अजमेर. दो करोड़ की रिश्वत मांगने के मामले में अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को जयपुर एसीबी की टीम बुधवार को अजमेर लेकर पहुंची. यहां पुरानी चौपाटी के समीप आनासागर झील में दिव्या मित्तल की बताई हुई जगह पर एसीबी की टीम ने एसडीआरएफ के जवानों की मदद से झील में उसका मोबाइल खोजने की कवायद की. इस दौरान मोबाइल तो नहीं मिला अलबत्ता एक डीवीडी से भरा बैग हाथ लगा है. जयपुर एसीबी की टीम गुरुवार को दोबारा झील में मोबाइल की खोज करवाएगी.
एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को एसीबी की कार्रवाई की भनक पहले ही लग चुकी थी. कार्रवाई से 1 दिन पहले दिव्या मित्तल अजमेर में जयपुर रोड स्थित एआरजी में अपने फ्लैट पहुंची थी. जहां से उसने 5 से 6 मिठाई के डिब्बे, दो मोबाइल फोन और दो बैग लेकर वह उदयपुर के लिए रवाना हो गई थी. अजमेर लौटते ही एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. एसीबी की पड़ताल में सामने आया कि दिव्या मित्तल ने मोबाइल फोन ब्यावर जाने से पहले आनासागर झील में फेंक दिए थे.
बताया जाता है कि मोबाइल फोन में परिवादी को धमकाने संबंधी सभी चैट्स व्हाट्सएप पर हैं. साथ ही मामले में दलाल की भूमिका में सामने आया सिपाही सुमित कुमार भी लंबे समय से दिव्या मित्तल के संपर्क में था. कार्रवाई से 1 दिन पहले दिव्या मित्तल ने यह सभी सामान कहां ठिकाने लगाया, इसके बारे में जयपुर एसीबी गहनता से जांच कर रही है. इसी कड़ी में बुधवार को रिमांड अवधि में दिव्या मित्तल को एसीबी अजमेर लेकर पहुंची. दिव्या मित्तल से उस स्थान की तस्दीक करवाई गई जहां उसने अपने दो मोबाइल आनासागर झील में फेंके थे.
झील से मोबाइल खोजने के लिए जयपुर एसीबी की टीम ने एसडीआरएफ की मदद ली. एसडीआरएफ की टीम के गोताखोरों ने बताई गई जगह पर झील में गहनता से तलाशी की. करीब डेढ घंटे की मशक्कत के बाद एसडीआरएफ के जवानों के हाथ में एक छोटा बैग मिला जिसमें कई डीवीडी थी. झील से बरामद बैग का खुलासा एसीबी ने नहीं किया है. एसडीआरएफ के कमांडेंट करणी सिंह ने बताया कि मुख्यालय से आनासागर झील में मोबाइल खोजने के आदेश मिले थे. उसकी पालना में एसीबी टीम के साथ मिलकर मोबाइल खोजने की कवायद की जा रही है.
मामले पर एक नजर
एनडीपीएस एक्ट के मामले में आरोपी परिवादी का नाम प्रकरण से हटाने की एवज में अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ने दो करोड़ रुपए की घूस मांगी थी. परिवादी ने जयपुर एसीबी को इसकी शिकायत की थी. शिकायत का सत्यापन करने के बाद रंगे हाथों पकड़ने के लिए एसीबी ने जाल बिछाया लेकिन दिव्या मित्तल के दलाल सुमित कुमार को भनक लग गई और वह फरार हो गया. इसके बाद जयपुर एसीबी की टीम ने कोर्ट से सर्च वारंट जारी करवाकर दिव्या मित्तल के 5 ठिकानों पर कार्रवाई की थी, लेकिन इसकी भी दिव्या मित्तल को 1 दिन पहले ही भनक लग गई थी. एसीबी ने दिव्या मित्तल को गिरफ्तार कर 20 जनवरी तक रिमांड पर लिया है.
झील में मोबाइल खोजने के दौरान कार में बैठी रही दिव्या
रिमांड अवधि में पूछताछ के दौरान एसीबी ने दिव्या मित्तल के दोनों मोबाइल के बारे में पड़ताल की तो पाया कि वह मोबाइल उसने आनासागर झील में फेंक दिए थे. पड़ताल में यह भी सामने आया कि मिठाई के डिब्बे और दो बैग भी दिव्या मित्तल ने ठिकाने लगाए हैं. यही वजह थी कि रिमांड अवधि के दौरान दिव्या मित्तल को जयपुर एसीबी अजमेर लेकर पहुंची. आनासागर झील के किनारे पाथवे पर एसीबी और एसडीआरएफ की टीम थी लेकिन दिव्या पूरे समय कार में ही बैठी रही.
कल फिर झील में खोजा जाएगा मोबाइल
जानकारी के अनुसार बुधवार को काफी मशक्कत के बावजूद झील से दिव्या मित्तल के दोनों मोबाइल बरामद नहीं हुए. ऐसे में जयपुर एसीबी और एसडीआरएफ के जवानों की मदद से कल भी झील में मोबाइल की तलाश की जाएगी.