नसीराबाद (अजमेर). कोटा मार्ग स्थित 150 पलंगो वाले क्षेत्र के सबसे बड़े राजकीय सामान्य चिकित्सालय में अस्पताल प्रबंधन की मनमानी के कारण व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने कोरोना काल में आमजन को राहत पहुंचाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है, किन्तु स्थानीय अस्पताल प्रबंधन की मनमानी के कारण सरकार के आमजन को राहत पहुंचाने के सभी प्रयास दम तोड़ते नजर आ रहे है. मंगलवार को जब ETV भारत की टीम राजकीय सामान्य चिकित्सालय के हालातों का जायजा लेने पहुंची, तो देखा ओपीडी में 7 डॉक्टर नजर आए और एक डॉक्टर को दिखाने के लिए मरीज घंटो से इंतजार करते नजर आए.
एक मरीज के परिजन ने रोष प्रकट करते हुए बताया कि डॉक्टर पीयूष कुलदीप राउंड पर जाने की कहकर गए थे, किन्तु दो घंटे हो गए डॉक्टर साहब वापिस नहीं आए. प्रयोगशाला और मरीज पर्ची काउंटर के बाहर भी मरीजों की खासा भीड़ थी. वही स्त्री रोग विभाग के बाहर भी महिलाओं की भारी भीड़ जमा थी. जहाँ पर अस्पताल प्रबंधन की मनमानी के कारण कोरोना को लेकर जारी गाइड लाइन की धज्जियां उड़ती नजर आई.
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गर्मी में स्त्री रोग विभाग के बाहर पंखों की, पीने के पानी की और बैठने की माकूल व्यवस्था नहीं होने के कारण महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि करीब 6 माह से ऑक्सीजन सयंत्र का कार्य भी अधूरा पड़ा है. चिकित्सा महकमें के संयुक्त निदेशक इंदरजीत सिंह ने भी नसीराबाद अस्पताल का निरीक्षण कर अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं में सुधार करने के अस्पताल प्रभारी को निर्देश दिए थे. इसके बावजूद भी व्यवस्थाएं सुधरने के नाम नहीं ले रहे है. गौरतलब है कि अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ, नाक, कान, गला, हड्डी रोग विशेषज्ञ और सोनोग्राफी चिकित्सक नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है.