अजमेर. जिले के ककलाना में अवैध रूप से पेट्रोलियम पदार्थ की बिक्री (Big action of Logistics Department in Kaklana) का मामला सामने आया है. सूचना पर जिला रसद विभाग की ओर से कार्रवाई की गई, जहां से भारी मात्रा में नकली डीजल जब्त किया गया. कार्रवाई के बाद ईटीवी भारत से मुखातिब हुए रसद अधिकारी विनय कुमार शर्मा (one arrested with spurious diesel) ने बताया कि सुनसान क्षेत्र में पेट्रोल पंप की तरह यूनिट लगा कर आरोपी मिलावटी पेट्रोल-डीजल बेचने का काम करते थे, जो पिछले लंबे समय से चल रहा था. मौके से एक युवक को दबोचा गया है. जबकि इस धंधे में संलिप्त एक अन्य आरोपी फरार हो गया. जिसकी तलाश की जा रही है. रसद अधिकारी ने आगे बताया कि मौके से एक नोट गिनने की मशीन भी बरामद की गई है.
जोधपुर गैस दुखांतिका के बाद से ही अजमेर रसद विभाग की टीम लगातार गैस रिफलिंग और मिलावटी पेट्रोलियम पदार्थों के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए हैं. इस मुहिम के तहत रसद अधिकारी विनय कुमार शर्मा के नेतृत्व में शनिवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया. राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर स्थित तबीजी गांव से 6 किलोमीटर भीतर ककलाना गांव के सुनसान क्षेत्र में करीब 5 बीघा जमीन पर चारदीवारी करके अवैध रूप से पेट्रोल पंप संचालित किया जा रहा था. खास बात यह है कि जमीन के नीचे 28 हजार लीटर के टैंक भी बना रखे थे. साथ ही (Big action of Logistics Department in Kaklana) इस जगह से महज 50 मीटर की दूरी पर ही हाई टेंशन लाइन गुजर रही है. रात करीब 3 बजे जब रसद विभाग की टीम ने यहां दबिश दी तो मौके पर मौजूद इस अवैध कारोबार में लिप्त केसरपुरा निवासी नरपत सिंह रावत अपनी एसयूवी कार को फिल्मी स्टाइल में दौड़ा कर उस चारदीवारी के मुख्य गेट को टक्कर मारता हुआ फरार हो गया.
चारदीवारी के भीतर रसद विभाग की टीम ने आदर्श नगर थाना पुलिस के सहयोग से कार्रवाई को अंजाम दिया. मौके से एक बड़ा टैंकर जब्त किया गया है. वहीं, सुमेर नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि अवैध रूप से पेट्रोलियम पदार्थ की बिक्री का यह कारोबार गंगानगर निवासी अभिषेक गोयल संचालित करता था. रसद विभाग को अगस्त 2022 से अब तक के लेन-देन का रिकॉर्ड भी मिला है.
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रसद अधिकारी विनय कुमार शर्मा ने बताया कि मौके से 28 हजार लीटर पेट्रोलियम पदार्थ जब्त किया गया है. जिसे टैंकर से गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से यहां मंगाया गया था. उन्होंने बताया कि ककलाना में सुनसान क्षेत्र में स्थित चारदीवारी के भीतर पेट्रोल पंप की तरह ही आरोपी ने अवैध तरीके से यूनिट लगा रखी थी. शर्मा ने बताया कि इस पेट्रोलियम पदार्थ को हाइड्रो मिन्स कार्बन ऑयल कहा जाता है. उन्होंने बताया कि इस पेट्रोलियम पदार्थ में कलर मिलाकर इसे स्टोरेज किया जाता है और आसपास के गांव में इसकी सप्लाई दी जाती है. बड़े पैमाने पर इस अवैध कारोबार में लिप्त लोग यहां से डीजल पिकअप के जरिए ले जाते हैं. खासकर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोग इस मिलावटी पेट्रोलियम पदार्थ का उपयोग अपनी गाड़ियों में करते हैं.
डीजल से सस्ता: पेट्रोलियम पदार्थ में रंग मिलाकर उसे डीजल की तरह बनाकर बेचने का कारोबार यहां लंबे समय से संचालित हो रहा था. रसद अधिकारी ने बताया कि डीजल के नाम पर यह आरोपी 78 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से डीजल बेचा करता था. उन्होंने बताया कि 20-20 हजार लीटर के भूमिगत टैंकर आरोपी ने मौके पर बना रखे थे. रंग मिलाने के बाद यह पेट्रोलियम पदार्थ हूबहू डीजल की तरह दिखता था. केसरपुरा निवासी नरपत सिंह, अर्जुनपुरा निवासी कालूराम जाट समेत आसपास क्षेत्र के कई लोग पिकअप में बड़े पैमाने पर यहां से इस अवैध पेट्रोलियम पदार्थ को ले जाकर डीजल के नाम से बेचा करते थे.
नसीराबाद थाना में मुकदमा दर्ज: रसद विभाग की कार्रवाई में सुमेर नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. इस दौरान मौके से 28 हजार लीटर पेट्रोलियम पदार्थ, रंग, कई पाइप, मोटर, पेट्रोल पंप पर लगने वाली यूनिट, 20-20 हजार लीटर के भूमिगत टैंकर के साथ ही नोट गिनने की मशीन बरामद की गई है. रसद अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ विभाग की ओर से नसीराबाद थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है.
ऐसे करते थे मिलावट: रसद विभाग की कार्रवाई में बरामद पेट्रोलियम पदार्थ में कलर मिलाकर उसे डीजल के नाम पर बेचा जाता है. डीजल से काफी सस्ता मिलने के कारण लोग इसे खरीद लेते हैं. खासकर ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोग इस सस्ते और मिलावटी डीजल का प्रयोग अपने वाहन में करते हैं. चालक सस्ते दाम पर अपने ट्रक, ट्रेलर या अन्य बड़े वाहनों में इस अवैध और मिलावटी डीजल का प्रयोग करते हैं और ओरिजिनल डीजल एवं मिलावटी डीजल के कीमत के बीच के अंतर की राशि अपनी जेब में रखते हैं. वहीं कई वाहन मालिक भी सस्ते अवैध डीजल का प्रयोग अपने वाहन में करते हैं. साल भर वाहन चलाने के बाद उसे अच्छी कीमत में बेच देते हैं. सेकंड हैंड वाहन खरीदने वाले व्यक्ति को कुछ ही महीनों में बड़ा आर्थिक झटका लगता है. वाहन का इंजन खराब हो जाता है. कार्रवाई में सामने आया है कि ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोग इस अवैध और मिलावटी डीजल के ज्यादा खरीदार थे.
रसद विभाग के अधिकारी विनय कुमार शर्मा ने बताया कि ओरिजिनल डीजल में 820 से 842 डेंनसिटी पाई जाती है, जबकि मिलावटी केमिकल युक्त पेट्रोलियम पदार्थ में 814 से 814 डेनसिटी होती है. पकड़े जाने पर यह पेट्रोलियम पदार्थ नकली नहीं लगता है. उन्होंने बताया कि बीपीसीएल के सेल्स मैनेजर संजय मीणा को मौके पर बुलाकर मिलावटी पेट्रोलियम पदार्थ की जांच की है.