अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से वरिष्ठ अध्यापक संस्कृत (माध्यमिक शिक्षा विभाग) परीक्षा 2022 में खुद की जगह पर डमी अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है. व्यक्तिगत सुनवाई में आरोपी अभ्यर्थी ने बताया कि उसने 5 लाख रुपए में डमी कैंडिडेट से सौदा किया था.
आरपीएससी के सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि वरिष्ठ अध्यापक संस्कृत परीक्षा 2022 का आयोजन 26 दिसंबर, 2022 को और सामान्य ज्ञान एवं शैक्षिक मनोविज्ञान की परीक्षा का आयोजन 29 जनवरी, 2023 को हुआ था. परीक्षा के बाद जारी की गई विचारित सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों की पात्रता जांच का आयोजन 10 से 23 अगस्त, 2023 तक किया गया था. इसके अंतिम परिणाम में 1783 अभ्यर्थियों को मुख्य सूची में सफल घोषित किया गया था.
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सफल अभ्यर्थियों में से 19 अभ्यर्थियों का परिणाम संदेह के आधार पर रोकते हुए विस्तृत आवेदन पत्र और दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई. इसमें आरोपी अभ्यर्थी राम प्रसाद मीणा की ओर से दिए गए विस्तृत आवेदन पत्र पर स्कैन फोटो और चिपकाए गए फोटो साथ ही दोनों परीक्षा केंद्रों पर दिए गए उपस्थित पत्रकों पर मौजूद स्केंड फोटो में काफी अंतर मिला. मामले की जांच आयोग में उपलब्ध अभ्यर्थी के ऑनलाइन रिकॉर्ड से करने पर स्पष्ट हुआ कि अभ्यर्थी के स्थान पर अन्य व्यक्ति की ओर से प्रवेश पत्रों की स्केंड फोटो को रूपांतरित कर परीक्षा दी गई है.
आयोग की ओर से आरोपी अभ्यर्थी को पत्र लिखकर व्यक्तिगत सुनवाई के लिए उपस्थित होने के लिए सूचित किया गया था. मेहता ने बताया कि सुनवाई के दौरान पूछताछ में सामने आया कि आरोपी अभ्यर्थी राम प्रसाद मीणा ने बाड़मेर निवासी व्यक्ति से 5 लाख रुपए में सौदा कर उसे खुद की जगह बैठाया था. इस मामले में अनुसंधान और कानूनी कार्रवाई के लिए आयोग के अनुभाग अधिकारी नमन शर्मा की ओर से सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है. आरोपी अभ्यर्थी और प्रवेश पत्रों में हेरफेर कर अभ्यर्थी की जगह परीक्षा में बैठने वाले व्यक्ति के खिलाफ 14 दिसंबर को थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है.