अजमेर. शहर में एक एचआईवी पॉजिटिव विधवा ने अपने सुसराल पक्ष के लोगों पर प्रताड़ना और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. उसका आरोप है कि महिला थाने में मुकदमा दर्ज करवाने के बावजूद पुलिस उसका सहयोग नहीं कर रही है. इस कारण मंगलवार को पीड़िता ने एसपी कार्यालय पहुंचकर जांच अधिकारी बदलने की मांग की है. वहीं, महिला थाना प्रभारी विमला चौधरी ने बताया कि पीड़िता ने जेठ, जेठानी और सास के खिलाफ थाने में प्रकरण दर्ज करवाया था. इस मामले में अनुसंधान करके पत्रावली तैयार कर ली गई है. पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा. पीड़िता की ओर से लगाए गए आरोपों को पुलिस ने निराधार बताया है.
पीड़िता ने बताया कि 20 जनवरी 2014 को उसकी शादी हुई थी. पति शादी से पहले से एचआईवी पॉजिटिव था, इस कारण वह भी एचआईवी पॉजिटिव हो चुकी है. जब उसने इस बात का विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई. इस दौरान वो गर्भवती हुई. गर्भावस्था के दौरान उसके एचआईवी पॉजिटिव होने का खुलासा हुआ. गर्भ में पल रहा शिशु भी एचआईवी पॉजिटिव हो गया. जब यह बात सबके सामने आई तो महिला का पति बर्दाश्त नहीं कर पाया और 2015 में उसने खुदकुशी कर ली. पीड़िता ने बताया कि प्रसव के बाद जब वह अपने सुसराल गई, तब भी उसके साथ मारपीट की गई. पीड़िता का आरोप है कि मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस उसका सहयोग नहीं कर रही है. ऐसे में उसने मंगलवार को एसपी कार्यालय पहुंचकर जांच अधिकारी बदलने की मांग की है.
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पुलिस पर परेशान करने का आरोप : नारी निकेतन सदस्य और वकील दिव्या जोशी ने आरोप लगाया है कि प्रकरण संबंधित दस्तावेजों में पुलिस ने आज तक पति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं लगाई है. पीड़िता की 7 वर्ष की बेटी है. महिला थाना पुलिस आरोपी पक्ष के साथ मिली भगत करके पीड़िता को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है. उसे थाने में घंटों बिठाया जाता है. पीड़िता ने अगस्त 2023 में ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और टैंक में धक्का देकर जख्मी करने के मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था. इसके अलावा धोखाधड़ी की धारा में भी केस दर्ज है. उन्होंने बताया कि पीड़िता ने जांच अधिकारी बदलने की एसपी कार्यालय से मांग की है.