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अजमेर स्मार्ट सिटी का डर्टी टॉयलेट, यहां की तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रहीं - राजस्थान न्यूज

कहने को अजमेर स्मार्ट सिटी है लेकिन शहर को साफ रखने का दावा झूठा नजर आ रहा है. अजमेर में शौचालयों की साफ-सफाई व्यवस्था इतनी बुरी स्थिति में है कि महामारी के इस समय में कोई इन शौचालयों का उपयोग करने से पहले ही घबरा जाएगा.

Rajastha news  अजमेर स्मार्ट सिटी का डर्टी टॉयलेट
अजमेर स्मार्ट सिटी का डर्टी टॉयलेट
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Published : Mar 22, 2021, 3:00 PM IST

अजमेर. राजस्थान का ह्रदय कहा जाने वाला अजमेर इस समय स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत अपनी कायापलट का आनंद ले रहा है लेकिन यह आनंद आम लोगों को पूरी तरह से महसूस हो पा रहा. इसका कारण है शहर में जगह-जगह बिखरी गंदगी. नगर निगम प्रशासन शहर को साफ और स्वच्छ दिखाने के लिए स्वच्छता ऐप के जरिए लोगों को जागरूक करने में लगा है. वहीं अजमेर में कई कोने ऐसे हैं, जिनकी सफाई की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है.

अजमेर स्मार्ट सिटी का डर्टी टॉयलेट

ईटीवी भारत आपको लेकर चलता हैं ऐसी ही एक सच्चाई दिखाने जी हां आज हम आपको लेकर आए हैं. अजमेर की केंद्रीय बस स्टैंड जहां शौचालयों की हालत इतनी दयनीय है कि व्यक्ति वहां शौच के लिए जाने से पहले एक हजार बार सोचता है. शौचालयों की साफ-सफाई व्यवस्था इतनी बुरी स्थिति में है कि महामारी के इस समय में कोई इन शौचालयों का उपयोग करने से पहले ही घबरा जाएगा. जब इस मामले में हमारे कैमरे की नजर शौचालय के आस-पास पड़ी तो शौचालय के बाहर गंदगी बिखरी पड़ी थी. प्लास्टिक की बोतलें कागज थैलियां आदि फैले हुए थे. सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि महिला शौचालय के बाहर तो एक बोर्ड तक नहीं लगा हुआ. जिससे ये पता चल पाए कि महिला शौचालय कौन सा है और पुरुष शौचालय कौन सा है. ऐसे में अजमेर के बाहर से आने वाली यात्री महिलाओं को शौचालय खोजने में ही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

यह भी पढ़ें. रेगिस्तान में तूफानी बवंडर: देर रात धूल भरी आंधी ने मचाया कहर, घरों की छत उड़ी...जनजीवन प्रभावित

क्या बोले नगर निगम के पार्षद सुने

इस मामले में हमने नगर निगम के पार्षद नरेंद्र तुनवाल से भी बातचीत कि उन्होंने बस स्टैंड स्थित शौचालय की स्थिति पर अफसोस जताते हुए कहा कि बस स्टैंड के जरिए शहर के बाहर से लोग अजमेर आते हैं. हम बस स्टैंड के बाहर बड़े शब्दों में लिखते हैं कि अजमेर में आपका स्वागत है लेकिन ऐसे गंदगी के आलम में अपना स्वागत कौन करवाना चाहेगा. शौचालय के बाहर मुख्यमंत्री का संदेश ही साफ शब्दों में लिखा हुआ है कोरोना अभी गया नहीं है सतर्कता की जरूरत है. ऐसे में जब प्रशासन ही सतर्क नहीं है तो आम जनता से सतर्कता की उम्मीद कैसे की जा सकती है.

कैमरे में कैद तस्वीर बाहर लघुशंका करते हुए लोग

कैमरे की नजर में कई ऐसे भी लोग आए जो शौचालय के बाहर ही लघुशंका करते हुए नजर आए, जब शौचालय ही इतने गंदे हो तो कोई इनके अंदर दाखिल होने की हिम्मत भी कैसे कर सकता है. इसीलिए केंद्रीय बस स्टैंड के लिए कई कोने ऐसे हैं, इन्हीं लोगों ने शौच त्याग के लिए चुन रखा है. प्रशासन द्वारा अभय कमांड सेंटर के जरिए गंदगी फैलाने वालों पर नजर रखी जा रही है और उन पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है लेकिन शायद अजमेर के केंद्रीय बस स्टैंड पर ध्यान देने की सुध अभी तक प्रशासन नहीं ले पाया है. हम उम्मीद करते हैं कि हमारा यह संदेश जिला प्रशासन तक पहुंचे. जिससे अजमेर के केंद्रीय बस स्टैंड की भी स्थिति में सुधार हो सके. यदि ऐसा होता है तो सच में अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने की कवायद में एक कदम और आगे बढ़ जाएगा.

