अजमेर. थानों में फरियादी की शिकायत दर्ज नहीं होने पर एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाने की राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा पीड़ित को न्याय दिलाने की रही होगी. लेकिन पुलिस खुद गहलोत सरकार के आदेशों को पलीता लगा रही है. फरियादी कई बार थानों के क्षेत्राधिकार में फंसकर बेहाल हो जाता है.
सत्यनारायण का कहना है कि वह अपने अपाहिज बच्चे के इलाज के लिए बुटाटी धाम आया था. 15 अगस्त को वहां से बेटे को लेकर वह अजमेर रेलवे स्टेशन पहुंचा. जहां एसबीआई के एटीएम बूथ से उसने पैसे निकालने की कोशिश की. लेकिन पैसे नहीं निकले इस दौरान एक अज्ञात शख्स ने पैसे निकालने में उसकी मदद की.
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एटीएम से पैसे नहीं निकलने पर वह शक्स रेलवे स्टेशन पर ही दो अन्य एटीएम बूथ पर ले गया. इस दौरान मौका देखकर उस अज्ञात शख्स ने उसका एटीएम कार्ड बदल दिया. सत्यनारायण ने बताया कि तीनों एटीएम मशीन से पैसा नहीं निकलने पर वह अज्ञात शख्स वहां से चला गया. इसके कुछ देर बाद ही उसके मोबाइल पर एसएमएस आए. जिसमें 4 बार में उसके बैंक खाते से 18 हजार रुपये निकलने का संदेश था.
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एसएमएस देखकर उसके होश उड़ गए परेशान सत्यनारायण उसी वक्त अजमेर में एसबीआई बैंक जाकर उसने अपना एटीएम कार्ड ब्लॉक करवा दिया. अपाहिज बीमार बेटे के साथ वह बिना पैसे रेलवे स्टेशन पर भूखे भटकता रहा तब कुछ लोगों ने उसकी मदद की और उसको ट्रेन का किराया दिया. सत्यनारायण के साथ वारदात अजमेर रेलवे स्टेशन परिसर के आसपास हुई है. तो जाहिर है मुकदमा जीआरपी या क्लॉक टावर थाने में दर्ज होना चाहिए. लेकिन पुलिस तो पुलिस है. अजमेर पुलिस भी उसकी मदद करने के बजाय उसे यहां-वहां भटका रही है.