अजमेर. एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे से नाम हटाने की एवज में परिवादी से दिव्या मित्तल ने 2 करोड़ रुपए की डिमांड की थी. आरोपी दिव्या मित्तल की ओर से एडवोकेट प्रीतम सिंह सोनी ने कोर्ट में पैरवी की. जयपुर एसीबी टीम ने कोर्ट में दिव्या मित्तल को 4 दिन के रिमांड पर लेने की अर्जी लगाई थी. इस पर आरोपी पक्ष के वकील ने आपत्ति जताई.
दिव्या मित्तल की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि जयपुर एसीबी ने सर्च रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की है, जबकि सर्च रिपोर्ट मीडिया में आ चुकी है. इसलिए दिव्या मित्तल को रिमांड पर जयपुर एसीबी को नहीं दिया जा सकता. दोनों पक्ष की ओर से बहस सुनने के बाद कोर्ट ने 20 मिनट का समय लिया और उसके बाद दिव्या मित्तल को 20 जनवरी तक रिमांड पर एसीबी को सौंपा है.
जयपुर एसीबी के डीवाईएसपी मांगीलाल ने बताया कि अजमेर एसीबी कोर्ट में दिव्या मित्तल को पेश किया गया है. कोर्ट ने उन्हें 20 जनवरी तक रिमांड पर जयपुर एसीबी को सौंपा है. जयपुर एसीबी ने सोमवार को अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के अजमेर कार्यालय और फ्लैट समेत, उदयपुर, झुंझुनू और जयपुर में 5 ठिकानों पर सर्च की कार्यवाही की थी. इससे पहले जयपुर एसीबी ने सर्च वारंट कोर्ट से जारी करवाया था.
2 तरीके से सत्यापन : बता दें कि दिव्या मित्तल पर परिवादी से दो करोड़ रुपए रिश्वत मांगने का आरोप है. परिवादी ने जयपुर एसीबी टीम को शिकायत की थी. बताया था कि उसे गवाह की जगह नशीली दवा और अवैध दवा के मामले में आरोपी बनाया गया था. केस से नाम हटाने की एवज में उससे 2 करोड़ रुपए की डिमांड की गई थी. परिवादी की शिकायत का सत्यापन जयपुर एसीबी टीम ने 2 तरह से किया. इसमें एक बर्खास्त कांस्टेबल सुमित कुमार की भूमिका दलाल के रूप में सामने आई. सत्यापन में पुष्टि होने के बाद एसीबी ने आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया था लेकिन शक होने पर दलाल मौके से फरार हो गया. इस कारण एसीबी का ट्रैप फेल हो गया था.
परिवादी से यह बोली थी पैसे दो नहीं तो जाओ जेल : 2 करोड़ रुपए रिश्वत की डिमांड करने वाली एसपी दिव्या मित्तल ने परिवादी को पैसे नहीं देने पर जेल भेजने की धमकी दी थी. इतना ही नहीं दो करोड़ रुपए की डिमांड रखने से पहले परिवादी को उदयपुर के नेचर हिल रिसॉर्ट में बुलाया गया. कथित तौर पर कमरे में जाने से पहले उसके जूते और जैकेट बाहर ही उतरवा लिए गए थे. इसके बाद भी उसकी गहनता से तलाशी ली गई. कमरे में जाने के बाद उससे 2 करोड़ की डिमांड की गई, रुपए नहीं देने पर उसे जेल करवाने की धमकी भी दी गई. उससे कहा गया कि ऊपर तक पैसे देने पड़ते हैं, पैसे दोगे तो ठीक रहेगा वरना जेल जाना पड़ेगा.
परिवादी आया एसीबी के पास : परिवादी ने जयपुर एसीबी को शिकायत में बताया था कि हरिद्वार में जेपीईई ड्रग्स के नाम से उसकी दवा बनाने की फैक्ट्री है. 23 दिसंबर को अजमेर एसओजी के एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल हरिद्वार फैक्ट्री में स्टाफ है विवेक से मेरी और उसको कहा कि अजमेर में साइको ट्रोपिक ड्रग से संबंधित तीन मुकदमे दर्ज हुए हैं. इन मुकदमों में बरामद नशीली और अवैध दवाइयो की खेप में से कुछ दवाइयां आपकी फैक्ट्री से बनी है. स्टाफ हेड विवेक ने एएसपी दिव्या मित्तल की बात परिवादी से कराई.
