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अजमेर में महिलाओं ने रखा करवा चौथ का व्रत, मांगी पति की दीर्घायु - करवा चौथ

अजमेर में करवा चौथ का पर्व धूमधाम से मनाया गया. यह पर्व पत्नियां अपने पति की दीर्घायु के लिए करती हैं. इसमें पूरे दिन निराहार और निर्जल रहना पड़ता है. रात को महिलाएं अपने पति को पूजकर चांद को देखकर अपने पति के लिए लंबी उम्र की कामना करती है.

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Published : Oct 18, 2019, 7:39 AM IST

अजमेर. करवा चौथ के अवसर व्रत रखने वाली सुहागिनों को गुरुवार शाम चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार था. महिलाएं पूजन थाली सजाकर सभी चंद्रमा के निकलने के लिए प्रार्थनाएं कर रही थीं. लंबे इंतजार के बाद चांद के दीदार हो ही गए. सुबह से ही महिलाओं ने करवा चौथ की तैयारियां शुरू कर दी थी. महिलाओं द्वारा हाथों में मेहंदी लगा कर और शृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना की.

अजमेर में महिलाओं ने रखा करवा चौथ का व्रत

करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं ने बताया कि उन्होंने सुबह से ही करवा चौथ की तैयारियां शुरू कर दी थी. उन्होंने वह व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना की. शाम को जब चांद नजर आया तो पूजन के बाद छलनी में से अपने पति को देखते हुए उन्होंने व्रत खोला और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए करवा चौथ का व्रत खोला. ईटीवी भारत से बातचीत में महिलाओं ने बताया कि इस व्रत को रखने से उन्हें खुशी के साथ-साथ अपने पति का प्यार मिलता है और वह हर साल करवा चौथ के व्रत का इंतजार भी करती है.

यह भी पढ़ें- करवा चौथ खास: 'राजे' देती थी छुट्टी, राज बदला तो बदल गया आदेश, अब अवकाश की मांग कर रहीं महिलाएं

वहीं कई मुस्लिम महिलाओं द्वारा भी यह व्रत रखा गया. बातचीत में शमा खान ने कहा कि यह व्रत बेहद खास है. जिसका सभी को इंतजार रहता है और हर कोई महिला अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए इस व्रत को रखती है. बताया जाता है कि चंद्र दर्शन शुभ माना गया है. चंद्रमा आयु यश और समृद्धि का भी प्रतीक है. वहीं ज्योतिषाचार्य के अनुसार चंद्रमा अपनी उच्च राशि में है. करवा चौथ पर शिव परिवार की पूजा करने का विधान है, लेकिन मुख्य रूप से गणपति की ही पूजा होती है. विघ्नहर्ता गणेशजी को चतुर्थी का अधिपति देव माना गया है

फ्रांस की लितिशा ने भी रखा व्रत

पुष्कर (अजमेर). तीर्थनगरी पुष्कर में करवा चौथ का पर्व उमंग और उल्लास के साथ मनाया गया. सुहागिनों सहित नवविवाहिताओं ने निर्जला व्रत रख पति की दीर्घायु सहित सुख-समृद्धि की कामनाएं की. इन सबके बीच सात समुद्र पार से आई विदेशी पर्यटका लितिशा ने पूरे पारंपरिक अंदाज में करवा चौथ का पर्व मनाया.

यह भी पढ़ें-करवा चौथ 2019: अलवर में महिलाओं ने लगवाई पति के नाम की मेहंदी

दरअसल, फ्रांस मूल की लितिशा 13 साल पहले पुष्कर के दीपक से शादी कर चुकी हैं और उसे भारतीय परंपराओं और संस्कृति से भी बड़ा लगाव है. इसी के चलते लितिशा शादी से अब तक हर साल अपने पति दीपक के लिए करवा चौथ का व्रत रखती है. वहीं कस्बे में सुहागिन महिलाओं ने भगवान शिव और मां गौरी की पूजा अर्चना कर पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत रखा और रात को चंद्र दर्शन कर व्रत खोला. रात में जैसे ही चांद नजर आया. सुहागिनों ने छलनी में से चंद्र के दर्शन किए. इसके बाद पतियों ने अपनी पत्नियों को जल पिलाकर उनका उपवास खुलवाया और उन्हें उपहार भेंट किए.

अजमेर. करवा चौथ के अवसर व्रत रखने वाली सुहागिनों को गुरुवार शाम चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार था. महिलाएं पूजन थाली सजाकर सभी चंद्रमा के निकलने के लिए प्रार्थनाएं कर रही थीं. लंबे इंतजार के बाद चांद के दीदार हो ही गए. सुबह से ही महिलाओं ने करवा चौथ की तैयारियां शुरू कर दी थी. महिलाओं द्वारा हाथों में मेहंदी लगा कर और शृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना की.

