अजमेर. धार्मिक नगरी अजमेर में सुरक्षा और निगरानी के मद्देनजर पूर्व वसुंधरा सरकार ने शहर में 800 सीसीटीवी कैमरे लगाने की स्वीकृति प्रदान की थी. स्वीकृति को मिले 2 वर्ष बीत चुके हैं. तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शहर में लगने वाले सीसीटीवी कैमरों को नियंत्रण करने के लिए बनाए गए अभय कमांड सेंटर का उद्घाटन भी किया था. अजमेर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि शहर में 800 सीसीटीवी कैमरे लगने हैं फिलहाल 132 सीसीटीवी कैमरे ही लगाए हैं इनमें भी 100 सीसीटीवी कैमरे ही वर्तमान में काम कर रहे हैं.
अजमेर धार्मिक नगरी है, देश और दुनिया से हर रोज यहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं. ऐसे में लोगों की भीड़ में असामाजिक तत्व भी होते हैं. जिनकी मंशा तीर्थ यात्रा की नहीं बल्कि वारदात करने की होती है. शहर में सुरक्षा और निगरानी को लेकर 800 सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए मददगार साबित हो सकते है. वर्तमान में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से पुलिस ने कम समय में कई वारदातें खोलने में कामयाबी भी हासिल की है. हाल ही में दरगाह से अपरण हुई 3 साल की बच्ची का मामला भी इन्हीं सीसीटीवी कैमरे से मिली फुटेज की वजह से सुलझा पाया है. 800 सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद शहर का हर क्षेत्र पुलिस की निगरानी में होगी. वहीं अपराध नियंत्रण के साथ ही अपराधी को पकड़ने में भी पुलिस को मदद मिलेगी. लेकिन 2 साल में भी योजना के अनुरूप शहर में सीसीटीवी कैमरे नहीं लग पाए हैं.
शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की योजना को ठंड लग चुकी है. सरकारी उदासीनता का आलम ऐसा है कि जिस इमारत में अभय कमांड सेंटर संचालित है, उस इमारत से बोर्ड तक हट चुका है. शहर की सुरक्षा और निगरानी को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है.