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अजमेर विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में धरना...आंदोलन की चेतावनी - Rajasthan news

अजमेर विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारियों ने हाथी भाटा पॉवर हाउस पर धरना दिया. कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि सरकार ने निजीकरण पर अंकुश नहीं लगाया तो बड़ा आंदोलन करेंगे.

Ajmer Power Corporation, Ajmer hindi news
अजमेर विद्युत निगम के निजीकरण का विरोध
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Published : Dec 30, 2020, 4:19 PM IST

अजमेर. भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले विद्युत कर्मचारियों ने हाथी भाटा पावर हाउस पर एक दिवसीय धरना दिया. ये धरना अजमेर विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में दिया गया है. कर्मचारियों का आरोप है कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने विद्युत को निजीकरण से मुक्त करने का वादा किया था, बल्कि विद्युत के निजीकरण को लेकर अजमेर बंद भी कांग्रेस ने करवाया था, लेकिन सत्ता में आने के 2 साल बीत गए, कांग्रेस ने अपना वादा नहीं निभाया.

अजमेर विद्युत निगम के निजीकरण का विरोध

अजमेर में विद्युत निगम के निजीकरण को लेकर विद्युत कर्मियों में रोष बढ़ता ही जा रहा है. विद्युत कर्मचारी निजीकरण के विरोध में आंदोलन पर उतर आए हैं. हाथी भाटा पावर हाउस में भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले विद्युत कर्मचारी विद्युत के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. साथ ही राज्य सरकार से विद्युत को निजीकरण से मुक्त करने की मांग भी की जा रही है.

कर्मचारियों का कहना है कि सन 1957 से लेकर आज तक विद्युत सरकार के आधीन रही है लेकिन राज्य सरकार विद्युत को निजीकरण के हाथों में सौंप रही है. राजस्थान में 50 हजार से भी अधिक विद्युत कर्मचारी हैं. विद्युत का निजीकरण हो जाने के बाद कर्मचारियों के पास कोई कार्य नहीं होगा. ऐसे में निजी कंपनियों के कर्मचारियों और सरकारी कर्मचारियों के वेतन का दुगना भार भी होगा.

यह भी पढ़ें. अजमेर: नवनिर्वाचित जिला प्रमुख पलाड़ा का किया गया स्वागत...

अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ के संरक्षक धरमु पारवानी ने बताया कि अजमेर विद्युत निगम में विभिन्न नामों से निजीकरण और ठेके किए जा रहे हैं. सरकार इन्हें तत्काल बंद करें. अजमेर विद्युत वितरण निगम में फ्रेंचाइजी, एमबीसी, एफआरटी, 33/11 केवीजीएसएस, बिलिंग, रीडिंग, ऑडिट आधी विभिन्न नामों से निजी करण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि निगम में पर्याप्त मानव शक्ति और संसाधन उपलब्ध हैं. इसके बावजूद निजीकरण के नाम पर निगम पर अनावश्यक वित्तीय भार बढ़ाकर निगम संपत्ति को खुर्द बोर्ड किया जा रहा है.

इसके विरोध में बांसवाड़ा शहर की योजना के विरोध में कर्मचारी विगत 70 दिन से अनवरत धरने पर हैं. उन्होंने कहा कि निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी कोई अंकुश नहीं लगाया जा रहा है. घाटे का हवाला देकर निजीकरण किया जा रहा है. सरकार को पूर्व एमडी की संपत्तियों की जांच करनी चाहिए और घाटा बताने वाले एमडीयों की संपत्तियों से घाटे की राशि वसूल की जानी चाहिए.

बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी...

भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष भोलानाथ आचार्य ने कहा कि विद्युत के निजीकरण को लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. इसके तहत कर्मचारियों ने एक दिवसीय निजीकरण के खिलाफ धरना दिया है. सरकार ने निजीकरण पर अंकुश नहीं लगाया तो समस्त कर्मचारी निजीकरण के विरोध में बड़ा आंदोलन करेंगे.

अजमेर. भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले विद्युत कर्मचारियों ने हाथी भाटा पावर हाउस पर एक दिवसीय धरना दिया. ये धरना अजमेर विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में दिया गया है. कर्मचारियों का आरोप है कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने विद्युत को निजीकरण से मुक्त करने का वादा किया था, बल्कि विद्युत के निजीकरण को लेकर अजमेर बंद भी कांग्रेस ने करवाया था, लेकिन सत्ता में आने के 2 साल बीत गए, कांग्रेस ने अपना वादा नहीं निभाया.

अजमेर विद्युत निगम के निजीकरण का विरोध

अजमेर में विद्युत निगम के निजीकरण को लेकर विद्युत कर्मियों में रोष बढ़ता ही जा रहा है. विद्युत कर्मचारी निजीकरण के विरोध में आंदोलन पर उतर आए हैं. हाथी भाटा पावर हाउस में भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले विद्युत कर्मचारी विद्युत के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. साथ ही राज्य सरकार से विद्युत को निजीकरण से मुक्त करने की मांग भी की जा रही है.

कर्मचारियों का कहना है कि सन 1957 से लेकर आज तक विद्युत सरकार के आधीन रही है लेकिन राज्य सरकार विद्युत को निजीकरण के हाथों में सौंप रही है. राजस्थान में 50 हजार से भी अधिक विद्युत कर्मचारी हैं. विद्युत का निजीकरण हो जाने के बाद कर्मचारियों के पास कोई कार्य नहीं होगा. ऐसे में निजी कंपनियों के कर्मचारियों और सरकारी कर्मचारियों के वेतन का दुगना भार भी होगा.

यह भी पढ़ें. अजमेर: नवनिर्वाचित जिला प्रमुख पलाड़ा का किया गया स्वागत...

अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ के संरक्षक धरमु पारवानी ने बताया कि अजमेर विद्युत निगम में विभिन्न नामों से निजीकरण और ठेके किए जा रहे हैं. सरकार इन्हें तत्काल बंद करें. अजमेर विद्युत वितरण निगम में फ्रेंचाइजी, एमबीसी, एफआरटी, 33/11 केवीजीएसएस, बिलिंग, रीडिंग, ऑडिट आधी विभिन्न नामों से निजी करण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि निगम में पर्याप्त मानव शक्ति और संसाधन उपलब्ध हैं. इसके बावजूद निजीकरण के नाम पर निगम पर अनावश्यक वित्तीय भार बढ़ाकर निगम संपत्ति को खुर्द बोर्ड किया जा रहा है.

इसके विरोध में बांसवाड़ा शहर की योजना के विरोध में कर्मचारी विगत 70 दिन से अनवरत धरने पर हैं. उन्होंने कहा कि निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी कोई अंकुश नहीं लगाया जा रहा है. घाटे का हवाला देकर निजीकरण किया जा रहा है. सरकार को पूर्व एमडी की संपत्तियों की जांच करनी चाहिए और घाटा बताने वाले एमडीयों की संपत्तियों से घाटे की राशि वसूल की जानी चाहिए.

बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी...

भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष भोलानाथ आचार्य ने कहा कि विद्युत के निजीकरण को लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. इसके तहत कर्मचारियों ने एक दिवसीय निजीकरण के खिलाफ धरना दिया है. सरकार ने निजीकरण पर अंकुश नहीं लगाया तो समस्त कर्मचारी निजीकरण के विरोध में बड़ा आंदोलन करेंगे.

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