अजमेर में महिलाओं ने रखा करवा चौथ का व्रत

करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं ने बताया कि उन्होंने सुबह से ही करवा चौथ की तैयारियां शुरू कर दी थी. उन्होंने वह व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना की. शाम को जब चांद नजर आया तो पूजन के बाद छलनी में से अपने पति को देखते हुए उन्होंने व्रत खोला और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए करवा चौथ का व्रत खोला. ईटीवी भारत से बातचीत में महिलाओं ने बताया कि इस व्रत को रखने से उन्हें खुशी के साथ-साथ अपने पति का प्यार मिलता है और वह हर साल करवा चौथ के व्रत का इंतजार भी करती है.

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वहीं कई मुस्लिम महिलाओं द्वारा भी यह व्रत रखा गया. बातचीत में शमा खान ने कहा कि यह व्रत बेहद खास है. जिसका सभी को इंतजार रहता है और हर कोई महिला अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए इस व्रत को रखती है. बताया जाता है कि चंद्र दर्शन शुभ माना गया है. चंद्रमा आयु यश और समृद्धि का भी प्रतीक है. वहीं ज्योतिषाचार्य के अनुसार चंद्रमा अपनी उच्च राशि में है. करवा चौथ पर शिव परिवार की पूजा करने का विधान है, लेकिन मुख्य रूप से गणपति की ही पूजा होती है. विघ्नहर्ता गणेशजी को चतुर्थी का अधिपति देव माना गया है

फ्रांस की लितिशा ने भी रखा व्रत

पुष्कर (अजमेर). तीर्थनगरी पुष्कर में करवा चौथ का पर्व उमंग और उल्लास के साथ मनाया गया. सुहागिनों सहित नवविवाहिताओं ने निर्जला व्रत रख पति की दीर्घायु सहित सुख-समृद्धि की कामनाएं की. इन सबके बीच सात समुद्र पार से आई विदेशी पर्यटका लितिशा ने पूरे पारंपरिक अंदाज में करवा चौथ का पर्व मनाया.

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दरअसल, फ्रांस मूल की लितिशा 13 साल पहले पुष्कर के दीपक से शादी कर चुकी हैं और उसे भारतीय परंपराओं और संस्कृति से भी बड़ा लगाव है. इसी के चलते लितिशा शादी से अब तक हर साल अपने पति दीपक के लिए करवा चौथ का व्रत रखती है. वहीं कस्बे में सुहागिन महिलाओं ने भगवान शिव और मां गौरी की पूजा अर्चना कर पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत रखा और रात को चंद्र दर्शन कर व्रत खोला. रात में जैसे ही चांद नजर आया. सुहागिनों ने छलनी में से चंद्र के दर्शन किए. इसके बाद पतियों ने अपनी पत्नियों को जल पिलाकर उनका उपवास खुलवाया और उन्हें उपहार भेंट किए.

Intro:अजमेर/ करवा चौथ पर व्रत रखने वाली सुहागिनों को चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार था पूजन थाली सजाकर सभी चांद निकलने के लिए प्रार्थनाएं कर रही थी वही लंबे इंतजार की घड़ी के बाद चांद के दीदार आखिर हो ही गए जहां सुबह से ही महिलाओं करवा चौथ की तैयारियां जोरो से शुरू कर दी थी महिलाओं द्वारा हाथों में मेहंदी लगा कर और श्रृंगार कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए महिलाओं द्वारा करवा चौथ का व्रत रखा गया जहां करवा चौथ कर रही महिलाओं ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने सुबह से ही करवा चौथ की तैयारियां को कर रखा था और वह भूखी प्यासी रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए जब चांद नजर आया तो छलनी में से अपने पति को देखते हुए उन्होंने व्रत खोला और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए करवा चौथ का व्रत तोड़ा ईटीवी भारत की खास बातचीत में महिलाओं ने बताया कि इस व्रत को रखने से उन्हें खुशी के साथ साथ अपने पति का प्यार मिलता है और वह हर साल करवा चौथ के व्रत का इंतजार भी करती है तो वही मुस्लिम महिलाओं द्वारा भी यह व्रत रखा गया जहां बातचीत में शमा खान ने जानकारी देते हुए कहा कि यह व्रत बेहद खास है जिसका सभी को इंतजार रहता है और हर कोई महिला अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए इस व्रत को करती है क्यों होते हैं चंद्र के दर्शन चंद्रमा को मन का कारक माना गया है चंद्रमा आयु यश और समृद्धि का भी प्रतीक है वही ज्योतिषाचार्य के अनुसार चंद्रमा अपनी उच्च राशि में है वह रोहिणी नक्षत्र के साथ होंगे और रोहिणी कौन की पत्नी कहा गया है करवा चौथ पर शिव परिवार की पूजा करने का विधान है लेकिन मुख्य रूप से गणपति की ही पूजा होती है जहां विघ्नहर्ता गणेश जी को चतुर्थी का अधिपति देव माना गया है


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