ETV Bharat / state

अजमेर ईद-उल-जुहा के मौके पर बकरा मंडी में बकरों की आई तरह-तरह की नस्लें - Ajmer news

ईद-उल-जुहाजैसे जैसे नजदीक आ रही है अजमेर की बकरा मंडी में खरीद फरोख्त बढ़ने लगी है. मंडी में जानवरों  की बेहतरीन नस्लें देखी जा रही है, तो खास कर पंजाबी, तुर्की ओर भरभरी नस्लें तवज्जो का मरकज बनी हुई हैं. मंडी में 10 हजार रुपये से लेकर एक लाख पचास हजार रुपये तक के जानवर की खरीद फरोख्त के लिए आय हुए है.

बकरा मंडी में बकरों की आई तरह-तरह की नस्लें
author img

By

Published : Aug 8, 2019, 9:12 AM IST

अजमेर. ईद-उल-जुहा के लिए अजमेर की बकरा मंडी में खरीद फरोख्त धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. वहीं लोग मुख्तलिफ किस्मों की नस्लों के बकरे खरीद फरोख्त के लिए पहुंचे हुए है.कुर्बानी के लिए इन मुख्तलिफ किस्मों के जानवरों की खरीदारी करने के लिए यूपी, मध्यप्रदेश,गुजरात से खरीदार अजमेर पहुंचे है.

बकरा मंडी में बकरों की आई तरह-तरह की नस्लें

फिलहाल मुल्क के कई इलाकों में बारिश की वजह से ताजीरों को माकूल दाम भी मिलना मुश्किल हो रहा है. यूपी से भी जानवरों के ताजीरों ने अजमेर में ही डेरा डाला हुआ है,हालांकि ताजिर तो मंडी को हल्का बता रहे है, लेकिन खरीदार खुद पहुंचकर जानवरों की आसमान छूते दाम सुनकर ही मायूस हो रहे है.ताजीरों का मानना है कि उनके जानवर खूबसूरत है इस लिये दाम भी ऐसे ही है.

पढ़ेंःसंगीत की प्रतिभाएं अनदेखी का शिकार, ब्यावर में एकमात्र संगीत विद्यालय, उसमें भी शिक्षक नहीं

वहीं कुर्बानी के लिए सेहतमंद और खूबसूरत जानवर खरीदना अब महंगा नजर आता है. मंडी में जानवरों के दाम दस हजार रुपये से शुरू होकर एक लाख पचास हजार रुपये तक पहुंच गए है.खास बात ये है कि खरीदार रकम की तरफ नहीं बल्कि जानवरों की खूबसूरती ओर नस्ल पर ज़्यादा तवज्जों दी रहे है.मंडी में बेहतरीन नस्ल के जानवर तवज्जों का मरकज बने हुए है.

अजमेर. ईद-उल-जुहा के लिए अजमेर की बकरा मंडी में खरीद फरोख्त धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. वहीं लोग मुख्तलिफ किस्मों की नस्लों के बकरे खरीद फरोख्त के लिए पहुंचे हुए है.कुर्बानी के लिए इन मुख्तलिफ किस्मों के जानवरों की खरीदारी करने के लिए यूपी, मध्यप्रदेश,गुजरात से खरीदार अजमेर पहुंचे है.

बकरा मंडी में बकरों की आई तरह-तरह की नस्लें

फिलहाल मुल्क के कई इलाकों में बारिश की वजह से ताजीरों को माकूल दाम भी मिलना मुश्किल हो रहा है. यूपी से भी जानवरों के ताजीरों ने अजमेर में ही डेरा डाला हुआ है,हालांकि ताजिर तो मंडी को हल्का बता रहे है, लेकिन खरीदार खुद पहुंचकर जानवरों की आसमान छूते दाम सुनकर ही मायूस हो रहे है.ताजीरों का मानना है कि उनके जानवर खूबसूरत है इस लिये दाम भी ऐसे ही है.

पढ़ेंःसंगीत की प्रतिभाएं अनदेखी का शिकार, ब्यावर में एकमात्र संगीत विद्यालय, उसमें भी शिक्षक नहीं

वहीं कुर्बानी के लिए सेहतमंद और खूबसूरत जानवर खरीदना अब महंगा नजर आता है. मंडी में जानवरों के दाम दस हजार रुपये से शुरू होकर एक लाख पचास हजार रुपये तक पहुंच गए है.खास बात ये है कि खरीदार रकम की तरफ नहीं बल्कि जानवरों की खूबसूरती ओर नस्ल पर ज़्यादा तवज्जों दी रहे है.मंडी में बेहतरीन नस्ल के जानवर तवज्जों का मरकज बने हुए है.

Intro:ईद उल अज़हा जैसे जैसे नज़दीक आ रही है अजमेर की बकरा मंडी में खरीदो फरोख्त बढ़ने लगी है। मंडी में जानवरों  की बेहतरीन नस्लें देखी जा रही है तो खास कर पंजाबी, तुर्की ओर भरभरी नस्लें तवज्जो का मरकज़ बनी हुई हैं। मंडी में 10 हज़ार रुपये से लेकर एक लाख पचास हज़ार रुपये तक के जानवर खरीदो फरोख्त के लिए आय हुए है।





Body:कद में लम्बाई ओर बड़े बड़े कानों वाले बकरे ओर दूसरी जानिब तुर्की के दुम्बे तवज्जो का मरकज़ बने हुए है। ये नज़ारा अजमेर की बकरा मंडी का है जहाँ मुख्तलिफ किस्मों की नस्लों के बकरे खरीद फरोख्त के लिए पहुंचे हुए है।कुर्बानी के लिए इन मुख्तलिफ किस्मो के जानवरों की खरीदारी करने के लिए यूपी, मध्यप्रदेश,गुजरात से खरीदार अजमेर पहुंचे है। फिलहाल मुल्क के कई इलाकों में बारिश की वजह से ताज़ीरों को माकूल दाम भी मिलना मुश्किल हो रहा है।



यूपी से भी जानवरों के ताज़ीरों ने अजमेर में ही डेरा डाला हुआ है। हालांकि ताजिर तो मंडी को हल्का बता रहे है। लेकिन खरीदार खुद पहुंचकर जानवरों की आसमान छूते दाम सुनकर ही मायूस हो रहे है। ताज़ीरों का मानना है कि उनके जानवर खूबसूरत है इस लिये दाम भी एसे ही है।



Conclusion:अल्लाह की राह में कुर्बानी के लिए सेहतमंद ओर खूबसूरत जानवर खरीदना अब महँगा नज़र आता है।मंडी में जानवरों के दाम दस हज़ार रुपये से शुरू होकर एक लाख पचास हज़ार रुपये तक पहुंच गए है। खास बात ये है कि खरीदार रकम की तरफ नही बल्कि जानवरों की खूबसूरती ओर नस्ल पर ज़्यादा तवज्जो दी रहे है।ओर बगैर किसी एब का जानवर देख भाल कर खरीद रहे है।



मंडी में बेहतरीन नस्ल के जानवर तवज्जो का मरकज़ बने हुए है।ईद उल अज़हा से क़ब्ल मंडी में भारी तेज़ी देखी जा सकती है।वजह है कि लोग वक्त से क़ब्ल जानवर की खरीदो फरोख्त कर रहे है।

बाईट-इमरान अहमद

बाईट-मोहम्मद यूनस काजी ( टोपी वाले शक्श)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.