अजमेर. अजमेर रीट कार्यालय स्थित सभागार में हुई ब्लॉक स्तरीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर में हंगामे के बाद पूर्व मंत्री और पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर और उनके पति हाजी इंसाफ अली और बेटे सहित 20 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के विकास अधिकारी ने इन पर राजकीय कार्य में बाधा डालने, सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है.
अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के विकास अधिकारी विजय सिंह चौहान ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दी है. उसके अनुसार मंगलवार को रीट कार्यालय में शांति एवं अहिंसा विभाग और महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की ओर से ब्लॉक स्तरीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर चल रहा था. इस दौरान पूर्व मंत्री एवं पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर, उनके पति हाजी इंसाफ अली, पुत्र अरशद, माजिद कमांडो मुकेश समेत 20 लोग रीट कार्यालय आए और सभागार में चल रही बैठक में हंगामा किया. साथ ही बैठक में मौजूद विकास अधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार भी किया और राजकीय कार्य में बाधा भी डाली. सिविल लाइंस थाना प्रभारी दलबीर सिंह फौजदार ने बताया कि अजमेर ग्रामीण विकास अधिकारी ने नामजद शिकायत दर्ज करायी है. जिसमें पूर्व मंत्री नसीम अख्तर, हाजी इंसाफ अली समेत 20 जनों के खिलाफ राजकीय कार्य में बाधा डालने और सरकारी अधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है.
यह बोली नसीम अख्तर : पूर्व मंत्री एवं पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर ने बताया कि बुधवार को अजमेर ग्रामीण पंचायत के दौहराई ग्राम पंचायत में महंगाई राहत शिविर आयोजित किया गया था. शिविर में लाभ लेने के लिए जगता वहां पहुंची थी लेकिन कोई भी अधिकारी शिविर में नहीं पहुंचे. तब उन्होंने स्वयं विकास अधिकारी विजय सिंह चौहान को फोन कर उनकी अनुपस्थिति का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन समिति की बैठक में हैं. इधर शिविर में लोग परेशान हो रहे थे. विकास अधिकारी शिविर में आने के बजाए रीट कार्यालय गए थे. जब विकास अधिकारी विजय सिंह चौहान से उन्होंने कहा कि यदि गांधी दर्शन समिति की बैठक में ही जाना था तो उन्हें शिविर की तिथि आगे बढ़ा देनी चाहिए थी.
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साथ ही कहा कि विकास अधिकारी विजय सिंह चौहान के खिलाफ 2 वर्ष पहले भी भ्रष्टाचार की शिकायत उन्होंने सीएम से की थी. उस शिकायत का संज्ञान लेते हुए विकास अधिकारी विजय सिंह चौहान का वहां से तबादला कर दिया गया था. लेकिन कांग्रेस के एक बड़े नेता उन्हें वापस यहां ले आए. हमारा गांधी दर्शन समिति की बैठक का विरोध करने का कोई मकसद नहीं था. हम केवल इतना चाहते थे कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की योजनाएं आमजन तक पहुंचे और शिविर सफल रहे. उन्होंने यह भी कहा कि पुष्कर क्षेत्र में जहां भी महंगाई राहत शिविर लगते हैं वहां प्रतिदिन मैं स्वयं जाती हूं और लोगों को योजनाओं का लाभ दिलवाती हूँ. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के खिलाफ बोलना अपराध है तो मैं और मेरा परिवार जेल जाने के लिए भी तैयार है. पूर्व मंत्री एवं पीसीसी उपाध्यक्ष नसीम अख्तर ने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से इस मामले में बातचीत की जाएगी. उसके बाद ही इस प्रकरण पर आगामी रणनीति तय करेंगे.