यह भी पढ़ें. टीकाराम जूली का बहरोड़ दौरा, कहा-तीनों ही उपचुनाव में अच्छा आएगा नतीजा, यहां से कांग्रेस पार्टी होगी विजयी

स्मार्ट सिटी का अजमेर को मिला तमगा

बता दें कि अजमेर को स्मार्ट सिटी का तमगा भी मिल चुका है. अब ऐसे में जब शहर के लोग ही स्मार्ट नहीं है तो स्मार्ट सिटी के तमके की आखिर क्या जरूरत. इन तस्वीरों से तो और कुछ ही बयां हो रहा है. स्मार्ट सिटी डर्टी टॉयलेट इस आलम से तो यह नाम सटीक साबित होता है, जहां गंदगी का आलम चारों तरफ पसरा हुआ है और स्मार्ट सिटी के अधिकारी स्मार्ट शहर होने का दावा कर रहे हैं तो आखिर कैसे उन्हें स्मार्ट सिटी की रैंकिंग मिल पाएगी यह कह पाना बड़ा मुश्किल है.

अजमेर. राजस्थान का ह्रदय कहा जाने वाला अजमेर इस समय स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत अपनी कायापलट का आनंद ले रहा है लेकिन यह आनंद आम लोगों को पूरी तरह से महसूस हो पा रहा. इसका कारण है शहर में जगह-जगह बिखरी गंदगी. नगर निगम प्रशासन शहर को साफ और स्वच्छ दिखाने के लिए स्वच्छता ऐप के जरिए लोगों को जागरूक करने में लगा है. वहीं अजमेर में कई कोने ऐसे हैं, जिनकी सफाई की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है.

अजमेर स्मार्ट सिटी का डर्टी टॉयलेट

ईटीवी भारत आपको लेकर चलता हैं ऐसी ही एक सच्चाई दिखाने जी हां आज हम आपको लेकर आए हैं. अजमेर की केंद्रीय बस स्टैंड जहां शौचालयों की हालत इतनी दयनीय है कि व्यक्ति वहां शौच के लिए जाने से पहले एक हजार बार सोचता है. शौचालयों की साफ-सफाई व्यवस्था इतनी बुरी स्थिति में है कि महामारी के इस समय में कोई इन शौचालयों का उपयोग करने से पहले ही घबरा जाएगा. जब इस मामले में हमारे कैमरे की नजर शौचालय के आस-पास पड़ी तो शौचालय के बाहर गंदगी बिखरी पड़ी थी. प्लास्टिक की बोतलें कागज थैलियां आदि फैले हुए थे. सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि महिला शौचालय के बाहर तो एक बोर्ड तक नहीं लगा हुआ. जिससे ये पता चल पाए कि महिला शौचालय कौन सा है और पुरुष शौचालय कौन सा है. ऐसे में अजमेर के बाहर से आने वाली यात्री महिलाओं को शौचालय खोजने में ही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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क्या बोले नगर निगम के पार्षद सुने

इस मामले में हमने नगर निगम के पार्षद नरेंद्र तुनवाल से भी बातचीत कि उन्होंने बस स्टैंड स्थित शौचालय की स्थिति पर अफसोस जताते हुए कहा कि बस स्टैंड के जरिए शहर के बाहर से लोग अजमेर आते हैं. हम बस स्टैंड के बाहर बड़े शब्दों में लिखते हैं कि अजमेर में आपका स्वागत है लेकिन ऐसे गंदगी के आलम में अपना स्वागत कौन करवाना चाहेगा. शौचालय के बाहर मुख्यमंत्री का संदेश ही साफ शब्दों में लिखा हुआ है कोरोना अभी गया नहीं है सतर्कता की जरूरत है. ऐसे में जब प्रशासन ही सतर्क नहीं है तो आम जनता से सतर्कता की उम्मीद कैसे की जा सकती है.

कैमरे में कैद तस्वीर बाहर लघुशंका करते हुए लोग

कैमरे की नजर में कई ऐसे भी लोग आए जो शौचालय के बाहर ही लघुशंका करते हुए नजर आए, जब शौचालय ही इतने गंदे हो तो कोई इनके अंदर दाखिल होने की हिम्मत भी कैसे कर सकता है. इसीलिए केंद्रीय बस स्टैंड के लिए कई कोने ऐसे हैं, इन्हीं लोगों ने शौच त्याग के लिए चुन रखा है. प्रशासन द्वारा अभय कमांड सेंटर के जरिए गंदगी फैलाने वालों पर नजर रखी जा रही है और उन पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है लेकिन शायद अजमेर के केंद्रीय बस स्टैंड पर ध्यान देने की सुध अभी तक प्रशासन नहीं ले पाया है. हम उम्मीद करते हैं कि हमारा यह संदेश जिला प्रशासन तक पहुंचे. जिससे अजमेर के केंद्रीय बस स्टैंड की भी स्थिति में सुधार हो सके. यदि ऐसा होता है तो सच में अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने की कवायद में एक कदम और आगे बढ़ जाएगा.

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स्मार्ट सिटी का अजमेर को मिला तमगा

बता दें कि अजमेर को स्मार्ट सिटी का तमगा भी मिल चुका है. अब ऐसे में जब शहर के लोग ही स्मार्ट नहीं है तो स्मार्ट सिटी के तमके की आखिर क्या जरूरत. इन तस्वीरों से तो और कुछ ही बयां हो रहा है. स्मार्ट सिटी डर्टी टॉयलेट इस आलम से तो यह नाम सटीक साबित होता है, जहां गंदगी का आलम चारों तरफ पसरा हुआ है और स्मार्ट सिटी के अधिकारी स्मार्ट शहर होने का दावा कर रहे हैं तो आखिर कैसे उन्हें स्मार्ट सिटी की रैंकिंग मिल पाएगी यह कह पाना बड़ा मुश्किल है.

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