छा लगता है. सबके साथ खुशी मनाना मन में उमंग भर देता है.
बता दें कि इसी तरह युवाओं की टोलियां मसीह समाज के घरों में जाकर कैरोल गाते हैं. देर शाम को ही कैरोल की मधुर आवाज माहौल को खुशनुमा बना देती है. कैरोल गाने वाले युवाओं का मसीह समाज के लोग स्वागत करते हैं. क्रिसमस तक कैरोल गाने का यह दौर जारी रहेगा. इसके अलावा भी कई कार्यक्रम चर्च की ओर से आयोजित किये जा रहे हैं. इनमें में मसीह समाज के युवा बढ़ चढ़कर भाग ले रहे है.