बातचीत में एडिशनल एसपी ने उसे नोटिस इश्यू करने की बात कही थी. नोटिस में एनडीपीएस एक्ट में एसओजी कार्यालय अजमेर में उपस्थित होने के लिए लिखा गया था. 2 जनवरी को 2023 को परिवादी अजमेर एसपी कार्यालय में दिव्या मित्तल से मिला था. यहां उसे गिरफ्तार करने का डर दिखाया और उससे कहा गया कि दस्तावेज अधूरे हैं. उसे धमकाया कि आप गलत कार्य करते हो. परिवादी ने दिव्या मित्तल को कहा था कि बिना बिल के कोई दवा फैक्ट्री से बेची नहीं जाती है. बावजूद इसके वह नहीं मानी.
3 जनवरी को वापस परिवादी को दिव्या मित्तल ने फिर बुलाया और कहा कि उदयपुर रोड पर जाओ वहां तुम्हें एक फोन आएगा उससे बात कर लेना. आधे घंटे बाद मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल भी आ गया. उधर से बातचीत करने वाले ने कहा कि दिव्या मैडम ने आपसे बातचीत करने के लिए कहा है मैं सुमित बोल रहा हूं. सुमित ने परिवादी से कहा कि आप नाथद्वारा आ जाओ. नाथद्वारा पहुंचने के बाद सुमित ने परिवादी को उदयपुर बुलाया. उदयपुर पहुंचने के बाद एक गाड़ी के शोरूम में बुलाया. इसके बाद परिवादी की गाड़ी के आगे और पीछे दो गाड़ियां लगवा कर एस्कॉर्ट कर उसे नेचर हिल रिसॉर्ट ले जाया गया.
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दलाल ने करवाई थी परिवादी की बात : रिसोर्ट पहुंचने के बाद दलाल सुमित कुमार ने परिवादी की फोन पर दिव्या मित्तल से बात करवाई थी. फोन पर दिव्या मित्तल ने कहा कि सुमित जैसा कह रहा है वैसा कर लो. उसके बाद दलाल सुमित कुमार ने दो करोड़ रुपए की डिमांड की और उसे की गिरफ्तार होने का डर भी दिखाकर घूस की रकम 2 दिन में देने की बात कहकर उसे वापस एस्कॉर्ट करवा कर छोड़ दिया.
सत्यापन करवाया तो आई असलियत सामने : परिवादी की शिकायत का सत्यापन करने के लिए एसीबी ने परिवादी को वॉइस रिकॉर्डर दिया था. अजमेर सिटी कार्यालय पहुंचकर एडिशनल एसपी से परिवादी ने संपर्क किया. वहीं, दलाल सुमित की ओर से पूर्व में मांगी गई दो करोड़ रुपए रिश्वत की राशि देने की मंशा जाहिर की और कहा की उनके अकेले के बस में नहीं है ऊपर भी देना पड़ता है.
परिवादी ने दिव्या मित्तल से कहा कि वह 10 लाख रुपए दे सकता है. इस पर एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ने कहा कि यह कोई बनिया की दुकान नहीं है तुम भी समझो यह दाग है जीवन भर के लिए. मामला बहुत सीरियस है बारगेनिंग मत करो पहले जो तय हो चुका है वही करना पड़ेगा. एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल बोली कि प्रकरण में गिरफ्तार हुए गुरनानी और 2-3 अन्य लोगों को भी इसी तरह समझाया था लेकिन वह नहीं माने और उन्हें गिरफ्तार होना पड़ा. इस पर परिवादी ने 25 लाख रुपए अभी देने और 25 लाख 1 फरवरी तक देने के लिए कहा. एडिशनल एसपी मित्तल ने रुपए उदयपुर में देने के लिए कहा लेकिन परिवादी ने रुपए यहीं पर देने की बात कही. परिवादी ने एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल से कहा कि वह उदयपुर नहीं जाएगा वह पहले भी वहां जाकर काफी डर चुका है. तब मित्तल ने कहा कि डरने की जरूरत नहीं है वह रिसॉर्ट हमारा ही है.
3 एनडीपीएस एक्ट के मामले : 23 मई 2021 को जयपुर की विश्वकर्मा पुलिस ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के एक टेंपो को पकड़ा था. तलाशी में पुलिस को 5 करोड़ की दवाइयां मिली. पुलिस ने मोहम्मद ताहिर नाम के एक युवक को भी गिरफ्तार किया था. 24 मई 2021 को अजमेर के रामगंज क्षेत्र में स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के एक गोदाम पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने साढ़े 5 करोड़ की दवाइयां बरामद की थी. 1 जून 2021 को अलवर गेट थाना और रामगंज थाना पुलिस ने 5 करोड़ 53 लाखों रुपए की कीमत की अवैध दवाइयां बरामद की. इन दवाइयों में टेबलेट, सिरप और इंजेक्शन भी शामिल थे. प्रतिबंधित नशीली दवाओं की तस्करी के मामले में अजमेर के दवा कारोबारी श्यामसुंदर मुंडा को मेड़ता की एक होटल से गिरफ्तार किया गया था.